आमिर ने दिखाया हर दूसरी महिला घरेलू हिंसा की शिकार
नई दिल्ली.
आमिर ने इस बारे में कुछ आंकड़े पेश किए। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक देश में 40 फीसदी औरतें घरेलू हिंसा की शिकार हैं। हर दूसरी महिला घरेलू हिंसा की शिकार है। 'युगांतर' की रिपोर्ट के मुताबिक 84 फीसदी महिलाएं किसी न किसी तरह से घरेलू हिंसा की शिकार हैं।
आज उन्होंने दर्शक दीर्घा में सिर्फ मर्दों को बुलाया है। सबसे पहले आमिर ने पूछा कि ऐसी कौन सी जगहे हैं, जहां महिलाएं असुरक्षित हैं?
दर्शकों ने लोकल ट्रेन, रात के वक्त सबवे, कॉल सेंटर्स को महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा असुरक्षित बताया।
उसके बाद आमिर ने कहा, 'इसका मतलब यह हुआ कि महिलाएं समाज में पब्लिक प्लेसेस में असुरक्षित हैं। पता करते हैं कि यह बात कितनी सही है। महिला अपने साथ हिंसा होने पर दो जगहें जाती हैं। पुलिस स्टेशन और हॉस्पिटल। पुलिस स्टेशन तो वह कम ही जाती हैं। लेकिन, हॉस्पिटल तो उनको जाना ही पड़ता है।'
बांद्रा के भाभा हॉस्पिटल में उनकी टीम ने पता लगाया कि हॉस्पिटल में आनेवाले टोटल मरीजों में घरेलू हिंसा की शिकार 40 प्रतिशत महिलाएं होती हैं।
रश्मि आनंद के साहस की दास्तान
रश्मि आनंद एक कामयाब लेखिका हैं। वह दिल्ली पुलिस की महिला शाखा केंद्र में घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं की काउंसिलिंग करती हैं। आमिर खान के शो में उनके चेहरे पर हंसी थी। लेकिन, उनकी इस खिलखिलाहट के पीछे छुपी है एक साहस की दास्तान।
उन्होंने बताया, 'मां-बाप ने मुझे बड़े नाजों से पाला था। एरेंज मैरेज के बाद शादी को दो दिन के अंदर ही वायलेंस शुरू हो गईं।। पहला हादसा आपका वजूद ले जाता है। लेकिन, पहली बार मेरे हसबैंड बहुत रोए। हसबैंड ने कहा कि उन्होंने बहुत गलत किया।'
आमिर ने वॉयलेंस का कारण पूछा तो उन्होंने कहा, 'इसके लिए कोई भी कारण हो सकता है। तैयार नहीं हैं तो थप्पर। गलती से बहस कर लो तो थप्पड़। तीन महीने की प्रेग्नेंसी थी तब फर्स्ट फ्लोर की सीढियों से उन्होंने मुझे फेंका और बच्चा नुकसान हो गया। हर साल कोई न कोई हादसा होता। बेटी जब चार पांच साल की हो गई थीं और मैं इसीलिए उनके साथ जीती रही कि सोचती रही कि बच्चे को लेकर कहां जाउंगी। मुझमें हिम्मत नहीं थी लड़ाई करने की। जब मैंने पति का घर छोड़ा तो पैसे की बहुत तकलीफ थी। मैंने संघर्ष किया और बच्चों को सेट किया।'
रश्मि मानती हैं कि जब दो हाथ कुचलते हैं तो भगवान सहारे के लिए पांच सौ हाथ देते हैं।
आमिर ने पूछा कि समाज में उनके पति की छवि क्या थी?
रश्मि ने बताया कि जब वह पति के साथ बाहर निकलती थीं तो लोग कहते थे कि क्या परफेक्ट कपल है। लेकिन, दरवाजे के पीछे क्या होता है. यह सिर्फ मर्द और औरत जानती हैं।
रश्मि ने सबसे बड़ी बात यह बताई कि पति हिंसा करता है और महिलाएं खुद की जिंदगी बचाने के लिए बच्चों का बहाना बनाकर सहती चली जाती हैं। महिलाएं अपनी इनसेक्युरिटी फीलिंग को बच्चों पर डाल देती हैं। ऐसा उनको नहीं करना चाहिए। वह जिस तरह से दस साल तक सहती रहीं, उस तरह से महिलाएं नहीं सहें। पहली बार जब मर्द हाथ उठाता है तो उसी पर उसे रोक देना चाहिए।
इन सब घरेलूं हिंसा का बच्चों पर क्या असर पड़ता है?
रश्मि ने कहा कि बच्चा सहम जाता है। बाप से नफरत करना शुरू कर देता है।एक मामले में ऐसा हुआ कि मां को पिता के हाथों पिटते देख एक बार बेटा उनको बेल्ट से पीटने लगा। रश्मि का कहना है कि ऐसा नहीं होना चाहिए। मां को प्रोटेक्ट करना चाहिए। वॉयलेंस का इलाज वॉयलेंस से नहीं किया जा सकता। इससे तो यह और बढ़ेगा।
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