प्रदेश को 400 अतिरिक्त प्रसव वाहन 

जयपुर, 7 जुलाई। 
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री ए.ए.खान ने कहा है कि प्रदेश में जनसंख्या स्थिरीकरण एवं महिला स्वास्थ्य कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राजस्थान जननी शिशु सुरक्षा योजना प्रारम्भ होने े बाद मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सुविधाओं में व्यापक सुधार हुआ है। 
श्री खान शनिवार को प्रातः यहां जवाहर सकिर्ल स्थित एक होटल में वल्डर कॉग्रेस ऑन पॉपुलेशन स्टेबलाइजेशन एण्ड वुमेंस हैल्थ े दो दिवसीय सम्मेलन े उद्घाटन सत्र को मुख्य अतिथि े रूप में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन े तहत महिला एवं शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रमों े प्रभावी क्रियान्वयन े लिए प्रदेश को 400 अतिरिक्त प्रसव वाहन उपलब्ध कराये गये हैं। 
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश में जनसंख्या वृद्घि की वार्षिक दर इस समय 1.96 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह दर 1.46 प्रतिशत है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रदेश में परिवार कल्याण गतिविधियों को विशेष महत्व दिया जा रहा है। प्रदेश में राजीव गांधी जनसंख्या मिशन गठित कर विभिन्न राजकीय विभागों एवं नागरिक समितियों े मध्य प्रभावी समन्वय स्थापित कर जनसंख्या स्थिरीकरण गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। 
जनंसख्या एवं शिक्षा े सहसंबंध को रेखांकित करते हुए चिकित्सा मंत्री ने ेरल मॉडल का उदाहरण देकर कहा कि शिक्षा दर बढ़ने से जनसंख्या वृद्घि की दर में उल्लेखनीय कमी आ सकती है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में विवाह की औसत को बढ़ाने एवं दो बच्चों े मध्य जन्म े अंतराल को बढ़ाने हेतु जनचेतना जागृत की जा रही है। स्कूली छात्राओं को स्वास्थ्य एवं प्रजनन संबंधी जानकारी सुलभ कराने े लिए सबला योजना संचालित की जा रही है। उन्होंने परिवार नियोजन कार्यक्रमों े प्रभावी संचालन में राजनैतिक एवं धार्मिक नेताओं े प्रभावी योगदान की आवश्यकता प्रतिपादित की। उन्होंने कहा कि दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों में चिकित्सा समुदाय एवं सामुदायिक नेताओं े सिक्रय सहयोग से जनसंख्या स्थिरीकरण का लक्ष्य अर्जित किया गया है। 
श्री खान ने सामाजिक बुराइयों जैसे लिंग चयन, दहेज, बच्चों े विरूद्घ अपराध जैसे मुद्दों पर व्यापक जनचेतना जागृत करने े लिए पि्रंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा किये जा रहे कायोर्ं की सराहना की। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पीसीपीएनडीटी एक्ट को प्रभावी तरीे से लागू कर लिंग चयन गतिविधियों को रोका जा रहा है। उन्होंने प्रदेश में संचालित मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा वितरण योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इस योजना े लागू होने े बाद आमजनता द्वारा चिकित्सा पर व्यय किये जा रहे खचेर में उल्लेखनीय कमी आई है। उन्होंने बताया कि टोल फ्री 104 चिकित्सा परामर्श सेवा द्वारा स्वास्थ्य संबंधी परामर्श े साथ ही परिवार कल्याण गतिविधियों की भी सलाह अनवरत 24 घन्टे दी जा रही है। 
समारोह की अध्यक्षता करते हुए यूएनएफपीए की भारत व भूटान की प्रतिनिधि सुश्री फेडरिका मैयर ने जनसंख्या स्थिरीकरण हेतु परिवार कल्याण े विभिन्न साधनों े उपयोग पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इन साधनों े उपयोग से बच्चों े जन्म में अन्तर बढ़ने े साथ ही महिलाओं े जीवन में भी सुधार होता है। उन्होंने जनसंख्या स्थिरीकरण कायोर्ं में स्वयंसेवी संस्थाओं एवं जनसमुदाय को सिक्रय रूप से जोड़ने पर बल देते हुए बाल विवाह रोकने की आवश्यकता प्रतिपादित की। 

फोगसी े अध्यक्ष डॉ. पी.े शाह, उपाध्यक्ष डॉ. मंदाकिनी मेघ एवं सचिव डॉ. नोजर शेरियार ने भी विचार व्यक्त किये। जोगसी की अध्यक्ष डॉ. शशि गुप्ता ने अतिथियों का स्वागत किया एवं सचिव डॉ. रितु जोशी व डॉ. अतुल गनात्रा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन सचिव डॉ. नीलम भारद्वाज ने किया।

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