ओबीसी आरक्षण में छेड़छाड़ बर्दास्त नहीं करेंगे: सोनाराम 
बाड़मेर 
बायतु विधायक कर्नल सोनाराम चौधरी बुधवार को ओबीसी आरक्षण के मसले पर सर्किट हाउस में पत्रकारों से रूबरू हुए। इस दौरान कर्नल ने राज्य के  मुख्यमंत्री गहलोत पर भी निशाना साधा और उनकी मंशा ठीक नहीं होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वो गुर्जरों के  आरक्षण के  खिलाफ नहीं है, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुर्जरों को आरक्षण देने के लिए ओबीसी कोटे में छेड़छाड़ करना चाहते है, जो समाजों को बांटने का काम कर रहे है। ऐसे में अगर ऐसा हुआ तो राज्य में लोग सड़कों पर उतर जाएंगे और इसका खामियाजा कांग्रेस सरकार को भुगतना पड़ सकता है। 

मैं किसी के खिलाफ नहीं: 
कर्नल सोनाराम चौधरी ने कहा कि मैं किसी के व्यक्तिगत खिलाफ नहीं हूं, और मेरी मुख्यमंत्री से कोई  व्यक्तिगत दुश्मनी भी नहीं है। लेकिन इस तरह समाजों को बांटने की जो रणनीति बनाई जा रही है, इसे हमारी कौम बर्दास्त नहीं करेगी। गुर्जरों को खुश करने के लिए ओबीसी कोटे से छेड़छाड़ कर गुर्जरों को देने की योजना तैयार की गई है, अगर ऐसा हुआ तो राज्य में स्थिति भयावह होगी। जिसका खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ सकता है। 
ओबीसी आयोग अध्यक्ष को हटाने की मांगः 
कर्नल सोनाराम चौधरी ने पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष जस्टिम आईएस इसरानी को हटाने की मांग की है। उनका कहना है कि उन्होंने मीडिया में बयान दिया है कि जाट आदि प्रभावशाली जातियों को ओबीसी में रखने पर पुनर्विचार किया जाएगा। इसे पिछे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा ठीक नहीं है। 
कांग्रेस कमजोर हो रहीः 
उन्होंने पत्रकारों की ओर से पूछे गए सवाल मुख्यमंत्री विरोधी खेमे के असंतुष्ठ विधायकों की ओर से आलाकमान को शिकायत किए जाने के सवाल पर कहा कि राज्य में कांग्रेस की स्थिति कमजोर हो रही है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भी चंद्रभान भी कमजोर स्थिति को लेकर चिंता जता चुके  है। मुख्यमंत्री जाट विरोधी रहे है, जिसका खामियाजा उन्हें आने वाले समय में भुगतना पड़ सकता है। 
..तो सड़कों पर उतर जाएंगे लोगः 
अगर ओबीसी के 21 प्रतिशत आरक्षण में छेड़छाड़ की गई तो पिछड़ा वर्ग के  लोगों में गुस्सा फूट पड़ेगा और जनता इसे बर्दास्त नहीं कर पाएगी। जहां गुर्जर तो राज्य में तीन-चार जिलों में ही है, जबकि जाट, विश्नोई सहित अन्य कई ओबीसी कॉम राज्य के  33 जिलों में है, अगर ये सड़कों पर उतर गई तो राज्य की कांग्रेस सरकार की स्थिति खराब हो जाएगी। पिछले चुनाव में भी कांग्रेस गलतियों के कारण हारी थी जिससे 156 सीटों के  मुकाबले केवल 56 सीटें ही मिली थी। 
आलाकमान से करेंगे मुलाकातः 
अगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी गलतियों में सुधार नहीं करेंगे तो इसकी शिकायत आलाकमान सोनिया गांधी से करेंगे। कांग्रेस सरकार की राज्य में स्थिति कमजोर है और इसे लिए जिम्मेदार है राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत। जहां अधिकारी कहना नहीं मानते है और भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार हो रहा है। 
बाड़मेर के लिए कुछ नहीं किया: 
बाड़मेर में अथाह तेल के  भण्डार मिलने से जिले से प्रति माह करोड़ों की रॉयल्टी राज्य सरकार के  पास जमा होती है, लेकिन जिले में कोई काम नहीं हो रहे। पानी को लेकर हालात खराब है, जहां गांवों में जीएलआर सूखे पड़े है, वहीं पानी के  लिए लोग भटकते नजर आ रह है। ऐसे में रॉयल्टी से कुछ हिस्सा बाड़मेर के  विकास पर खर्च किया जाना चाहिए। उन्होंने चुटकिया लेते हुए कहा कि चाहे युवाओं े लिए जिम लगे या फिर स्विमिंग पूल बने। लेकिन विकास पर कुछ तो पैसा खर्च हो। 

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

 
HAFTE KI BAAT © 2013-14. All Rights Reserved.
Top