बाल संरक्षण योजनान्तर्गत बच्चों का प्रभावी संरक्षण आवश्यक
भरतपुर, 
24 जुलाई। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के आयुक्त एवं शासन सचिव श्री प्रवीण गुप्ता ने कहा है कि बाल संरक्षण के लिये पूर्व से संचालित विभिन्न योजनाओं व नवीन योजनाओं को एक ही छत समेकित बाल संरक्षण योजना के माध्यम से बच्चों को दक्षतापूर्वक एवं प्रभावी रूप से संरक्षण प्रदान करने के  लिये आवश्यक है कि संबंधित अधिकारियों को किशोर न्याय अधिनियम एवं समेकित बाल संरक्षण योजना के  प्रावधानों की पूर्ण जानकारी हो। 
श्री गुप्ता मंगलवार को किशोर न्याय अधिनियम एवं समेकित बाल संरक्षण योजना के कि्रयान्वयन पर आयोजित संभाग स्तरीय आमुखीकरण कार्यशाला में मुख्य अतिथि के  रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य में इस नवीन योजना के माध्यम से एक ऐसा तंत्र विकसित हो सेगा जिससे सवोर्त्तम बालहित एवं बाल अधिकार संरक्षित किये जा सेंगे किन्तु इसे लिये आवश्यक है कि सभी संबंधित विभाग व अधिकारी परस्पर भागीदारी एवं पूर्ण निष्ठा से इस योजना के  कि्रयान्वयन का प्रयास करें। उन्होंने योजनान्तर्गत राज्य एवं जिला स्तर पर बाल संरक्षण यूनिटों की स्थापना की चर्चा करते हुये कहा कि बाल संरक्षण योजनाओं े माध्यम से जहॉ जिलों में धनराशि के  उचित प्रवाह व उपयोगिता को सुनिश्चित किया जा सेगा वहीं बाल संरक्षण के मुद्दों यथा स्वास्थ्य , शिक्षा, सामाजिक कल्याण , मूलभूत सेवाओं का सभी के समन्वय से संगठित नेटवकर तैयार किया जा सेगा। उन्होंने स्वदेशी दत्तक ग्रहण को प्रोत्साहित करने , जोखिम , देखभाल, संरक्षण वाले बच्चों के लिये वैयिक्तक देखरेख कार्यक्रम बनाने , योजना के कि्रयान्वयन हेतु प्रतिष्ठित स्वयं सेवी संस्थाओं को चिन्हित कर उनका सहयोग लेने , शहरी एवं अर्द्वशहरी क्षेत्रों े जरूरतमन्द बच्चों को चिन्हित कर उने लिये खुले आवासों की व्यवस्था कर बच्चों े समग्र विकास व व्यवसायिक प्रशिक्षण आदि की सुविधा उपलब्ध कराई जा सेगी। 
कार्यशाला में जिला कलक्टर श्री गौरव गोयल ने कहा कि किशोर न्याय अधिनियम मानवाधिकार एवं बच्चों े सर्वांगीण विकास े लिये अति महत्वपूर्ण है और समेकित बाल संरक्षण योजना े माध्यम से जरूरतमंद बच्चों को वास्तविक अथोंर में लाभान्वित करने साथ ही उने समुचित विकास में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर गठित जिला बाल संरक्षण ईकाई को मिलने वाली 5 लाख रूपये की आरिम्भक राशि े कोष को जन सहयोग से बढाने े प्रयास किये जायेंगे और जिला स्तर पर किशोर न्याय अधिनियम एवं समेकित बाल संरक्षण योजना की सार्थक गतिविधियों की नियमित समीक्षा की जायेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि संबंधित विभागों े समिन्वत प्रयासों से बालहित की इस महत्वपूर्ण योजना का न ेवल भरतपुर जिले में अपितु संभागीय जिलों में प्रभावी कि्रयान्वयन होगा जो प्रान्त में एक मॉडल बन सेगा। उन्होंने इस योजना े प्रावधानों एवं बाल अधिकारों े प्रति आमजन में जागरूकता लाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। 
प्रारम्भ में संदर्भ व्यिक्त यूनिसेफ े विजय सिंह शेखावत ने किशोर न्याय अधिनियम एवं समेकित बाल संरक्षण योजनाओं े विभिन्न घटकों , जरूरतमंद बच्चों े जीने , समुचित विकास व संरक्षण , क्षमता संवर्धन , संस्थागत व आवश्यकता आधारित सेवाओं , उनकी समुचित देखभाल, सहायता पुर्नवास व गैर संस्थागत आश्रय आदि े संबंध में विस्तार से जानकारी दी। कार्यशाला में सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग े अतिरिक्त निदेशक श्री विश्राम मीणा ने समेकित बाल संरक्षण योजना े महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला वहीं मुख्य बालक अधिकारी विजय लक्ष्मी ने बाल संरक्षण की दृष्टि से समेकित बाल संरक्षण योजना े प्रभावी कि्रयान्वयन की आवश्यकता प्रतिपादित की । प्रारम्भ में सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग े उपनिदेशक श्री भजन लाल बैरवा ने सभी का स्वागत करते हुये कार्यशाला े महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यशाला में जिलेवार बाल कल्याण समिति एवं किशोर न्याय बोडर , विशेष किशोर पुलिस ईकाई, स्वयं सेवी संस्थाओं की भूमिका, छात्रावासों े संचालन व सुदृढीकरण आदि े संबंध में भी विस्तार से विचार विमर्श किया गया । 

साक्षर भारत मिशन की समीक्षात्मक बैठक आयोजित 
भरतपुर, 
24 जुलाई। जिला कलक्टर श्री गौरव गोयल ने कहा कि आगामी 20 अगस्त को बेसिक साक्षरता मूल्यांकन परीक्षा में किसी तरह की अनियमितता नहीं हो यह व्यवस्था सभी ग्राम पंचायत स्तर पर होने वाले परीक्षा ेन्द्रों पर सुनिश्चित करें । उन्होंने कहा कि इस परीक्षा में सभी नवसाक्षर पात्र व्यिक्तयों को ही सिम्मलित किया जाये। 
जिला कलक्टर श्री गोयल मंगलवार को साक्षर भारत मिशन की प्रगति की समीक्षा हेतु आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुये संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सभी विकास अधिकारियों को निदेर्श दिये कि 20 अगस्त से पूर्व सभी साक्षरता ेन्द्रों का निरीक्षण करें । उन्होने सभी ग्राम सेवक व पटवारियों को भी निदेर्शित किया कि परीक्षा े दिन मुख्यालय पर रहकर नवसाक्षरो को अधिक से अधिक परीक्षा में शामिल कराये। उन्होंने प्रेरकों को निदेर्श दिये कि नवसाक्षर का फोटो पहचान पत्र , जॉब काडर एवं अपनी पहचान े आधार पर ही परीक्षा में सिम्मलित करें यदि किसी तरह की गडबडी मिली तो प्रेरक स्वयं जिम्मेदार होंगे। उन्होने कहा कि जिन नवसाक्षरों का पूर्व में मूल्यांकन हो चुका है उन्हें परीक्षा में सिम्मलित नहीं करें। उन्होंने कहा कि परीक्षा हेतु नवसाक्षर की उपिस्थति 180 दिवस होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि परीक्षा े समय नवसाक्षर परीक्षार्थियों का उपिस्थति रजिस्टर भी परीक्षा ेन्द्र पर होना चाहिये। 
बैठक में जिला साक्षरता एवं सत्त शिक्षा अधिकारी श्री कृष्णवीर सिंह ने बताया कि परीक्षा े लिये 368 ेन्द्र जिले में बनाये गये हैं। उन्होंने कहा कि शेष तीन ग्राम पंचायतों में प्रेरक नियुक्त नहीं होने े कारण उन ग्राम पंचायतों े परीक्षार्थियों को निकटवर्ती दूसरे परीक्षा ेन्द्र पर परीक्षा दिलायें। उन्होंने बताया कि परीक्षा े समय नवसाक्षर को बालपैन , कॉपी व पेपर भी उपलब्ध कराये जायेंगे। बैठक में जिला परिषद े अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सुरेश चन्द ने भी परीक्षा संबंधी विस्तार से जानकारी दी। 

प्रमुख-प्रमुख योजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित 
भरतपुर, 24 जुलाई।
जिले में विभिन्न विभागों द्वारा संचालित विभिन्न प्रमुख योजनाओं की प्रगति की मंगलवार को अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रशासन की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में विस्तार से समीक्षा कर आवश्यक दिशा निदेर्श दिये गये । 
बैठक में अतिरिक्त कलक्टर प्रशासन ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निदेर्श दिये कि वर्षा ऋतु े दौरान मौसमी बीमारियों पर निगरानी रखें। उन्होंने कहा कि जिले े सभी प्राथमिक स्वास्थ्य व उपस्वास्थ्य ेन्द्रों े कर्मचारियों की उपिस्थति की जॉच जिला मुख्यालय े कन्ट्रोल रूम े माध्यम से दिन में तीन बार , प्रातः 8 बजे , सांय 5 बजे व रात्रि को 11 बजे करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना े तहत सभी स्वास्थ्य ेन्द्रों पर पर्याप्त मात्रा में दवाई उपलब्ध कराई जाये साथ ही जिन चिकित्सा अधिकारियों द्वारा बाजार की दवा लिखी जाये तो उने खिलाफ कारर्वाई करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि निशुल्क दवा योजना की स्कूलों में पैम्फलेट आदि े माध्यम से बच्चों तक जानकारी पहुॅचाना सुनिश्चित करें। उन्होंने निदेर्श दिये कि हरित राजस्थान े तहत उपस्वास्थ्य ेन्द्रों , शिक्षण संस्थाओं एवं अन्य राजकीय भवन परिसरों में वृक्षारोपण की भी व्यवस्था कराये। 
बैठक में पेयजल स्रोतों े लिम्बत विद्युत कनेक्शन प्राथमिकता से जारी करने , पेयजल स्रोतों े नियमित शुद्घीकरण एवं अधिकाधिक पेयजल नमूने संग्रहित कर उनकी जॉच कराने , सीवरेज लाईन डालते समय क्षतिग्रस्त हुई सडकों की प्राथमिकता से मरम्मत कराने े निदेर्श भी दिये गये । बैठक में संबंधित विभागों े जिला स्तरीय अधिकारी उपिस्थत थे।

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