रिहाई के बाद भी गतिरोध
खाप व हरियाणा सरकार के प्रतिनिधियों के बीच हुए समझौते के बाद भी आंदोलनकारी सड़कों व रेलमार्ग पर डटे हुए हैं। खाप अपनी आगे की रणनीति आज होने वाली बैठक में तय करेगी।चंडीगढ़ में मंत्रिमंडल की बैठक में समझौते पर मुहर लगा दिए जाने के बाद हिसार की अदालत ने 74 व टोहाना की अदालत ने फतेहाबाद जिले के 27 आंदोलनकारियों की रिहाई के आदेश जारी किए। जेल से बाहर आने के बाद जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष धर्मपाल धारीवाल, जिला अध्यक्ष रामभगत मलिक ने पूरे विवाद के लिए प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि समाज मृतक संदीप को सुनील की तर्ज पर पूरा सम्मान देगा। धारीवाल ने कहा कि फिलहाल आंदोलन स्थगित किया जा सकता है, परंतु खत्म नहीं होगा। अंतिम फैसला ट्रैक पर आंदोलनकारियों से बातचीत के बाद ही लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि संघर्ष समिति प्रदेश सरकार व खापों के बीच हुए समझौते को मानने के लिए तैयार थी। इसके लिए छह मार्च को एक बैठक बुलाई गई थी, लेकिन इससे पहले ही उन्हें रात के अंधेरे में धरनास्थल से उठा लिया गया। उन्होंने दावा किया कि छह मार्च को आंदोलन स्थगित होने की पूरी संभावना थी।रामायण गांव में धरनास्थल पर पहुंच जाट नेताओं ने अन्य आंदोलनकारियों से बातचीत की लेकिन गतिरोध समाप्त करने पर कोई सहमति नहीं बन पाई। आंदोलनकारी शव के अंतिम संस्कार को राजी नहीं हुए और धरनास्थल व सड़क मार्ग पर डटे रहे।
काफूरपुर में धरना स्थगित
जेपी नगर। हरियाणा में गिरफ्तार किए गए जाट आंदोलनकारियों को रिहा करने के बाद यहां काफूरपुर रेलवे स्टेशन के पास चल रहा जाटों का धरना रविवार शाम स्थगित कर दिया गया। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने इसका एलान धरने पर बैठे जाटों को बीच किया। केंद्र की नौकरियों में आरक्षण की मांग को लेकर जाटों ने गांव मदीपुरा में 23 फरवरी से आमरण अनशन शुरू किया था। हरियाणा में आंदोलनकारी जाट नेताओं की गिरफ्तारी के बाद आंदोलन तेज हो गया और आठ मार्च से यशपाल मलिक के नेतृत्व में जाटों ने काफूरपुर रेलवे स्टेशन के नजदीक स्कूल में डेरा जमा दिया था।

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