मुख्यमंत्री ने की अनेक घोषणाएं 
जयपुर, 7 जुलाई। 
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने अन्तरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस पर राज्य में सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाली सहकारी संस्थाओं को प्रति वर्ष राज्य स्तरीय सहकार पुरस्कार देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले से एक-एक ग्राम सेवा सहकारी समिति, राज्य में एक क्रय-विक्रय सहकारी समिति, एक प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंक और एक ेन्द्रीय सहकारी बैंक को राज्य स्तर पर पुरस्कार दिया जाएगा। उन्होंने इस अवसर पर प्रदेश में विधायक कोष से सहकारी समितियों तथा दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों को राशि प्रदान करने की स्वीकृति देने तथा ग्राम सेवा सहकारी समिति की तरह ही अब दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों को भी नि:शुल्क भूमि उपलब्ध कराने की घोषणा की। 
श्री गहलोत शनिवार को यहां बिड़ला ऑडिटोरियम में अन्तरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस े अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में मुख्य अतिथि े रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि देश में सहकार आंदोलन का एक लंबा इतिहास रहा है। आजादी े बाद देश े प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने सहकारी आंदोलन को और अधिक सशक्त बनाने का निर्णय लिया। आज सहकारी आंदोलन में दुनिया े अन्य मुल्कों े साथ भारत का भी महत्वपूर्ण स्थान है। 
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी ने पंचायतीराज संस्थाओं तथा स्थानीय निकायों को सशक्त बनाने े लिए संविधान में संशोधन की पहल े समय ही यह भी चाहा था कि सहकारिता कानून में भी उसी तरह संशोधन हो जिससे देश में सहकारिता आंदोलन और अधिक मजबूत हो से। श्रीमती सोनिया गांधी की पहल पर राज्य सरकार ने अपने पिछले शासनकाल से लेकर वर्तमान शासनकाल े दौरान सहकारी आंदोलन को मजबूती प्रदान करने की पहल की है। हमारे इन्हीं प्रयासों से सहकारी संस्थाओं े लिए नया कानून बना, जिससे इन संस्थाओं े शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न हो से। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में ‘‘एक सब े लिए, सब एक े लिए’’ े नारे की भावना से सहकारी आंदोलन को मजबूती प्रदान करते हुए अनेक निर्णय लिये गए। प्रदेश में 30 साल े बाद नई ग्राम सेवा सहकारी समितियां बनीं। काश्तकारों को सहकारी संस्थाओं े माध्यम से पहले 2500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर इस साल 10 हजार करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त फसली सहकारी ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इसे लिए सहकारी बैंकों को 300 करोड़ रुपए की सहायता दी गई है। 
श्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान देश में तीसरा राज्य हो गया है जहां काश्तकारों को ब्याज मुक्त फसली सहकारी ऋण देने की पहल की गई है। प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने भी इस पहल की सराहना की है। किसानों को आसानी से ऋण मिल से इसे लिए पिछले दिनों नाबाडर े अध्यक्ष से चर्चा की गई। टोंक में ेन्द्रीय सहकारी बैंक की कमजोर आर्थिक स्थिति को देखते हुए काश्तकारों को सीधे अपेक्स बैंक े माध्यम से ऋण दिलवाया गया जो देश में पहला उदाहरण है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सहकारी क्षेत्र में अनेक निर्णय लिये जिससे हम देश े अन्य राज्यों े साथ आगे बढ़कर कार्य कर सें। हमारा प्रयास है कि हर जगह जी.एस.एस. उपलब्ध हो। इसी सोच े साथ एनीव्हेयर बैंकिंग सुविधा े लिए ग्राम सेवा सहकारी समितियों को 25 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये गये। उन्होंने कहा कि डीएपी का अगि्रम भण्डारण किया गया जिससे किसानों को डीएपी े भाव बढ़ने े बाद भी पुरानी दर पर डीएपी उपलब्ध कराने से 100 करोड़ रुपये लाभ मिल सका। 
श्री गहलोत ने कहा कि सरकार द्वारा सहकारिता व अन्य क्षेत्रों में जनकल्याणकारी योजनाएं लाने में आगे आकर पहल की है। अब सहकारी संस्थाओं े निर्वाचित प्रतिनिधियों े साथ ही सभी जनप्रतिनिधियों का यह दायित्व हो जाता है कि इन योजनाओं की जानकारी आमजन तक पहुंचाकर उन्हें इन योजनाओं को अधिकाधिक लाभ उपलब्ध कराने में महती भूमिका निभाएं। 
मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना, राजस्थान जननी शिशु सुरक्षा योजना, मुख्यमंत्री बीपीएल आवास योजना, मुख्यमंत्री जीवन रक्षा कोष, सर्वशिक्षा अभियान, मिड डे मील, महात्मा गांधी नरेगा योजना, प्रधान मंत्री ग्राम सडक योजना सहित ेन्द्र एवं राज्य की विभिन्न योजनाओं की चर्चा करते हुए आम जन से इन योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि पशुपालकों े पशुओं को 15 अगस्त से ही नि:शुल्क दवा देने का कार्य शुरू हो जायेगा। उन्होंने इस अवसर पर शिक्षा े महत्व े साथ सभी को शिक्षित बनने व सूचना क्रांति से आये बदलावों का लाभ लेने का आह्वान किया। उन्होंने देश में हरित क्रांति की सफलता में किसानों े योगदान की सराहना करते हुए प्रदेशवासियों से बिजली-पानी की फिजूल खर्ची रोकने और बेटी बचाओ अभियान को सफल बनाने का आग्रह किया। 
समारोह में सहकारिता मंत्री श्री परसादीलाल मीणा ने कहा कि राज्य में किसानों े हित को देखते हुए राज्य सरकार ने फसली सहकारी ऋण की ब्याज दर को शून्य प्रतिशत तक लाने में सफलता अर्जित की, जबकि पूर्ववर्ती सरकार े वक्त में यह ब्याज दर 13 प्रतिशत थी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की पहल पर पहली बार सहकारी संस्थाओं को भवन एवं गोदाम बनाने े लिए नि:शुल्क भूमि उपलब्ध करवाई जायेगी। उन्होंने कहा कि अब भूमि विकास बैंकों से भी फसली सहकारी ऋण बिना ब्याज े दिया जायेगा। 
श्री मीणा ने कहा कि राज्य की एक हजार ग्राम सेवा सहकारी समितियों का कम्प्यूटरीकरण कर पारदर्शी ऋण व्यवस्था सुनिश्चित होगी। राज्य े सभी जिलों को समग्र सहकारी विकास योजना े दायरे में लाया जा चुका है। राज्य में अब तक 600 से अधिक सहकारी समितियों का गठन किया जा चुका है। उन्होंने महिला सशक्तीकरण पर बल देते हुए बताया कि 500 महिला सहकारी समितियों को 5 करोड़ का अनुदान देकर इनमें सार्वजनिक वितरण प्रणाली का कार्य शुरू कराया गया है। उन्होंने कहा कि यह पहला मौका है जब सहकारी संस्थाओं े निष्पक्ष और निर्विवाद चुनाव हुए, अपेक्स संस्थाओं में सर्वसम्मति से संचालक मंडल चुना गया। 
कार्यक्रम में डेयरी राज्य मंत्री श्री बाबूलाल नागर ने कहा कि राज्य े बजट में पहली बार डेयरी को 65 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाये जाने की घोषणा की गई है जिसे तहत जयपुर में 40 करोड़ रुपये की लागत से मिल्क पाउडर प्लांट तथा पाली में 25 करोड़ रुपये से पशु आहार संयंत्र की स्थापना की जायेगी। डेयरी फैडरेशन द्वारा प्रदेश में पहली बार 26 लाख 44 हजार किलोग्राम दूध का संकलन कर एक नया रिकॉडर कायम किया गया। प्रदेश में बीएमसी े लिए डेयरी समितियों को 32 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाये गये। दुग्ध उत्पादकों को पिछले 42 महीनों में दूध े खरीद मूल्य े रूप में 4 हजार 574 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। 
इससे पहले प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता, श्री विपिन चन्द शर्मा ने गत साढ़े तीन सालों में सहकारिता क्षेत्र में लिये गये ऐतिहासिक फैसलों तथा बजट में इस विभाग को समुचित प्रोत्साहन देने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार े इन प्रयासों से सहकारी आंदोलन े प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है। सहकारी आंदोलन से रोजगार े अवसर बढ़े हैं, बराबरी और भागीदारी े साथ ही निरंतर विकास को बल मिला है। 
सहकारी समितियों े रजिस्ट्रार श्री निरंजन आर्य ने देश-प्रदेश में सहकारी आंदोलन की पृष्ठ भूमि तथा विकास की जानकारी देते हुए कहा कि सहकारिता विकास े लिए एक सक्षम मॉडल है। उन्होंने कहा कि सहकारिता े जरिए सामाजिक उत्थान तथा आर्थिक स्थिरता का वातावरण बना। संविधान संशोधन े साथ ही मौलिक अधिकारों में सहकारिता को शामिल किया गया। सहकारिता से कमजोर वर्ग, महिला और युवाओं का सशक्तीकरण संभव हुआ है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जयपुर ेन्द्रीय सहकारी बैंक की ओर से दो स्वयं सहायता समूहों तथा आठ काश्तकारों को एक-एक लाख रुपये े अल्पकालीन कृषि ऋण े चैक भेंट किये। श्री गहलोत ने टोंक जिले की सहकारी समितियों े 5 अध्यक्षों को साख सीमा स्वीकृति पत्र प्रदान किये। वरिष्ठ सहकारकर्मी श्री महेन्द्र शास्त्री ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में शीर्ष सहकारी संस्थाओं े अध्यक्षों में अपेक्स बैंक की श्रीमती लीला मदेरणा, भूमि विकास बैंक े श्री अशोक फौजदार, विधायक श्री प्रदीप कुमार सिंह, इफ्को े राज्य प्रबंधक श्री राजेन्द्र खरार सहित अपेक्स, जिला, ग्राम स्तरीय सहकारी समितियों े अध्यक्ष, संचालकगण, राज्य एवं राष्ट्रीय सहकारी संस्थाओं े अधिकारीगण उपिस्थत थे। कार्यक्रम का संचालन श्री शीतल शर्मा ने किया।

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