कर्नाटक में राजनीतिक बवंडर खत्म
बेंगलूरू।
हालात बिगड़ते देख पार्टी विधायक दल की सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर होने वाली बैठक को स्थगित कर दिया गया। विधायक दल के नए नेता का चुनाव निर्विघ्न संपन्न कराने के लिए भेजे गए पार्टी के केंद्रीय नेताओं अरूण जेटली और राजनाथ सिंह ने इस नए असंतोष को दबाने के लिए बैठक को स्थगित कर दिया। लेकिन जेटली को पत्नी की तबीयत खराब होने की वजह से अपराह्न में अचानक दिल्ली लौटना पड़ गया। उसके बाद सिंह ने ही विधायक दल की बैठक की कमान संभाली।
अपराह्न तीन बजे शुरू हुई इस बैठक में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री शेट्टार के नाम का प्रस्ताव नए नेता के रूप में किया गया जिसे वहां मौजूद लोगों ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया। शेट्टार ने अपने निर्वाचन पर सबको धन्यवाद देते हुए सभी लोगों से सहयोग की अपील की। शेट्टार ने कहा कि गत चार वर्ष में राज्य भाजपा सरकार ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं।
उन्होंने कहा कि बीएस येडि्डयुरप्पा के तीन वर्ष के कार्यकाल में कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की गई थीं। इसी तरह गौडा के 11 महीनों के कार्यकाल में भी कई अच्छे कार्य हुए हैं। इस अवसर पर गौडा ने अपने समर्थकों के दबाव के बावजूद मुख्यमंत्री पद से हटने का एलान करके शेट्टार के मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ कर दिया। उन्होंने सभी सदस्यों से एकजुट होकर काम करने का अनुरोध करते हुए कहा कि अगले साल होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत दिलाने के लिए यह बेहद जरूरी है।
उन्होंने राज्य के अगले मुख्यमंत्री बनने जा रहे शेट्टार को सभी वर्गो को भरोसे में लेने की नसीहत देते हुए कहा कि मंत्रियों को भी कड़ी मेहनत करनी होगी। गौरतलब है कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य इकाई के एक गुट के दबाव में आकर गौडा को हटाकर शेट्टार को नया मुख्मंत्री बनाने का फैसला हाल ही में किया है। गौडा को गत वर्ष अगस्त में तत्कालीन मुख्यमंत्री येडि्डयुरप्पा के खनन घोटाले में नाम आने के बाद राज्य की कमान सौंपी गई थी। लेकिन 11 महीनों के भीतर ही उन्हें यह कुर्सी छोड़नी पड़ रही है।
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