रेल बजट से राजस्थान को आस ..
जयपुर। बुधवार को आने वाले रेल बजट पर राजस्थान की कई उम्मीदें टिकी हुई हैं। बीते दिनों रेलवे मुख्यालय का उद्घाटन करने आए दिनेश त्रिवेदी ने भी कहा था, "अगला बजट गुलाबी होगा।" ...शायद यही वजह है कि गुलाबी नगर के लोगों को इस बजट से आस कुछ ज्यादा ही है। उम्मीदों के पिटारे में जयपुर से दिल्ली के बीच बुलेट ट्रेन का सपना भी है वहीं जयपुर-दिल्ली के बीच दोहरी लाइन के बाद विद्युतीकरण कार्य को भी।शहर के विस्तार को देखते हुए दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन पर आधा दर्जन गाडियों के ठहराव की भी जरूरत है। वहीं बीकानेर-उदयपुर सहित सभी सम्भागीय मुख्यालय रेल सेवा से जोड़ने तथा टोंक, राजसमंद, करौली व प्रतापगढ़ जिलों को रेल मार्ग से जोड़ने की घोषणा होने की भी उम्मीद जताई जा रही है। जुड़ें जैसलमेर और बाड़मेर - कोलायत-फलौदी (115 किमी) को रक्षा मंत्रालय के आर्थिक सहयोग (364 करोड़) से जोड़ा गया। उसी तरह जैसलमेर-बाड़मेर के मिसिंग लिंक को भी पूरा किया जाए। भारत-पाक के बीच तनाव हमेशा बना ही रहता है।
जल्दी हो सर्वे
उत्तर मध्य रेलवे, इलाहाबाद की ओर से झांसी-सवाई माधोपुर वाया शिवपुरी, श्योपुरकलां के बीच 311 किमी में नई ब्राडगेज लाइन बिछाने के लिए सर्वे की सूचना है। इसके लिए रेलवे ने 21.44 लाख की निविदा जारी की है। सर्वे की अवधि पांच माह रखी गई है। अगर यह सर्वे समय पर पूरा हो जाए तो यहां से बनने वाली रेल लाइन जयपुर से झांसी होते हुए लखनऊ, कानपुर, इलाहाबाद, गोरखपुर, वाराणसी और पटना के लिए नया रास्ता बनाएगी। मध्यप्रदेश का श्योपुरकलां जैसा पिछड़ा इलाका मुख्य मार्ग पर आ जाएगा।
इधर, रेलवे ने गवालियर-कोटा के बीच वाया श्योपुरकलां होते हुए भी ब्राडगेज लाइन बिछाने की स्वीकृति दी है और उसके सर्वे के लिए दो करोड़ रूपए स्वीकृत किए हैं। एक साल की अवधि में पूरा होने वाले सर्वेक्षण का काम चल रहा है। इसके तहत ग्वालियर से श्योपुरकलां के बीच नैरोगेज लाइन को उखाड़कर उसके स्थान पर ब्राडगेज और श्योपुरकलां से कोटा के बीच नई ब्राडगेज लाइन बिछाई जाएगी।
काश यह मिल जाए...
नई दिल्ली से जयपुर के बीच बुलेट ट्रेन के जरिए 265 किलोमीटर की दूरी एक घण्टे में तय की जा सकेगी।
दिल्ली से जयपुर के बीच दोहरी लाइन परियोजना में अब अलवर से बांदीकुई के बीच कुछ हिस्सा बचा है। अभी अलवर से रेवाड़ी खंड का विद्युतीकरण कार्य स्वीकृत हुआ है। बचे खंड की इसी बजट में इलेक्ट्रिफिकेशन की स्वीकृति आवश्यक है ताकि गाडियों की गति 80 से 120 प्रति घण्टा हो सके। ऎसा हुआ तो जयपुर-दिल्ली का सफर साढे तीन घण्टे का रह जाएगा।
दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन पर जयपुर-जबलपुर दयोदय एक्स., जयपुर- दुर्ग, जोधपुर-पुरी एक्सप्रेस, जयपुर-चेन्नई और जयपुर-बेंगलूरू एक्स. का ठहराव हो जाए।
उदयपुर से अजमेर, फुलेरा, मेड़तासिटी, बीकानेर, हनुमानगढ़ होते हुए श्रीगंगानगर तक एक्सप्रेस गाड़ी की दरकार
नई लाइनों की दरकार...
बूंदी-देवली-केकड़ी-नसीराबाद के बीच नई रेल लाइन बिछाई जाए। देवली से टोंक होते हुए निवाई को जोड़ा जाए। जयपुर के राजाजी ने मालपुरा जैसे धार्मिक स्थल को जोड़ने के लिए जयपुर-टोडारायसिंह रेल लाइन çब्ाछाई थी जिसे अनार्थिक बताते हुए उखाड़ दिया गया। इसे वापस बिछाने पर विचार किया जाए। बारां-शिवपुरी-झांसी के बीच रेल लाइन बिछे ताकि हाड़ौती-मेवाड़ और मेरवाड़ा पूरे उत्तर प्रदेश और पूर्वोत्तर भारत से जुड़ सके।
गाडियों का हो विस्तार
अजमेर-हैदराबाद ट्रेन वाया चित्तौड़गढ़-कोटा-नागदा-भोपाल सप्ताह में एक दिन चलती है। इसे पुष्कर से कन्या-कुमारी चलाया जाए। कोटा-ग्वालियर-भिंड को वाया चित्तौड़गढ़-भीलवाड़ा के रास्ते अजमेर तक बढ़ाया जाए।
जुड़ें धार्मिक स्थल
अजमेर और पुष्कर के बाद राजस्थान का सबसे बड़ा तीर्थ नाथद्वारा है। मावली जंक्शन से नाथद्वारा तक रेललाइन बिछा दी गई है लेकिन अभी उस पर गाड़ी शुरू नहीं हुई।
जयपुर। बुधवार को आने वाले रेल बजट पर राजस्थान की कई उम्मीदें टिकी हुई हैं। बीते दिनों रेलवे मुख्यालय का उद्घाटन करने आए दिनेश त्रिवेदी ने भी कहा था, "अगला बजट गुलाबी होगा।" ...शायद यही वजह है कि गुलाबी नगर के लोगों को इस बजट से आस कुछ ज्यादा ही है। उम्मीदों के पिटारे में जयपुर से दिल्ली के बीच बुलेट ट्रेन का सपना भी है वहीं जयपुर-दिल्ली के बीच दोहरी लाइन के बाद विद्युतीकरण कार्य को भी।शहर के विस्तार को देखते हुए दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन पर आधा दर्जन गाडियों के ठहराव की भी जरूरत है। वहीं बीकानेर-उदयपुर सहित सभी सम्भागीय मुख्यालय रेल सेवा से जोड़ने तथा टोंक, राजसमंद, करौली व प्रतापगढ़ जिलों को रेल मार्ग से जोड़ने की घोषणा होने की भी उम्मीद जताई जा रही है। जुड़ें जैसलमेर और बाड़मेर - कोलायत-फलौदी (115 किमी) को रक्षा मंत्रालय के आर्थिक सहयोग (364 करोड़) से जोड़ा गया। उसी तरह जैसलमेर-बाड़मेर के मिसिंग लिंक को भी पूरा किया जाए। भारत-पाक के बीच तनाव हमेशा बना ही रहता है।
जल्दी हो सर्वे
उत्तर मध्य रेलवे, इलाहाबाद की ओर से झांसी-सवाई माधोपुर वाया शिवपुरी, श्योपुरकलां के बीच 311 किमी में नई ब्राडगेज लाइन बिछाने के लिए सर्वे की सूचना है। इसके लिए रेलवे ने 21.44 लाख की निविदा जारी की है। सर्वे की अवधि पांच माह रखी गई है। अगर यह सर्वे समय पर पूरा हो जाए तो यहां से बनने वाली रेल लाइन जयपुर से झांसी होते हुए लखनऊ, कानपुर, इलाहाबाद, गोरखपुर, वाराणसी और पटना के लिए नया रास्ता बनाएगी। मध्यप्रदेश का श्योपुरकलां जैसा पिछड़ा इलाका मुख्य मार्ग पर आ जाएगा।
इधर, रेलवे ने गवालियर-कोटा के बीच वाया श्योपुरकलां होते हुए भी ब्राडगेज लाइन बिछाने की स्वीकृति दी है और उसके सर्वे के लिए दो करोड़ रूपए स्वीकृत किए हैं। एक साल की अवधि में पूरा होने वाले सर्वेक्षण का काम चल रहा है। इसके तहत ग्वालियर से श्योपुरकलां के बीच नैरोगेज लाइन को उखाड़कर उसके स्थान पर ब्राडगेज और श्योपुरकलां से कोटा के बीच नई ब्राडगेज लाइन बिछाई जाएगी।
काश यह मिल जाए...
नई दिल्ली से जयपुर के बीच बुलेट ट्रेन के जरिए 265 किलोमीटर की दूरी एक घण्टे में तय की जा सकेगी।
दिल्ली से जयपुर के बीच दोहरी लाइन परियोजना में अब अलवर से बांदीकुई के बीच कुछ हिस्सा बचा है। अभी अलवर से रेवाड़ी खंड का विद्युतीकरण कार्य स्वीकृत हुआ है। बचे खंड की इसी बजट में इलेक्ट्रिफिकेशन की स्वीकृति आवश्यक है ताकि गाडियों की गति 80 से 120 प्रति घण्टा हो सके। ऎसा हुआ तो जयपुर-दिल्ली का सफर साढे तीन घण्टे का रह जाएगा।
दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन पर जयपुर-जबलपुर दयोदय एक्स., जयपुर- दुर्ग, जोधपुर-पुरी एक्सप्रेस, जयपुर-चेन्नई और जयपुर-बेंगलूरू एक्स. का ठहराव हो जाए।
उदयपुर से अजमेर, फुलेरा, मेड़तासिटी, बीकानेर, हनुमानगढ़ होते हुए श्रीगंगानगर तक एक्सप्रेस गाड़ी की दरकार
नई लाइनों की दरकार...
बूंदी-देवली-केकड़ी-नसीराबाद के बीच नई रेल लाइन बिछाई जाए। देवली से टोंक होते हुए निवाई को जोड़ा जाए। जयपुर के राजाजी ने मालपुरा जैसे धार्मिक स्थल को जोड़ने के लिए जयपुर-टोडारायसिंह रेल लाइन çब्ाछाई थी जिसे अनार्थिक बताते हुए उखाड़ दिया गया। इसे वापस बिछाने पर विचार किया जाए। बारां-शिवपुरी-झांसी के बीच रेल लाइन बिछे ताकि हाड़ौती-मेवाड़ और मेरवाड़ा पूरे उत्तर प्रदेश और पूर्वोत्तर भारत से जुड़ सके।
गाडियों का हो विस्तार
अजमेर-हैदराबाद ट्रेन वाया चित्तौड़गढ़-कोटा-नागदा-भोपाल सप्ताह में एक दिन चलती है। इसे पुष्कर से कन्या-कुमारी चलाया जाए। कोटा-ग्वालियर-भिंड को वाया चित्तौड़गढ़-भीलवाड़ा के रास्ते अजमेर तक बढ़ाया जाए।
जुड़ें धार्मिक स्थल
अजमेर और पुष्कर के बाद राजस्थान का सबसे बड़ा तीर्थ नाथद्वारा है। मावली जंक्शन से नाथद्वारा तक रेललाइन बिछा दी गई है लेकिन अभी उस पर गाड़ी शुरू नहीं हुई।

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