पैतृक गांव में लगेगी मेहदी हसन की प्रतिमा 
नई दिल्ली।
गजल के बेताज बादशाह तथा भारत-पाकिस्तान के लोगों दिलों को जोडने वाले मेहदी हसन को श्रद्धांजलि स्वरूप भारत में उनके पैतृक गांव लूणा में उनकी प्रतिमा लगाई जाएगी। राजस्थान के लूणा गांव में जन्मे मेहदी हसन के भारत और पाकिस्तान में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में उनके मुरीद फैले थे। उनके इंतकाल से गजल गायकी का एक स्तंभ ही ढह गया और उनके मुरीदों की आंखों में आंसू आ गए। उनके मुरीदों में स्वर कोकिला लता मंगेशकर और स्व. मोहम्मद रफी भी थे।
हिन्दी, उर्दू तथा अंग्रेजी में मेहदी हसन पर भारत में पहली किताब लिखने वाले आईएसएस अधिकारी अखिलेश झा ने बताया कि जुलाई में मेहदी हसन की एक्रिलिक प्रतिमा उनके पैतृक गांव में लगाई जाएगी। इसके अलावा उनके नाम पर एक सड़क का नामकरण भी होगा और एक गेट भी लगाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मेहदी साहब ने भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को भावनात्मक रूप में मजबूत बनाने में अहम किरदार निभाया था। इस नाते भारत सरकार को उन पर डाक टिकट या फिल्म बनाकर या कोई बडा पुरस्कार देकर उन्हें श्रद्धांजलि देनी चाहिए।

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