..तो लाखों गैलन पानी बह जाएगा व्यर्थ
बाड़मेर
सरकार की ओर से भले ही वर्षा जल को लेकर कई योजनाए चलाई जा रही क्यों न हो, लेकिन बाड़मेर में नगर परिषद की ओर से बनाए गए पालिका बाजार के ऊपर नवनिर्मित बाज़ार में पानी निकासी के दौरान प्रशासनिक अधिकारी वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम लगाए जाना भूल गए, जिससे कारण बरसाती पानी निकासी के लिए पाइपों को छत से बाहर निकाल खुले में छोड़ दिया गया। जबकि राज्य सरकार ने सरकारी व गैर सरकारी कार्यालयों व भवनों में बरसाती पानी को इकट्ठा करने के लिए वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम लगाए जाना अनिवार्य कर रखा है। ऐसे में नगर परिषद ने बरसाती पानी के पाइपों को खुले में ही छोड़ दिया है, जिससे बरसात के दौरान लाखों गैलन पानी व्यर्थ में ही सड़कों पर बहेगा। अगर नगर परिषद की ओर से बरसाती पानी को संजोए रखने के लिए वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम लगा पानी को इकट्ठा किया जाता तो शायद लाखों गैलन पानी इकट्ठा हो जाता, जो सालभर पालिका बाजार में रह रहे लोगों के लिए पीने के काम आ सकता है। एक तरफ जहां सरकार बरसाती पानी को बचाने के लिए कई योजनाएं व हॉडिंरंग लगाकर बूंद-बूंद पानी को संजोने के सपने दिखा रही है, वहीं सरकारी महमे ही पानी की अहमियत को भूल बरसाती पानी की निकासी खुले में ही कर दी गई। जबकि निर्माण कार्य के दौरान वाटर हारवेस्टिम सिस्टम से जोड़ना जरूरी था। इस संबंध में जब पालिका आयुक्त बीएल सोनी से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि अभी तो निर्माण कार्य चल रहा है, मैं पता करवाता हूं। अगर वाटर हारवेस्टिंग नहीं लगे है तो तत्काल लगा दिए जाएंगे। अब भला अगर सरकारी महकमे ही इस वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम को लगाना जरूरी नहीं समझे और बरसाती पानी को यूंही व्यर्थ में बहने के लिए छोड़ दे, तो शायद आमजनता से पानी संजोने को लेकर क्या उम्मीद कर सकते है। अगर नगर परिषद पालिका बाजार को वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम से जोड़ती है तो बारिश के दौरान हजारों लाखों गैलन पानी इकट्ठा हो सकता है, जो आमजन के पीने यो अन्य यूजेज में काम आ सकता है।
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