हर्षोल्लास के साथ मनाई संत लिखमीदास जयंती
स्थायी नाथ धूणे में मंगलवार को संत लिखमीदास जयंती समारोहपूर्वक आयोजित की गई। जयंती को लेकर सोमवार की रात्रि से ही विभिन्न कार्यक्रमों का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर संत की प्रतिमा पर रात्रि को पुजारी खेतगिरी महाराज ने पूजा अर्चना की। सोमवार की रात्रि को भव्य भजन संध्या का आयोजन किया गया। मंगलवार को संत लिखमीदास महाराज की जयंती के अवसर पर सुबह प्रभात रैली का आयोजन किया गया। प्रभात रैली के पश्चात स्थाईनाथ धूणे के प्रांगण में समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में नगरपालिका अध्यक्ष छोटेश्वरी आईदान माली उपस्थित थी। वहीं समारोह की अध्यक्षता माली विकास संस्थान के अध्यक्ष हंसराज सोलंकी ने की। समारोह के विशिष्ट अतिथि व्याख्याता सोनाराम सोलंकी, पार्षद खेताराम माली, मोतीलाल पंवार उपस्थित थे।
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि छोटेश्वरी आईदान माली ने कहा कि माली समाज के संत लिखमादास महाराज ने कई समाजसेवी के कार्य किए। जिसके चलते उन्हें आज भी पूजा जाता है। उन्होंने कहा कि लिखमीदास महाराज द्वारा हजारों भजन तथा दोहों की रचना की। संत के रूप में प्रसिद्ध हुए लिखमीदास महाराज हमेशा ही भगवान की भक्ति में खोए रहते थे।
पोकरण
स्थायी नाथ धूणे में मंगलवार को संत लिखमीदास जयंती समारोहपूर्वक आयोजित की गई। जयंती को लेकर सोमवार की रात्रि से ही विभिन्न कार्यक्रमों का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर संत की प्रतिमा पर रात्रि को पुजारी खेतगिरी महाराज ने पूजा अर्चना की। सोमवार की रात्रि को भव्य भजन संध्या का आयोजन किया गया। मंगलवार को संत लिखमीदास महाराज की जयंती के अवसर पर सुबह प्रभात रैली का आयोजन किया गया। प्रभात रैली के पश्चात स्थाईनाथ धूणे के प्रांगण में समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में नगरपालिका अध्यक्ष छोटेश्वरी आईदान माली उपस्थित थी। वहीं समारोह की अध्यक्षता माली विकास संस्थान के अध्यक्ष हंसराज सोलंकी ने की। समारोह के विशिष्ट अतिथि व्याख्याता सोनाराम सोलंकी, पार्षद खेताराम माली, मोतीलाल पंवार उपस्थित थे।
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि छोटेश्वरी आईदान माली ने कहा कि माली समाज के संत लिखमादास महाराज ने कई समाजसेवी के कार्य किए। जिसके चलते उन्हें आज भी पूजा जाता है। उन्होंने कहा कि लिखमीदास महाराज द्वारा हजारों भजन तथा दोहों की रचना की। संत के रूप में प्रसिद्ध हुए लिखमीदास महाराज हमेशा ही भगवान की भक्ति में खोए रहते थे। समारोह को सबोधित करते हुए माली विकास संस्थान के अध्यक्ष हंसराज सोलंकी ने कहा कि संत लिखमीदास बाबा रामदेव के प्रिय भक्त थे तथा लिखमीदास महाराज साधारण वेशभूषा पहनते थे। जयंती समारोह के अवसर पर विशिष्ट अतिथि व्याख्याता सोनाराम माली, पार्षद खेताराम माली, मोतीलाल पंवार, राधाकिशन, भूरसा माली, कन्हैयालाल, कंवर लाल पंवार, कमल भाटी, मोहन सिंह गहलोत, जगदीश गहलोत, ओमप्रकाश गहलोत, रूखमण परिहार, लक्ष्मीनारायण परिहार, नेमीचंद गहलोत, लाभ सोलंकी, सत्यनारायण पंवार, डॉ. तरूण पंवार, ओमप्रकाश गहलोत, नेमीचंद सोलकी, गोविन्दलाल, राणाराम, बुधाराम सिणला, जितेन्द्र कुमार सहित अनेक लोगों ने विचार व्यक्त किए।
रैली का हुआ आयोजन
महाराज की जयंती के अवसर पर समाज के लोगों द्वारा प्रभात रैली निकाली गई। इस प्रभात रैली में शरीक हुए सभी युवकों ने वाहन पर रैली निकाल कर संत लिखमीदास की जयंती के कार्यक्रमों का शुभारंभ किया। यह रैली स्थायीनाथ धूणे से आशापूर्णा मंदिर, बीलिया रोड, कालका मंदिर, खींवज माता मंदिर, आईटीआई केन्द्र, फलसूंड रोड, अस्पताल रोड, जयनारायण सर्किल पर जाकर सम्पन्न हुई।
भजन संध्या का हुआ आयोजन
संत लिखमादास महाराज की जयंती के अवसर पर रात्रि में भजन संध्या का आयोजन किया किया गया। भजन संध्या के अवसर पर पोकरण के गायक कलाकार जितेन्द्र लोढा ने आज पधारो म्हारे प्रांगण में महाराज..., ले लो म्हारा हरि नाम..., हरे कृष्णा हरे हरे कृष्णा..., माता ने बुलाओं म्हारे प्रांगण में..., भजन प्रस्तुत श्रद्धालुओं को रातभर बांधे रखा। इसी प्रकार सुरेन्द्र माली ने बाबो को आना पड़ेगा..., सुन अरज करूं डाली बाई..., मेरा बाबा मतबाला..., भजन प्रस्तुत करने श्रद्धालुओं द्वारा तालियों की गडगड़ाहट के साथ गायक कलाकारों द्वारा स्वागत किया गया।
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