प्लान "बी" से जुड़ा संगमा का इस्तीफा!
नई दिल्ली।
अपनी ही पार्टी एनसीपी की राय के खिलाफ जाकर राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने का ऎलान कर चुके पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा ने बुधवार को पार्टी को अलविदा कह दिया। एनसीपी पहले ही कांग्रेस उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी को समर्थन की घोषणा कर चुकी थी तथा संगमा को चुनाव लड़ने पर बाहर का रास्ता दिखाने को तैयार थी। पार्टी उन्हें बाहर निकालती इससे पहले उन्होंने ही पार्टी से इस्तीफा दे दिया। कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा उन्हें अब राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में समर्थन कर सकती है।
पार्टी निकालती, खुद ही निकल गए
एनसीपी का मानना है कि पार्टी ने बिना शर्त प्रणब मुखर्जी को समर्थन देने के बारे में तय किया है इसलिए संगमा राष्ट्रपति चुनाव लड़ने का अपना इरादा त्याग दें। एनसीपी नेता और केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल पहले ही कह दिया था कि राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए संगमा को पार्टी का समर्थन नहीं है। हम चाहते हैं कि वे न लड़ें। अगर वे लड़ते हैं तो उन पर कार्रवाई होगी। वे वरिष्ठ नेता हैं और मैं नहीं समझता कि वे पार्टी के निर्णय के खिलाफ जाएंगे। हम उनके खिलाफ कार्रवाई तभी करेंगे जब वे अपना नामांकन दाखिल करेंगे।
संगमा हो सकते हैं एनडीए उम्मीदवार
उल्लेखनीय है कि संगमा राष्ट्रपति चुनाव लड़ने पर अड़े हुए हैं। संगमा का कहना है कि अन्नाद्रमुक नेता जयललिता और बीजेडी प्रमुख नवीन पटनायक का उन्हें समर्थन हासिल है। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर गठबंधन के सहयोगियों के परस्पर विरोधी रूख के चलते भाजपा अब तक कोई फैसला नहीं ले पाई है। शिव सेना राष्ट्रति पद के लिए यूपीए के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी का समर्थन कर चुकी है वहीं जेडीयू भी प्रणब के समर्थन के पक्ष में है। ऎसे में भाजपा के लिए अकेले ही यह सुनिश्चित करना मुश्किल हो गया है कि एनडीए राष्ट्रपति चुनाव में अपना उम्मीदवार उतारेगा। इस बारे में निर्णय लेने के लिए शाम को एनडीए की बैठक बुलाई गई है। संकेत मिल रहे हैं कि भाजपा इसमें संगमा को समर्थन के बारे में अपनी राय रख सकती है। उधर, भाजपा में एक बड़ा धड़ा प्रणब के समर्थन के पक्ष में है। मेनका गांधी प्रणब का खुलकर समर्थन कर चुकी हैं वहीं कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येडि्डयुरप्पा और वरिष्ठ नेता सीपी ठाकुर भी प्रणब पर सहमति बनाने के पक्ष में हैं।
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