मोबाइल यूजर्स के लिए आ गई बेहद दिलचस्प सूचना!
जी हां, अब अगर आप नया नंबर लेने जाए तो हो सकता है कि आपको 9,8 और 7 की जगह 3,5 और 6 डिजिट के नंबर मिले। देश में तेजी से बढ़ते मोबाइल उपभोक्ताओं को देखते हुए दूरसंचार विभाग अब नए डिजिट के नंबर जारी करने पर विचार कर रहा है। इन नंबरो को जारी करने से 2 अरब 75 करोड़ नए नंबर उपलब्ध हो जाएंगे।आपको बता दें कि मोबाइल ग्राहकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है जिसके कारण मोबाइल कंपनियों को नंबरो की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। पहले दूरसचांर विभाग ने 11 डिजिट के मोबाइल नंबर शुरु करने पर विचार किया था लेकिन दो कंपनियों को छोड़कर अधिकतर ने इसका विरोध किया था उनके मुताबिक इससे मोबाइल कंपनियों की परेशानी घटने की बजाय और बढ़ जाएगी। अब दूरसचांर विभाग ने इसके लिए ट्राई से सिफारिश मांगी है कि 3,5 और 6 अंकों की सीरिज को खाली करवा कर इन्हें मोबाइल नंबरों के लिए आवंटित करवा दिया जाए। फिलहाल यह तीनो सीरिज लैंडलाइन नंबरो के लिए इस्तेमाल की जा रही है।
अगर इन नई सीरिज को जारी कर दिया जाता है तो मोबाइल कंपनियो को दशकों तक नंबरो कमी से छुटकारा मिल जाएगा। फिलहाल पांच अंक से 94 करोड़ 75 लाख, छह की संख्या से 100 करोड़ 45 लाख और तीन अंकों से 78 करोड़ 99 लाख नए नंबर मोबाइल कंपनियों को मिल जाएंगे।
जी हां, अब अगर आप नया नंबर लेने जाए तो हो सकता है कि आपको 9,8 और 7 की जगह 3,5 और 6 डिजिट के नंबर मिले। देश में तेजी से बढ़ते मोबाइल उपभोक्ताओं को देखते हुए दूरसंचार विभाग अब नए डिजिट के नंबर जारी करने पर विचार कर रहा है। इन नंबरो को जारी करने से 2 अरब 75 करोड़ नए नंबर उपलब्ध हो जाएंगे।आपको बता दें कि मोबाइल ग्राहकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है जिसके कारण मोबाइल कंपनियों को नंबरो की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। पहले दूरसचांर विभाग ने 11 डिजिट के मोबाइल नंबर शुरु करने पर विचार किया था लेकिन दो कंपनियों को छोड़कर अधिकतर ने इसका विरोध किया था उनके मुताबिक इससे मोबाइल कंपनियों की परेशानी घटने की बजाय और बढ़ जाएगी। अब दूरसचांर विभाग ने इसके लिए ट्राई से सिफारिश मांगी है कि 3,5 और 6 अंकों की सीरिज को खाली करवा कर इन्हें मोबाइल नंबरों के लिए आवंटित करवा दिया जाए। फिलहाल यह तीनो सीरिज लैंडलाइन नंबरो के लिए इस्तेमाल की जा रही है।
अगर इन नई सीरिज को जारी कर दिया जाता है तो मोबाइल कंपनियो को दशकों तक नंबरो कमी से छुटकारा मिल जाएगा। फिलहाल पांच अंक से 94 करोड़ 75 लाख, छह की संख्या से 100 करोड़ 45 लाख और तीन अंकों से 78 करोड़ 99 लाख नए नंबर मोबाइल कंपनियों को मिल जाएंगे।
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