गुड्स ट्रेन शुरू करने की कवायद शुरू
राजस्थान और पाकिस्तान के सिंध प्रांत के साठ साल पुराने व्यापारिक रिश्तों को दुबारा कायम करने की कवायद एक बार पुन: शुरू हुई है। केंद्र सरकार ने कस्टम, आईबी व डीआरआई समेत अन्य सुरक्षा व खुफिया एजेंसियों से मुनाबाव-खोखरापार के बीच गुड्स ट्रेन शुरू करने पर रिपोर्ट मांगी है। छह साल पहले जब थार लिंक एक्सप्रेस ट्रेन शुरू हुई, तभी से इस मार्ग पर गुड्स ट्रेन चलाने की चर्चाएं आरंभ हो गई थी। हालांकि दो साल पहले केंद्र सरकार ने इस ट्रेन को शुरू करने के लिए इन्हीं एजेंसियों से रिपोर्ट मांगी थी, मगर बाद में दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण हालात के कारण यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। दो माह पहले पाकिस्तान के वाणिज्य मंत्री मखदूम मोहम्मद अमीन फहीम और भारतीय वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा के बीच वार्ता में इस ट्रेन को शुरू करने की नई संभावनाओं पर सहमति बनी थी। दोनों देशों के मंत्रियों ने व्यापारिक रिश्ते मजबूत करने के लिए संयुक्त कार्यदल गठित करने और आगामी वार्ता से पहले रिपोर्ट तैयार करने पर भी सहमति जताई थी। सूत्रों के अनुसार इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने कस्टम, आईबी व डीआरआई जैसी एजेंसियों से गुड्स ट्रेन तथा आयात-निर्यात होने वाली वस्तुओं पर रिपोर्ट मांगी है। ये एजेंसियां रिपोर्ट तैयार कर अगले सप्ताह तक सरकार को भेजेंगी।
रेलवे की पूरी तैयारी :
मुनाबाव-खोखरापार के रास्ते फिर से गुड्स ट्रेन शुरू करने के लिए रेलवे ने कार्ययोजना तैयार कर रखी है। करीब तीन साल पहले गृह मंत्रालय ने रेल मंत्रालय से इस बारे में योजना मांगी थी। रेलवे के जोधपुर मंडल ने मुनाबाव में थार एक्सप्रेस के प्लेटफॉर्म के साइड में नई रेल लाइन बिछाने, नया प्लेटफॉर्म व गुड्स शेड बनाने की रूपरेखा तैयार की थी। इसमें लोड व अनलोड होने वाले सामान की जांच के लिए कस्टम की सुविधाएं जुटाने का खाका भी तैयार किया गया था। इसके लिए जोधपुर से वाणिज्य विभाग का एक दल अटारी में गुड्स ट्रेन की व्यवस्थाओं का निरीक्षण भी करने गया था। यह प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा हुआ है।
कराची से आता था माल
आजादी से पहले पाकिस्तान के कराची पोर्ट पर ब्रिटेन, यूरोप के विभिन्न हिस्सों व मिडल ईस्ट से गुड्स पहुंचता था। यहां से लाहौर होते हुए इसे भारत तक लाया जाता था। व्यापारियों की सुविधा और ब्रिटिश सरकार की जरूरत को देखते हुए वर्ष 1900 में ब्रिटिश सरकार ने शादी पल्ली से जोधपुर तक मीटरगेज लाइन का निर्माण करवाया था। इस दौरान जोधपुर स्टेट की ओर से पाकिस्तान के सिंध तक रेल लाइन का खर्चा दिया गया था। 20 अक्टूबर 1900 को यह लाइन शुरू हुई तो पाकिस्तान व भारत के बीच कॉटन, सब्जियां व लाल मिर्च जैसे उत्पादों का व्यापार इस रास्ते से शुरू हुआ था।
आयात-निर्यात
अब क्या होगा निर्यात: हैंडीक्राफ्ट आइटम्स, फर्नीचर, स्टील के बर्तन, मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम और कपड़ा आदि।
क्या होगा आयात: एग्रीकल्चर प्रॉडक्ट्स, शक्कर, सीमेंट, हैंडीक्राफ्ट आइटम्स, कशीदे वाले कपड़े व सूखे मेवे आदि।
पुरानी मांग पूरी होने की उम्मीद:
॥मुनाबाव-खोखरापार मार्ग पर गुड्स ट्रेन शुरू होने से मारवाड़ और कराची के बीच पुराने व्यापारिक संबंध फिर से कायम हो सकेंगे। मैने संसद में इस ट्रेन को चलाने की मांग की थी। साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री से भी बात की थी।
-हरीश चौधरी, सांसद, बाड़मेर-जैसलमेर

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