जिसने भी पत्र लीक किया, वह राष्ट्र विरोधी है
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री एके एंटनी ने जनरल वीके सिंह द्वारा प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्र के लीक होने को राष्ट्र विरोधी करार देते हुए कहा कि यह केवल दुश्मनों की ही मदद करेगा। उन्होंने कहा कि हम मामले की तह में जाने के बाद कानून के मुताबिक कठोर कदम उठाएंगे।अंतरराष्ट्रीय भूमि और नौसेना रक्षा प्रणाली प्रदर्शनी के सातवें संस्करण सातवें 'डिफेंस एक्सपो' के उद्घाटन के अवसर पर एंटनी ने कहा कि जिसने भी पत्र लीक किया है, वह राष्ट्र विरोधी है। हम मामले की तह तक जाएंगे और दोषियों को कानून के मुताबिक कठोर सजा दिलवाएंगे। उन्होंने कहा कि हम रक्षा तैयारियों की लगातार समीक्षा करते हैं। सुरक्षा को मजबूत करना एक सतत प्रक्रिया है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार को हम कतई सहन नहीं करते हैं। खरीद प्रक्रिया में यदि हम किसी भी स्तर पर कोई अनियमितता पाते हैं तो हम इसे रद्द करने से नहीं हिचकेंगे। उन्होंने कहा कि तीनों सेनाओं के प्रमुखों पर सरकार का विश्वास है। वे अपना काम बेहतर तरीके से कर रहे हैं।एंटनी ने कहा कि कुछ समय पहले सेना प्रमुख ने मुझे बताया था कि उन्हें एक लेफ्टिनेंट जनरल के खिलाफ शिकायत मिली है। मैं उनसे कहा कि यदि कुछ भी विशेष है तो कार्रवाई करें।रक्षा मंत्री ने कहा कि रक्षा खर्च में इजाफा होना तो तय है क्योंकि किसी खतरे से मुकाबले के लिए आधुनिक तकनीकों और उपकरणों तक सशस्त्र बलों की पहुंच होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगले दो दशक में भारतीय अर्थव्यवस्था की 8-10 फीसदी की दर से बढ़ोत्तरी होने के अनुमान के साथ रक्षा क्षेत्र पर होने वाले खर्च में इजाफा होना भी तय है। रक्षा आवंटन को देश की जरूरतों के अनुकूल बताते देते हुए एंटनी ने कहा कि हालिया दिनों में भारत का रक्षा खर्च सकल घरेलू उत्पाद का करीब दो फीसदी रहा है जो हमारी सुरक्षा जरूरतों के साथ-साथ हमारी अन्य जरूरतों के मुताबिक है।स्वदेशीकरण की जरूरत को रेखंाकित करते हुए उन्होंने कहा कि रक्षा उद्योग में सार्वजनिक-निजी भागीदारी [पीपीपी] पर जोर दिए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में उपलब्ध संभावित एवं प्रयोग किए जा रहे संसाधनों से भरपूर लाभ लेकर स्वदेशीकरण की क्षमताएं विकसित करने वाली नीति का खाका तैयार किया गया है।रक्षा ऑफसेट नीति पर रक्षा मंत्री ने कहा कि रक्षा ऑफसेट नीति की समीक्षा की गई है और आगे इसमें बदलाव होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि हम समय-समय पर रक्षा खरीद प्रक्रिया की समीक्षा करते रहते हैं ताकि रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया में ज्यादा पारदर्शिता और तीव्रता आ सके। रक्षा उद्योग में भारत का निजी क्षेत्र 100 फीसदी निवेश के काबिल है, जबकि इस क्षेत्र में 26 फीसदी तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश करने की इजाजत है।उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए रक्षा राज्य मंत्री एम एम पल्लम राजू ने कहा कि सरकार सशस्त्र बलों के लिए दीर्घकालिक एकीकृत नीति को अंतिम रूप दिए जाने की प्रक्रिया में है। रक्षा क्षेत्र की वृद्धि में रक्षा जरूरतों की बाबत सूचना के अभाव को बड़ी बाधा करार देते हुए राजू ने कहा कि रक्षा खरीद प्रकिया के तहत अब यह जरूरी है कि अधिग्रहण के सभी मामलों में सूचना का आग्रह जारी किया जाए।

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