"प्रणब के इस्तीफे पर फर्जी दस्तखत" 
नई दिल्ली। 
यूपीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी का नामांकन पत्र मंजूर कर लिया गया है। राष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी और राज्यसभा के महासचिव वी के अग्निहोत्री ने प्रणब के नामांकन पत्र पर पीए संगमा की तरफ से उठाई गई आपत्तियों को दरकिनार करते हुए नामांकन को सही करार दिया। संगमा का पर्चा भी मंजूर कर लिया गया है। उधर भाजपा ने आरोप लगाया है कि प्रणब का कोलकाता स्थित भारतीय सांख्यिकी संस्थान के अध्यक्ष पद से दिया गया इस्तीफा फर्जी है। इस्तीफे पर जो हस्ताक्षर किए गए हैं वह प्रणब के नहीं है। उनके इस्तीफे में किए गए हस्ताक्षर और सामान्य हस्ताक्षर में काफी अंतर हैं। 
भाजपा नेता अनंत कुमार ने कहा कि प्रणब ने जो इस्तीफा फाइल किया है वह फर्जी है। यह बहुत दुर्भाग्य पूर्ण है कि जो लोग इतने अहम पद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं वे इस तरह की गतिविधियों में लिप्त हैं। मालूम हो कि राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बने पीए संगमा यूपीए के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी का रास्ता रोकने की हर संभव कोशिश में लगे थे। सोमवार को संगमा के चुनाव एजेंट बीजेडी सांसद भतृहरि महताब ने निर्वाचन अधिकारी को शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद राष्ट्रपति चुनाव के पर्चो की जांच का काम मंगलवार तक के लिए टाल दिया गया था।आपत्ति में कहा गया था कि प्रणब मुखर्जी नामांकन भरते वक्त आईएसआई(इंडियन स्टेटिस्टिकल इंस्टीटयूट) के चेयरमैन थे। मंगलवार को इस बारे में निवार्चन अधिकारी ने नामांकन पत्र की जांच के बाद प्रणब पर लगी सभी आपत्तियां खारिज कर दी। इससे प्रणब के राष्ट्रपति चुनाव लड़ने को लेकर रास्ता साफ हो गया है।इससे पहले संगमा की तरफ से उनकी उम्मीदवारी के खिलाफ उठाई गई आपत्तियों पर आयोग के समक्ष जवाब पेश किया। निर्वाचन अधिकारी ने दोपहर 3 बजे दोनों पक्षों को सुना तथा बाद में अपना निर्णय सुनाया।

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