जैसलमेर प्रसूता की मौत पर भड़के परिजन
जैसलमेर

सवाल जो सामने आए
देवीकोट चिकित्सक को स्थिति गंभीर लगने पर उसने रात्रि में 11 बजे महिला को जैसलमेर रेफर किया। लेकिन जैसलमेर पहुंचने पर यहां के चिकित्सकों ने गंभीरता को लेकर कोई इलाज नहीं किया। सिर्फ इतना कहा कि नॉर्मल है। यदि महिला गंभीर नहीं थी तो उसे देवीकोट से जैसलमेर क्यों रेफर किया गया।
विवाद व प्रसूता की मौत को देखते हुए कमला नाम की एक महिला जो रात्रि में उसी वार्ड में थी, वह प्रशासनिक अधिकारियों व पूर्व विधायक के पास पहुंची और बताया कि सरासर महिला चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ की लापरवाही है। कमला ने बताया कि रात में छगन कंवर अपने बेड पर तड़प रही थी और पानी पानी मांग रही थी। लेकिन दो नर्स व एक स्वीपर वहां पर मौजूद जिन्होंने उसकी तरफ ध्यान ही नहीं दिया। जब कमला स्वयं ने उसे पानी पिलाया।
डॉक्टर ने कहा : अचानक तबीयत बिगड़ गई थी
डॉ. उषा दुग्गड़ ने बताया कि महिला जब से अस्पताल में आई थी तब से वह एकदम नॉर्मल थी। उसके पेट में पानी थोड़ा ज्यादा था, इसलिए उसे देवीकोट से रेफर किया गया था। ऐसा सामान्य होता है। सुबह 8 बजे तक वह नॉर्मल थी लेकिन 9 बजे अचानक महिला को तान आ गई और उसका ब्लड प्रेशर एकदम गिर गया। डॉ. दुग्गड़ ने बताया कि संभवताया ऐसे केस में पेट का पानी हृदय में चला जाता है जिससे प्रसूता की मौत हो जाती है।
परिजनों ने कहा : डॉक्टर की लापरवाही से हुई मौत
मृतका के देवर अनोपसिंह मोकला ने बताया कि उसकी भाभी बुधवार दोपहर से देवीकोट अस्पताल में भर्ती है। बुधवार रात्रि में देवीकोट चिकित्सक ने उसकी भाभी छगन कंवर को जैसलमेर रेफर कर दिया। जिला अस्पताल में उसकी एंट्री रात्रि में 12 बजकर 5 मिनट पर हुई। अनोपसिंह ने बताया कि रात्रि में डॉ. दुग्गड़ ने बताया कि कोई समस्या नहीं है एकदम नॉर्मल है। ऐसा कहकर डॉ. दुग्गड़ अस्पताल से घर के लिए रवाना हो गई। अनोपसिंह ने बताया कि सुबह 8 बजे डॉ. दुग्गड़ को बुलाने पर नहीं आई और उसके बाद 200 रुपए दिए तो चैक करने पहुंची। उस समय भी उसने कहा कि एकदम नॉर्मल है और एक दो घंटे में डिलीवरी हो जाएगी। 9 बजे अचानक प्रसूता की तबीयत बिगड़ गई और 9.40 पर मौत हो गई। अनोपसिंह ने बताया कि उसकी भाभी की मौत डॉ. उषा दुग्गड़ की लापरवाही से हुई है।
गुरुवार को सुबह करीब पौने दस बजे प्रसूता छगन कंवर की मौत हो गई। छगन कंवर को देवीकोट चिकित्सक ने रात्रि में जैसलमेर रैफर किया था। रात भर जवाहिर अस्पताल में भर्ती रहने के बाद सुबह 9 बजे उसकी अचानक तबीयत बिगड़ गई और करीब 9 बजकर 40 मिनट पर उसकी मौत हो गई। प्रसूता की मौत के बाद उसके परिजनों ने महिला चिकित्सक पर लापरवाही व पैसे मांगने के गंभीर आरोप लगाते हुए हंगामा खड़ा कर दिया। देखते ही देखते बड़ी संख्या में लोग मृतका के परिजनों के साथ एकत्र हो गए। पूर्व विधायक सांग सिंह भाटी और पूर्व प्रधान सुमेर सिंह भी मौके पर पहुंच गए और प्रशासन से महिला चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ को निलम्बित करने की मांग पर अड़े रहे। प्रशासन की तरफ से मौके पर एडीएम परशुराम धानका, सीईओ बलदेवसिं उज्जवल, एसडीएम रमेशचंद्र जैन्थ, पुलिस उप अधीक्षक बंशीलाल, विकास अधिकारी रमेशचंद्र माथुर एवं रामनिवास बाबल तथा थानाधिकारी वीरेंद्रसिंह भी मौजूद रहे। इनके अलावा शंभूदान भेलाणी, हाथीसिंह मूलाना, समाजसेवी मेघराज परिहार, कृषि उपज मंडी उपाध्यक्ष रामसिंह मोकला, ओमसेवक, बछराज ओझा सहित अनेक लोग मौजूद थे।
॥मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच कमेटी का गठन किया जाकर मामले की जांच की जाएगी। एएनएम को को सीएमएचओ ऑफिस उपस्थिति देने के निर्देश दिए गए हैं वहीं डॉक्टर उषा दुग्गड़ को एपीओ करने के लिए निदेशक को अनुशंसा भेजी गई है। एपीओ की कार्रवाई वहीं निदेशक स्तर से ही होगी। ञ्जञ्ज
परसुराम धानका, एडीएम, जैसलमेर
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