प्रणब का अब तक का सफर
नई दिल्ली।
प्रणब दा के नाम से मशहूर प्रणब मुखर्जी 43 साल पहले सांसद बने थे। वे 30 साल पहले पहली बार वित्त मंत्री बने। पिछले 40 सालों में वे हर कांग्रेसी प्रधानमंत्री के मंत्रिमंडल में मंत्री बने। राजनीतिक दलों में वे सर्वश्रेष्ठ सांसदों के तौर पर जाने जाते हैं। सांसदों की कई पीढियों ने उन्हें हमेशा संसद में पाया है।
प्रणब (76) के पिता भी कांग्रेसी थे। प्रणब कई सालों तक पार्टी के संकटमोचक रहे। हालांकि 28 साल पहले वे पार्टी छोड़ गए थे। तब प्रणब ने अपनी पार्टी बनाई।
प्रणब दा का जन्म 11 दिसंबर 1935 को पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के मिराटी गांव में स्वतंत्रता सेनानी कमादा किंकर मुखर्जी व राजलक्ष्मी के यहां हुआ।
कलकत्ता यूनिवर्सिटी में राजनीतिक विज्ञान, इतिहास और कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने 1969 में राजनीति में शामिल होने से पहले शिक्षक, पत्रकार और एक वकील के तौर पर काम किया। सबसे पहले वे राज्यसभा सदस्य बने। इसके बाद से वे विदेश, गृह और रक्षा क्षेत्र के शीर्ष पदों पर रहे हैं।
अपनी पार्टी बनाई थी -
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 1984 में हत्या के बाद पार्टी में हुई खींचतान के कारण प्रणब ने कांग्रेस छोड़ दी थी। प्रणब ने अपनी राष्ट्रीय समाजवादी पार्टी बनाई थी। पूर्व प्राधानमंत्री पीवी नरसिंह राव उन्हें पार्टी में दोबारा लेकर आए थे। तब वे योजना आयोग के उपाध्यक्ष बनाए गए थे।
कई पदों पर रहे हैं -
संसद में लंबे समय तक रहने के अलावा प्रणब और भी कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। वे इंटरनेशन मॉनिटरी फंड, वल्र्ड बैंक और एशियन डवलपमेंट बैंक के बोर्ड ऑफ गवनर में भी रहे हैं। यूरोमनी मैगजीन ने 1984 में प्रणब को विश्व के बेहतरीन वित्त मंत्रियों में से एक बताया था।
रोज 18 घंटे काम करते हैं प्रणब दा
प्रणब दा रोज 18 घंटे काम करते हैं। उन्हें पढ़ने, गार्डनिंग व संगीत सुनने का भी शौक है। उन्हें रबिन्द्र संगीत बेहद पसंद है।
प्रणब दा का परिवार
प्रणब का विवाह सुवरा से हुआ और उनके दो बेटे - अभिजीत व इंद्रजीत तथा एक बेटी शर्मिष्ठा है। अभिजीत पश्चिम बंगाल में कांग्रेस विधायक हैं।
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