लगातार 2 मेडल जीत रचा इतिहास 

लंदन। 
लंदन ओलंपिक में भारतीय पहलवान सुशील कुमार ने इतिहास रच दिया है। सुशील कुमार लंदन ओलंपिक में फ्री स्टाइल कुश्ती के फाइनल में पहुंच गए हैं। फ्री स्टाइल कुश्ती के फाइनल में पहुंचने वाले सुशील कुमार पहले भारतीय खिलाड़ी है। सुशील ने व्यक्गित मुकाबले में लगातार दो बार पदक जीतने का भी इतिहास रचा है। अभी तक कोई भारतीय खिलाड़ी ओलंपिक में लगातार दो बार पदक नहीं जीत पाया है। सुशील ने बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। लंदन ओलंपिक में सुशील ने रजत पदक जीता है। सुशील कुमार गोल्ड मेडल से सिर्फ एक कदम दूर है। 
दिमाग से जीता सेमीफाइनल 
सुशील कुमार ने कजाकिस्तान के अकझुरेक तानातारोव को तीन राउंड में पराजित कर कुश्ती प्रतियोगिता के 66 किग्रा वर्ग के फाइनल में प्रवेश किया। मुकाबला इतना संघर्षपूर्ण था कि तीसरा राउंड खत्म होने के बाद कजाक पहलवान के कान के पास से खून निकल रहा था। सेमीफाइनल में सुशील ने न केवल ताकत का इस्तेमाल किया बल्कि बौदि्धक कौशल भी दिखाया। सुशील ने सेमीफाइनल का पहला राउंड 3-0 से जीता लेकिन अगले राउंड में कजाक पहलवान ने वापसी करते हुए 3-0 से जीत हासिल की।
निर्णायक राउंड में सुशील ने चीते जैसी फुर्ती दिखाई और कजाक पहलवान को 6-3 से हराकर भारतीय समर्थकों को जश्न में डुबो दिया। सुशील ने तानातारोव के खिलाफ सेमीफाइनल के पहले राउंड में ईरानी दाव लगाते हुए दो अंक बटोरे। कजाक पहलवान ने भारतीय पहलवान की उंगलियों को विपरीत दिशा मे मोड़ने की कोशिश में पेनल्टी खाई और एक अंक गंवा बैठे। सुशील ने यह राउंड 3-0 से जीत लिया। दूसरे राउंड में कजाक पहलवान ने बेहतर रणनीति के साथ सुशील पर दांव लगाया और पहले एक और फिर दो अंक लेकर यह राउंड 3-0 से जीत लिया। 
निर्णायक राउंड में 45 सेकंड पहुंचने तक कजाक पहलवान ने 3-0 की बढ़त बना ली थी। सुशील के पास अब आक्रामक अंदाज में खेलने के सिवा कोई चारा नहीं था। उन्हें न केवल यह बढ़त खत्म करनी थी बल्कि विजयी अंक भी हासिल करने थे। सुशील इस समय भूखे शेर की तरह दिखाई दे रहे थे। उन्होंने अपना सारा अनुभव झोंकते हुए तानातारोव को अपने दांव के लपेटे में लिया और तीन अंक बटोरकर बराबरी कर ली। 
बीवी को लगाया गले 
इसके बाद तो सुशील कजाक पहलवान पर हावी होते चले गए। एक के बाद एक तीन अंक लेकर सुशील ने यह राउंड जैसे ही 6-3 से समाप्त किया,पूरा स्टेडियम इंडिया-इंडिया के नारों से गूंज उठा। सुशील के गुरू महाबली सतपाल,उनके अखाडे छत्रसाल स्टेडियम के कोच यशवीर सिंह और रामफल, सुशील की पत्नी सवि,भारतीय कुश्ती दल के प्रमुख राजसिंह और प्रमुख कोच विनोद कुमार खुशी से झूम उठे। सुशील ने दर्शकों के बीच पहुंचकर अपनी पत्नी को गले लगाया और गुरू से आशीर्वाद लिया। सतपाल के लिए यह बहुत बड़ा दिन था। उनके एक शिष्य योगेश्वर दत्त ने शनिवार को देश को कांस्य पदक दिलाया था। 
कैंची के दाव से जीता क्वार्टर फाइनल
इससे पहले सुशील ने उजबेकिस्तान के नवरूजोव इखतियोर को हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया। सुशील को पहले राउंड में बाई मिली थी और उन्होंने प्री क्वार्टर फाइनल में तुर्की के रमाजान साहीन को तीन राउंड में पराजित किया था। क्वार्टर फाइनल में सुशील के सामने उजबेकिस्तान का पहलवान था। सुशील ने इस पहलवान की भी चुनौती तीन राउंड में तोड़ दी। सुशील को उजबेकिस्तानी पहलवान ने कडी चुनौती दी । हालांकि पहले राउंड में सुशील के हाथ में थोड़ी चोट लग गई थी और तुरंत ही उनके हाथ पर दवाई भी लगाई गई लेकिन उन्होंने इस चोट का खुद पर कोई असर नहीं होने दिया और पहला राउंड जीत लिया। 
इस राउंड में उजबेकी पहलवान ने पहले अंक जुटाया लेकिन सुशील ने फिर एक अंक लेकर बराबरी कर ली। सुशील के अंक पर उजबेकिस्तान ने चैलेंज मांगा लेकिन जूरी ने रेफरी के फैसले को बरकरार रखने के साथ साथ भारतीय पहलवान को एक और अंक दे दिया। सुशील यह राउंड 3-1 से जीत गए। दूसरे राउंड में सुशील ने उजबेकी पहलवान को हवा में उठाकर गिराते हुए पहले अंक बटोरा। इस राउंड में छह सेकंड शेष रह गए थे कि तभी उजबेकी पहलवान ने अंक लिया और दूसरा राउंड जीत लिया। 
तीसरे राउंड में सुशील ने फिर उजबेकी पहलवान को कोई मौका नहीं दिया। उन्होंने शानदार दाव लगाते हुए एक के बाद एक अंक बटोरे और 2-0 से यह राउंड जीत लिया। इससे पहले पिछले मुकाबले में सुशील ने तुर्की के पहलवान को तीन राउंड में पराजित कर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी। सुशील हालांकि पहला राउंड 2-0 से हार गए थे लेकिन उन्होंने जोरदार वापसी करते हुए अगले दो राउंड जीत लिए थे।

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