कौन है जो राहुल को बदनाम कर रहे हैं? 
नई दिल्ली। 
सोशल नेटवर्किग साइट्स पर कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा था। ये लोग राहुल गांधी के खिलाफ भड़काऊ टिप्पणियां पोस्ट कर रहे थे। पिछले साल अक्टूबर में एक सोशल नेटवर्किग साइट पर "नो द रियलिटी अबाउट राहुल गांधी एंड सोनिया गांधी" नामक पेज पर नेहरू-गांधी परिवार के बारे में अपमानजनक टिप्पणियां पोस्ट की गई थी। 
भारतीय खुफिया एजेंसियां इन लोगों का पता लगाने के लिए काफी समय से कोशिश कर रही है लेकिन इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी)एड्रेस नहीं मिलने के कारण उन्हें कामयाबी नहीं मिल पाई। इन लोगों का पता लगाने के लिए खुफिया एजेंसियों ने अमरीकी एजेंसियों से करीब 12 आईपी एड्रेस मांगे लेकिन वाशिंगटन स्थित नेशनल क्राइम ब्यूरो (एनसीबी) ने आईपी एड्रेसे के बारे में जानकारी देने से इनकार कर दिया। 
एक अखबार के अनुसार इनमें से आठ आईपी निजी व्यक्तियों के हैं जिन्होंने सोशल मीडिया साइट्स पर राहुल गांधी के खिलाफ भड़काऊ टिप्पणियां की हैं। जिन मामलों में अमरीका से आईपी एड्रेस मांगे गए हैं वे हैं दिल्ली के गफ्फार मार्केट में हुए सीरियल बम विस्फोट, ऑनलाइन लॉटरी घोटाला मामला तथा ऑनलाइन रोजगार घोटाला। 
अमरीकी एजेंसियों के असहयोग के चलते भारतीय एजेंसियां अमरीका के साथ अधिक बाध्यकारी द्विपक्षीय समझौता करना चाहती हैं जिसके तहत ऎसी महत्वपूर्ण जानकारियां तेजी से साझा की जा सकें। साल 2005 से ही दोनों देशों के बीच म्यूचल लीगल असिसटेंस ट्रीयटी (एमएलएटी) अस्तित्व में है। हालांकि सीबीआई जैसी एजेंसियों को लगता है कि एमएलएटी के तहत मांगी गई जानकारी में बहुत समय लगता है तब तक महत्वपूर्ण साक्ष्य ही नष्ट हो जाता है।

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