नहीं रहे शोले के 'रहीम चाचा' 
मुंबई। 
रंगमंच का मझा हुआ कलाकार रविवार को दुनिया को अलविदा कह गया। गुजरे जमाने के मशहूर अभिनेता एके हंगल का रविवार सुबह निधन हो गया। मुंबई के आशा पारेख अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। विले पार्ले स्थित पवन हंस शवदाहगृह में उनका अंतिम संस्कार किया गया। 
hangalबेटे विजय ने अंतिम क्रियाकर्म पूरा किया। हंगल को अंतिम विदाई देने के लिए बॉलीवुड का कोई भी दिग्गज कलाकार नहीं पहुंचा। राकेश बेदी,रजा मुराद,अवतार गिल और गायिका इला अरूण जैसे कुछ कलाकार ही हंगल के अंतिम संस्कार में मौजूद थे।
इससे पहले हंगल की पार्थिव देह को लाल झंडे में लपेट कर अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया। हंगल का शुरूआत से ही वामपंथ की ओर झुकाव रहा था। वह अंतिम वक्त तक सीपीआई के सदस्य बने रहे। 98 साल के हंगल को 16 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 13 अगस्त को हंगल अपने घर में गिर गए थे। पीठ में चोट लगने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया,जहां उनकी सर्जरी हुई। 
सर्जरी होने के बावजूद उनकी सेहत में कोई सुधार नहीं हुआ। बाद में पता चला कि उन्हें सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ है। इसके बाद उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया लेकिन सेहत में कोई सुधार नहीं हुआ। इसके चलते वेंटीलेटर हटा दिया गया। 
हंगल 250 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके हैं। उन्होंने नमक हराम,शोले,शौकीन और आईना जैसी सुपर हिट फिल्मों में काम किया था। उन्हें अंतिम बार टीवी सीरियल मधुबाला में देखा गया था। हंगल की पत्नी का पहले ही निधन हो गया था। उनका बेटा विजय हंगल बॉलीवुड में कैमरामैन व फोटोग्राफर है। विजय की पत्नी का भी 1994 में निधन हो गया था। उनके कोई संतान नहीं है। 

थियेटर में अभिनय किया -
चरित्र अभिनेता पद्म भूषण अवतार किशन हंगल का जन्म एक फरवरी 1914 को कश्मीरी पंडित परिवार में अविभाजित भारत मे पंजाब राज्य के सियालकोट में हुआ था। उनके पिता का नाम पंडित हरी किशन हंगल था। उनका बचपन पेशावर में गुजरा। 
वहां उन्होंने थियेटर में अभियन किया। पिता के रिटायरमेंट के बाद हंगल परिवार पेशावर से कराची आ गया था। बंटवारे के बाद हंगल परिवार 1949 में बंबई आ गया। हंगल तीन साल पाकिस्तान में जेल में भी रहे। साल 1966 से 2005 के अपने फिल्मी करियर में उन्होंने करीब 225 फिल्मों में काम किया। मुंबई में हंगल बलराज साहनी व कैफी आजमी के साथ इप्टा थियेटर से जुड़ गए। 
हंगल ने फिल्मी करियर 50 साल की उम्र में शुरू किया। उनकी पहली फिल्म थी बासु भट्टाचार्य की तीसरी कसम (1966)। उन्होंने नमक हराम,शोले,शौकीन और आईना जैसी सुपर हिट फिल्मों में काम किया। वे हाल ही में टीवी सीरियल मधुबाला में दिखाई दिए थे। 
अंतिम फिल्म -
हंगल आखिरी बार अमोल पालेकर की फिल्म पहेली (2005) में नजर आए। 

रैंप पर भी आए -
आठ फरवरी 2011 को हंगल मुंबई में फैशन डिजाइनर रियाज गांजी के शो में व्हीलचेयर पर आए। 

पद्म भूषण -
सरकार ने हंगल को 2006 में पद्म भूषण से सम्मानित किया।

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