अफजल को फांसी दिला पाएंगे प्रणब? 
नई दिल्ली।
राष्ट्रपति के रूप में प्रणब मुखर्जी के सामने वैसे तो कई चुनौतियां होगी लेकिन सबसे बड़ी चुनौती संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू की दया याचिका को लेकर होगी। अफजल गुरू को 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हुए हमले के मामले में 4 अगस्त 2005 को फांसी की सजा सुनाई गई थी। इस हमले में 12 लोग मारे गए थे। हमले को 11 साल हो गए लेकिन अभी तक अफजल गुरू को फांसी नहीं हो पाई है। इसकी वजह है उसकी दया याचिका पर कोई फैसला नहीं होना। 
गृह मंत्रालय ने 4 अगस्त 2011 को अफजल की दया याचिका को राष्ट्रपति के पास भेज दिया था। प्रतिभा पाटील तब से इस मामले को लटकाए हुए है। सारा देश चाहता है कि देश की संसद पर हमला करने वाले को फांसी की सजा दी जाए लेकिन प्रतिभा पाटील ने कोई फैसला नहीं लिया। 
सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के मुताबिर प्रतिभा पाटील ने अफजल के बाद दी गई 13 याचिकाओं पर फैसला ले लिया। अब जब प्रतिभा पाटिल का कार्यकाल खत्म हो रहा है,उन्होंने अफजल सहित 11 याचिकाओं को नए राष्ट्रपति के कार्यालय को भेज दिया है। प्रतिभा पाटील ने अपने कार्यकाल में कुल 39 दया याचिकाओं का निपटारा किया। इनमें से 21 दया याचिकाओं को तो नवंबर 2009 से जून 2012 के बीच ही निपटा दिया।

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