दोस्त की लावारिस स्कार्पियो में मिला फिजा के नाम का पर्चा
चंडीगढ़/मोहाली.
फिजा की मौत का रहस्य गहराता जा रहा है। फिजा अपने आखिरी दिनों में अपने वकील और दोस्त दिलीप महाजन की जिस स्कार्पियो में घूम रही थी, वह लावारिस हालात में अंबाला में मिली है। फिजा ने मरने से एक हफ्ता पहले यह जीप वकील से चलाने के लिए ली थी। कई बार मांगने के बाद भी उसे वापस जीप नहीं लौटाई और कहा था कि जीप उसने हरियाणा में किसी को चलाने के लिए भेजी है। स्कार्पियो से चंडीगढ़ के एक अस्पताल का पर्चा मिला है जो अनुराधा बाली (फिजा का पुराना नाम) के नाम पर बना है। अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कौन लोग थे,जिनके पास स्कार्पियो थी और अब वे इसे लावारिस क्यों छोड़ गए हैं। फिजा के जिस लॉकर से पुलिस को कैश मिला है, वहां से 3 मोबाइल फोन और एक लैपटॉप भी मिला है। पुलिस ने वे दो मोबाइल पहले ही जब्त कर लिए थे, जिनसे फिजा अपने जानकारों से बातचीत करती थी। इन पांचों मोबाइल फोन को जांच के लिए सीएफएसएल भेजा जाएगा। शनिवार को फिजा के बैंक लॉकर भी खुलवाए जाएंगे। शुक्रवार को बैंक में छुट्टी होने के कारण लॉकर नहीं खोला जा सका था। फिजा के सात बैंक खातों में ज्यादा रकम नहीं मिली है। इस बीच, फिजा को मुखाग्नि देने वाले चाचा सतपाल के बारे में जो जानकारियां सामने आ रही हैं, उनके आधार पर उनका रोल संदिग्ध होता जा रहा है। फिजा की मौत के बाद सतपाल उनके घर में घुसकर कुछ ले जाने का प्रयास करता पाया गया। तब पुलिस ने उन्हें भगा दिया था। फिजा जब जिंदा थी, तब भी सतपाल उनके घर में जबरन घुस गया था। इस पर फिजा ने फेज 11 थाना की पुलिस द्वारा चाचा को गिरफ्तार करवाया था और आईपीसी की धारा 452 के तहत एफआईआर (नंबर 36) भी कर्रवाई थी। सतपाल पर फिजा को शारीरिक चोट पहुंचाने और आपराधिक वारदात को अंजाम देने की मंशा से घर में घुसने का आरोप लगाया गया था। सतपाल को बाद में कोर्ट से जमानत पर रिहा किया गया था। फिजा को हरियाणा के बड़े नेता और फिजा के पूर्व पति चंद्रमोहन के भाई कुलदीप बिश्नोई से जान का खतरा था। ये खुलासा बुलंदशहर के सलीम अल्वी नामक व्यक्ति ने फोन पर मोहाली पुलिस से पूछताछ के दौरान किया है। अल्वी ने पुलिस को बताया कि फिजा खुद के लिए सिक्योरिटी मांग रही थी और उसने उसे बताया था कि उसे कुलदीप विश्नोई से जान का खतरा है। सलीम अल्वी उन शख्स में से है जिससे फिजा ने अपने मोबाइल से आखिरी बार फोन पर बात की थी। बुलंदशहर के अल्वी मोहाली पुलिस ने क्रवार को पूछताछ के लिए बुलाया था। लेकिन वह नहीं पहुंचे। उन्होंने 'भास्कर' को बताया कि आज वह व्यस्त थे, इसलिए शनिवार या फिर सोमवार को जाकर मोहाली पुलिस के सामने बयान दर्ज करवाएंगे। सीनियर एडवोकेट रंजन लखनपाल भी यह दावा कर चुके हैं कि फिजा अपनी मौत से कुछ दिन पहले उनके पास आई थी और कुलदीप बिश्नोई से खतरा जता रही थी। इसके लिए फिजा उनके जरिए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर करने के लिए भी कह रही थी। हालांकि विश्नोई इस मामले में अपना कोई रोल होने से साफ इनकार कर रहे हैं। पुलिस ने शुक्रवार को फिजा के घर के आसपास रहने वाले 10 पड़ोसियों से पूछताछ की। उनके बयान दर्ज किए। पूछताछ में फिजा और पड़ोसियों के बीच चल रहे विवाद के बारे में भी पूछा गया।पुलिस ने यह भी जानना चाहा कि किसी ने आखिरी बार फिजा के घर किसी को आते जाते तो नहीं देखा था। मोहाली के डीएसपी डी एस मान ने कहा है कि फिजा के घर से तीन और मोबाइल फोन, लैपटाप और कुछ सीडीज मिली हैं। इसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है। पड़ोसियों के बयान लिए गए हैं। जांच जारी है। जसै-जैसे हम इस मामले में गहराई से जा रहे हैं वैसे ही केस में नई संभावनाएं बन रही हैं।
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