महंगा होगा पेट्रोल-डीजल 
बठिंडा। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के संकेत दिए हैं। बठिंडा रिफाइनरी का उद्घाटन करने पहुंचे प्रधानमंत्री ने शनिवार को कहा कि दुनिया भर में तेल की बढ़ती कीमतों के चलते भारत में भी तेल के दामों को बाजार के मुताबिक करना जरूरी हो गया है।
india newsप्रधानमंत्री ने गुरू गोविंद सिंह रिफाइनरी को देश को समर्पित करते हुए कहा, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की ऊंची कीमतों से देश का आयात खर्च बढ़ता जा रहा है। कुल तेल खपत में करीब 80 प्रतिशत आयात होता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें कीमतों को तर्कसंगत बनाने की जरूरत है। साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा कि इससे गरीब और जरूरतमंद लोग प्रभावित नहीं हो।
करोड़ों का नुकसान 
प्रधानमंत्री ने कहा, तेल की बढ़ती कीमतों के प्रभाव से आम आदमी को बचाने के लिए डीजल, केरोसिन और घरेलू एलपीजी के दामों को उनकी वास्तविक बाजार लागत से कम पर रख सरकार इनका भारी बोझ वहन कर रही है। वित्त वर्ष 2011-12 के दौरान तेल कंपनियों को लागत से कम कीमत पर बिक्री से 1,38,000 करोड़ रूपए का नुकसान हुआ। चालू वित्त वर्ष में इसके 208,000 करोड़ रूपए तक पहुंचने की आशंका है।
मंत्रालयों में आपसी खींचतान 
तेल कंपनियां पेट्रोल पर आठ रूपए दाम बढ़ाने की लगातार मांग कर रही हैं। शुक्रवार को पेट्रोलियम मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय से कहा था कि वो पेट्रोल पर छह रूपए एक्ससाइज ड्यूटी घटाए, ताकि पेट्रोल के दाम बढ़ने पर लोगों पर ज्यादा बोझ न पड़े। वहीं वित्त मंत्रालय अपना राजस्व कम करने के लिए तैयार नहीं है। 
पाकिस्तान में घटेंगी कीमतें
पाकिस्तान में तेल एवं गैस नियामक प्राधिकरण अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में अप्रेल माह में आई कमी के मद्देनजर पेट्रोल-डीजल की कीमतें घटाने की तैयारी कर रहा है। वहां अभी पेट्रोल 59.57 रूपए और डीजल 61.68 रूपए प्रति लीटर है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में बीते एक माह में ब्ा्रेंट क्रूड ऑइल की कीमत 3 डॉलर घटकर 120 डॉलर प्रति बैरल के करीब चल रही है। हालांकि, पिछले साल भर में कीमतों में खासी बढ़ोतरी हुई है।
भारत में निर्णय प्रक्रिया धीमी- मित्तल
उद्योगपति लक्ष्मी निवास मित्तल ने इस मौके पर कहा कि भारत में निर्णय प्रक्रिया धीमी है। मित्तल ने कहा कि वह नीतियों के बारे में शिकायत करने के बजाय उन्हें अपनाने में विश्वास रखते हैं। लेकिन भारत में चीजें धीमी रफ्तार से बढ़ती हैं। 21,500 करोड़ रू. लागत वाली बठिंडा रिफाइनरी एचपीसीएल और मित्तल एनर्जी इंवेस्टमेंट लि., सिंगापुर का संयुक्त उपक्रम है। इसमें मित्तल समूह की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है। 
14 साल लग गए... 
बठिंडा रिफाइनरी की आधारशिला 1998 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखी थी। अमरिंदर सिंह के में 2002 में सत्ता में आने पर परियोजना रूक गई थी। प्रकाश सिंह बादल की सरकार बनने पर परियोजना फिर 2008 में शुरू हुई।

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