सोनिया गांधी के बाड़मेर दोरे लिए 1600 बसें!

बाड़मेर 
नेताओं की सफल रैलियों के पीछे आम आदमी को कितनी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है उसका जीता जागता उदाहरण आपके सामने है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी 30 अगस्त को राजस्थान के सीमावर्ती जिले बाड़मेर के दौर पर हैं. क्योंकि वहां सरकार भी कांग्रेस की ही है इसलिए वहां उनके दौरे को सफल बनाने के लिए जी जान से कोशिश की जा रही है. परिवहन विभाग को मुख्यमंत्री कार्यालय से सख्त निर्देश दिये गये हैं कि सारे काम छोड़कर जितनी बसें हैं वे सब भीड़ जुटाने के लिए इस्तेमाल की जाएं. बाड़मेर में प्रस्तावित सोनिया गांधी की सभा में भीड़ जुटाने के लिए परिवहन विभाग को करीब एक हजार सौलह सौ बसें उपलब्ध करवानी है.
इसलिए इन दिनों परिवहन विभाग के ज्यादातर अधिकारी सारे काम छोड़कर सोनिया गांधी के बाड़मेर दौरे के लिए बसों का इंतजाम करने में लगे हैं। विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छपने की शर्त पर बताया कि सोमवार दोपहर को उन्हें जानकारी मिली कि सोनिया गांधी की बाड़मेर में प्रस्तावित आम सभा में बसों की व्यवस्था करनी है। दर्जनों बसों की बात हो तो व्यवस्था करने में आसानी रहती लेकिन यहां एक हजार बसों की व्यवस्था करनी है जो कि मुश्किल कार्य है.
प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से दौ सौ बसों का लक्ष्य
यूपीए अध्यक्षा सोनिया गाँधी के दौरे में एक लाख की भीड़ एकत्रित करने का लक्ष्य हें जिसमे बाड़मेर जिले की सात विधानसभाओ में प्रत्येक विधानसभा से दो सौ बसे लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, वहीं जैसलमेर से बीस हज़ार, जालोर सिरोही जोधपुर, पाली से करीब तीस हज़ार लोगो को लाने के प्रबंध किये जा रहे है, इतनी बड़ी संख्या में बसे नहीं मिल रही.
भीड़ कम होने की आशंका 
हाल ही में हुई बारिश के बाद ग्रामीण लोग अपने खेतो में जुटे हैं, खेतों का काम छोड़कर किसान और ग्रामीणों के आने की संभावना कम है. दो रोज पूर्व मुख्यमंत्री की आदर्श स्टेडियम में आमसभा रखी थी जिसमे बमुश्किल हज़ार लोग पहुंचे, इस सभा में कम भीड़ देख मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का माथा ठनक गया, उन्होंने बसों की व्यवस्था से लेकर भीड़ जुटाने का काम की कमान अपने हाथ में ले ली.
लाख नहीं दो लाख की भीड़ करो।
श्रीमती सोनिया गांधी के तीस अगस्त को दौरे को लेकर स्थानीय नेता एक लाख की भीड़ करने का दम भर रहे थे मगर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ चन्द्रभान ने कहा की भीड़ एक लाख की नहीं दो लाख की करनी है, चंद्रभान के इस बयां ने स्थानीय नेताओ की नींद उड़ा दी ,क्योंकि भीड़ जुटाने वाले नेता को ही विधानसभा चुनाव में टिकेक मिलेगी.
कहां से कितनी बसें
आधिकारिक तौर पर अधिकारियों ने बताया कि एक हजार छः सौ बसें जोधपुर संभाग के परिवहन अधिकारियों को जुटानी हैं। इसमें जोधपुर कार्यालय को अनुमानित 600 बसें, पाली को 200 बसें, बाड़मेर को 600 बसें और जालोर, सिरोही व जैसलमेर कार्यालय को 600 बसों की व्यवस्था करने को कहा गया है। ज्यादातर अधिकारी इस काम में लगने से परिवहन विभाग का निरीक्षण, परमिट, लाइसेंस और राजस्व संग्रहण का कार्य प्रभावित हो रहा है.
कहां से लाएं इतनी बसें
उच्चाधिकारियों के निर्देश पर संभाग के सभी जिलों के जिला परिवहन अधिकारी, निरीक्षक और उप निरीक्षक सारे काम छोड़कर बसों की व्यवस्था करने में लगे हैं। परेशानी यह है कि बसों के बदले बस संचालकों को नाममात्र के तेल के दाम दिए जाएंगे। ऐसे में मैंटेनेस सहित अन्य खर्चो का भुगतान नहीं होने से बस संचालक बसें लगाने के लिए राजी नहीं हो रहे हैं.

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