नेताम हुए संगमा संग, कांग्रेस से आउट 
नई दिल्ली। 
देश के 14वें राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव मैदान में उतरे संप्रग उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी की बजाय भाजपा समर्थित पीएम संगमा के समर्थन का ऎलान करने और नामांकन के दौरान उनके साथ आए छत्तीसगढ़ से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अरविंद नेताम को कांग्रेस ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। इससे पहले सुबह उन्हें कारण बताओं नोटिस थमाया गया था। संगमा की बेटी अगाथा संगमा भी प्रणब के नामांकन के दौरान नजर नहीं आई। फिलहाल उनके खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई के संकेत नहीं मिले हैं।
जेडीयू-सीपीएम ने भी रहे दूर
जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के उम्मीदवार प्रणव मुखर्जी के नामांकन के समय अनुपस्थित रहकर यह संकेत दिया है कि वह मुखर्जी की उम्मीदवारी का भले ही समर्थन करते हों पर वह संप्रग के साथ नहीं है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने भी मुखर्जी का समर्थन किया पर उसका एक भी नेता नामांकन के समय मौजूद नहीं था। 
शरद ने चुना अलग रास्ता
मुखर्जी समर्थन मांगने के लिए यादव से उनके निवास पर मिलने गए थे। उनके नामांकन पत्र पर पहले प्रस्तावक के रूप में शरद यादव का ही नाम है। यह उम्मीद की जा रही थी कि यादव संसद भवन में नामांकन के समय अवश्य मौजूद रहेंगे लेकिन अप्रत्याशित रूप से वह वहां मौजूद नहीं थे। यादव राजग के संयोजक भी है और मुखर्जी का समर्थन कर उन्होंने भाजपा से अलग रास्ता चुना पर सुबह जब वह संसद भवन नहीं गए तो उन्होंने संप्रग को यह संकेत देने की कोशिश की कि वह पूरी तरह उसके साथ नहीं हैं। 
समर्थन के बदले नहीं मिला कुछ
जदयू संप्रग नेतृत्व से इसलिए भी नाराज चल रहा है कि केंद्र सरकार ने बिहार को विशेष राज्य दर्जा देने की मांग अभी तक स्वीकार नहीं की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जानते हैं कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देना कांग्रेस नीत सरकार के लिए राजनीतिक फैसला है। जदयू के सूत्रों का कहना है कि मुखर्जी को समर्थन देने से उनकी पार्टी को कोई लाभ नहीं मिला है, क्योंकि बिहार को 28 हजार करोड के बजट की मांग पुरानी थी, केंद्र ने कोई रियायत नहीं दी है।

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