दारिया मुठभेड़: राठौड़ को कोर्ट का नोटिस
जयपुर।
दारिया फर्जी मुठभेड़ प्रकरण में हाईकार्ट ने बुधवार को भाजपा विधायक राजेन्द्र राठौड़ को नोटिस तामील कराने के निर्देश दिए हैं। जस्टिस महेश चंद्र शर्मा की ओर से जारी इस नोटिस में राठौड़ से 10 जुलाई तक जवाब मांगा हैं।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व मंगलवार को राठौड़ को दोष्ा मुक्त किए जाने के मामले में सीबीआई खुद ही हाईकोर्ट के सवालों से घिर गई, उससे जवाब नहीं बन पाया। कोर्ट ने सीबीआई से पूछा कि इस मामले में निचले स्तर से गिरफ्तारी शुरू क्यों की, ऊपर से क्यों नहीं? वरिष्ठ पुलिस अघिकारी ए.के. जैन को 14 दिन का रिमाण्ड़ और राठौड़ को एक भी दिन नहीं क्यों? हत्या के ऎसे कितने मामले हैं, जिनमें सीबीआई ने गिरफ्तार व्यक्तियों को रिमाण्ड पर नहीं लिया? इस तरह के सवाल करते हुए न्यायाधीश महेश चन्द्र शर्मा ने सुनवाई बुधवार तक टाल दी।न्यायाधीश शर्मा ने सीबीआई व दारिया की पत्नी सुशीला देवी की निगरानी याचिकाओं पर मंगलवार को करीब चार घंटे तक सुनवाई की। कोर्ट ने हाईकोर्ट प्रशासन से मामले से सम्बन्घित जयपुर की जिला अदालत का रिकॉर्ड बुधवार को पेश करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने सुशीला देवी की याचिका में खामियों को अनदेखा करते हुए वकील को पक्ष रखने की इजाजत दे दी। दारिया प्रकरण में अभियुक्त मुंशी लाल के वकील अजय जैन ने पक्षकार बनाने की इजाजत चाही।
यह कहा सीबीआई ने
सीबीआई के वकील एसके सक्सेना ने कहा कि मंत्री रहते राजेन्द्र राठौड़ के सामने दारिया के झुकने से मना करने पर एनकाउण्टर किया गया। तब न तो राठौड़ पुलिस महकमे के मंत्री थे और न ही ए.के. जैन राठौड़ के मातहत थे, फिर भी दोनों में फोन पर बातचीत हुई।
सुशीला के वकील ने कहा
सुशीला के वकील एसके सिन्हा ने कहा कि अटार्नी जनरल की राय आपसी संवाद का हिस्सा है, वह सीबीआई के लिए बाध्यकारी नहीं है। सीबीआई ने मूल चार्जशीट में राठौड़ को अभियुक्त क्यों नहीं बनाया, यह सीबीआई पर सवाल खड़ा करता है।
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