वोडाफोन मामले में समीक्षा याचिका!
सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद वोडाफोन मामले में वित्त मंत्रालय समीक्षा याचिका दायर करने पर विचार कर रहा है। पिछले महीने सर्वोच्च न्यायालय के तीन न्यायाधीशों के पीठ ने इस मामले में वोडाफोन के पक्ष में निर्णय दिया था। न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए कहा था पूंजीगत लाभ कर दूरसंचार कंपनी वोडाफोन के मामले में लागू नहीं होता है। न्यायालय ने बंबई उच्च न्यायालय के आयकर विभाग के पक्ष में दिए गए फैसले को भी खारिज कर दिया था।
सर्वोच्च न्यायालय ने आयकर विभाग से वोडाफोन इंटरनैशनल होल्डिंग्स के जमा कराए गए 2,500 करोड़ रुपये को दो महीने के भीतर 4 फीसदी ब्याज के साथ लौटाने का भी आदेश दिया था। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सैद्घांतिक तौर पर समीक्षा याचिका दायर करने का फैसला किया गया है और अब इस बात पर विचार किया जा रहा है कि इस मामले में कैसे आगे बढ़ा जाए। दूसरी तरफ आयकर विभाग चाहता है कि वोडाफोन 2 अरब डॉलर की राशि को पूंजीगत लाभ कर के तौर पर भुगतान करे क्योंकि उसने भारतीय कंपनी (हचिसन एस्सार) में शेयरों की खरीदारी की है। हालांकि कंपनी ने इस बात का यह कह कर विरोध किया था कि सारा लेन देन भारत के बाहर हुआ है इसलिए वह इसके लिए उत्तरदायी नहीं है। जबकि सरकार अपने बजट को संतुलित करने के लिए इस रकम को बोनांजा के तौर पर देख रही है।
मंत्रालय का कहना है कि वोडाफोन और हचिसन के बीच का लेन देन भारतीय परिसंपत्ति से जुड़ा हुआ है चाहे सौदा देश से बाहर की क्यों न हुआ हो और निर्णय के दौरान इस महत्वपूर्ण पहलू की अनदेखी की गई। इस निर्णय से सरकार के वित्त के लिए गंभीर वित्तीय जटिलताएं पैदा हो सकती है क्योंकि इस निर्णय से 11,000 करोड़ रुपये से अधिक का मामला प्रभावित हो सकता है। वोडाफोन के अलावा ऐसे कई समान मामले अदालतों के समक्ष लंबित हैं। सरकार के समीक्षा याचिका दायर किए जाने के फैसले को आसानी से इस संदर्भ में समझा जा सकता है कि वह कई उपायों के जरिए राजकोषीय घाटे को नियंत्रण में लाने की कोशिश कर रही है। मंत्रालय को बजट में ऐसे प्रावधान लाए जाने की उम्मीद है जिससे कर विवाद के पैदा होने की स्थितियों को पहले ही समाप्त किया जा सके। पिछले सप्ताह वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने अटॉर्नी जनरल जी ई वाहनवती के साथ इस मामले को लेकर बैठक की थी। वोडाफोन पीएलसी के प्रमुख विटोरी कोलोआ भी पिछले तीन दिनों से भारत में हैं और वह वित्त मंत्री मुखर्जी के साथ अभी तक मुलाकात नहीं कर पाए हैं।
नीलामी के लिए सभी को मिले अनुमति
दूरसंचार सेवा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी वोडाफोन इंडिया ने आज कहा कि नए पुराने सभी परिचालकों को प्रस्ताविकत 2जी नीलामी में भाग लेने की मंजूरी होनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सरकार को स्पेक्ट्रम जैसी दुर्लभ चीज के लिए उचित बाजार मूल्य मिल सके। वोडाफोन ने एक बयान में कहा, 'सभी परिचालकों और संभावित नई कंपनियों को नीलामी में भागीदारी की अनुमति दी जानी चाहिए।
सर्वोच्च न्यायालय ने आयकर विभाग से वोडाफोन इंटरनैशनल होल्डिंग्स के जमा कराए गए 2,500 करोड़ रुपये को दो महीने के भीतर 4 फीसदी ब्याज के साथ लौटाने का भी आदेश दिया था। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सैद्घांतिक तौर पर समीक्षा याचिका दायर करने का फैसला किया गया है और अब इस बात पर विचार किया जा रहा है कि इस मामले में कैसे आगे बढ़ा जाए। दूसरी तरफ आयकर विभाग चाहता है कि वोडाफोन 2 अरब डॉलर की राशि को पूंजीगत लाभ कर के तौर पर भुगतान करे क्योंकि उसने भारतीय कंपनी (हचिसन एस्सार) में शेयरों की खरीदारी की है। हालांकि कंपनी ने इस बात का यह कह कर विरोध किया था कि सारा लेन देन भारत के बाहर हुआ है इसलिए वह इसके लिए उत्तरदायी नहीं है। जबकि सरकार अपने बजट को संतुलित करने के लिए इस रकम को बोनांजा के तौर पर देख रही है।
मंत्रालय का कहना है कि वोडाफोन और हचिसन के बीच का लेन देन भारतीय परिसंपत्ति से जुड़ा हुआ है चाहे सौदा देश से बाहर की क्यों न हुआ हो और निर्णय के दौरान इस महत्वपूर्ण पहलू की अनदेखी की गई। इस निर्णय से सरकार के वित्त के लिए गंभीर वित्तीय जटिलताएं पैदा हो सकती है क्योंकि इस निर्णय से 11,000 करोड़ रुपये से अधिक का मामला प्रभावित हो सकता है। वोडाफोन के अलावा ऐसे कई समान मामले अदालतों के समक्ष लंबित हैं। सरकार के समीक्षा याचिका दायर किए जाने के फैसले को आसानी से इस संदर्भ में समझा जा सकता है कि वह कई उपायों के जरिए राजकोषीय घाटे को नियंत्रण में लाने की कोशिश कर रही है। मंत्रालय को बजट में ऐसे प्रावधान लाए जाने की उम्मीद है जिससे कर विवाद के पैदा होने की स्थितियों को पहले ही समाप्त किया जा सके। पिछले सप्ताह वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने अटॉर्नी जनरल जी ई वाहनवती के साथ इस मामले को लेकर बैठक की थी। वोडाफोन पीएलसी के प्रमुख विटोरी कोलोआ भी पिछले तीन दिनों से भारत में हैं और वह वित्त मंत्री मुखर्जी के साथ अभी तक मुलाकात नहीं कर पाए हैं।
नीलामी के लिए सभी को मिले अनुमति
दूरसंचार सेवा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी वोडाफोन इंडिया ने आज कहा कि नए पुराने सभी परिचालकों को प्रस्ताविकत 2जी नीलामी में भाग लेने की मंजूरी होनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सरकार को स्पेक्ट्रम जैसी दुर्लभ चीज के लिए उचित बाजार मूल्य मिल सके। वोडाफोन ने एक बयान में कहा, 'सभी परिचालकों और संभावित नई कंपनियों को नीलामी में भागीदारी की अनुमति दी जानी चाहिए।

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