सीबीआई को फिर झटका, गवाह पलटे
जोधपुर। जालोड़ा की नहर में मिली हड्डियों से अभी तक भंवरी की हड्डियां मिलने की पुष्टि नहीं हुई है, वहीं सीबीआई को मंगलवार सुबह एक और झटका उस वक्त लग गया जब पूर्व उप जिला प्रमुख सहीराम विश्नोई ने जेल से एक अर्जी लगाते हुए कोर्ट में कहा कि उसके बयान दबाव में लिए गए थे। उसने मजिस्टे्रट के समक्ष दिए 164 के बयानों को नहीं पढऩे का आग्रह किया है।
सहीराम विश्नोई को सीबीआई अपहर्ताओं और भंवरी को ठिकाने लगाने वाली गैंग के बीच की कड़ी मान रही है। वह जयपुर में बैठा दोनों को मॉनिटर कर रहा था। इसलिए जब सहीराम ने समर्पण किया तो सीबीआई ने उसे मुख्य कड़ी के रूप में मजिस्टे्रट के समक्ष सीआरपीसी की धारा 164 में बयान कराए ताकि वह कोर्ट में मुकरे तब भी उसके बयान कायम रह सके।
सीबीआई के इस पैंतरे को मंगलवार को झटका लग गया जब सहीराम के वकील ने कोर्ट में अर्जी लगा कर कहा कि उसने दबाव में मजिस्टे्रट के समक्ष बयान दिए थे इसलिए उन्हें ट्रायल के दौरान नहीं पढ़े जाए। उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने दूसरी गैंग के ओमप्रकाश को भी ऐसे ही बयानों के लिए तैयार किया था, मगर मजिस्टे्रट के कमरे में जाकर वह मुकर गया था।
मलखानसिंह समेत 11 की हिरासत 28 तक बढ़ाई:
भंवरी अपहरण और हत्या के आरोपी लूणी विधायक मलखानसिंह विश्नोई समेत 11 जनों की न्यायिक हिरासत अवधि 28 फरवरी तक बढ़ा दी है। सीबीआई ने मलखानसिंह, पूर्व उप जिला प्रमुख सहीराम विश्नोई, भंवरी का पति अमरचंद नट, गैंगस्टर विशनाराम विश्नोई, उसका भाई ओमप्रकाश ओमप्रकाश, कैलाश जाखड़, अशोक विश्नोई, विधायक के भतीजे पुखराज व दिनेश तथा इंद्रा के सहयोगी शिक्षक रेशमाराम विश्नोई को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इन सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत अवधि 14 फरवरी तक ही थी।
सभी को मंगलवार दोपहर अपर मुख्य महानगर मजिस्टे्रट सीबीआई मामलात की अदालत में पेश किया गया, जहां से सभी की न्यायिक हिरासत अवधि 28 फरवरी तक बढ़ाने के आदेश जारी किए गए हैं।उल्लेखनीय है कि इस मामले में पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा और विधायक के भाई परसराम भी जेल में है, लेकिन उनकी पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग से होती है, इसलिए उन्हें कोर्ट में पेश नहीं किया जाता है।

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