अचानक खुल गई थी पॉर्न क्लिप
बेंगलुरु. कर्नाटक विधानसभा के पोर्न कांड में कुर्सी गंवाने वाले तीन मंत्रियों ने आज विधानसभा अध्यक्ष को अपना लिखित जवाब सौंप दिया है। तीन पूर्व मंत्रियों ने विधानसभा स्पीकर को लिखी चिट्ठी में इस पूरे मामले में सफाई दी है। ज्वॉइंट हाउस कमिटी को लिखी चिट्ठी में तीनों विधायकों ने कहा है कि उनका मोबाइल पर ऐसी क्लिप देखने का कोई इरादा नहीं था। उनके मुताबिक वह क्लिप अचानक दुर्घटनावश खुल गई थी।जानबूझकर सब कुछ किए जाने के आरोप से इनकार करते हुए आरोपी पूर्व मंत्रियों में से एक ने लिखा है कि वह तो मोबाइल के जरिए एसएमएस और फोटो भेजना भी नहीं जानते हैं। 7 फरवरी को विधानसभा में पॉर्न क्लिप देखने के आरोप में स्पीकर केजी बोपैया ने बीजेपी के तीन पूर्व मंत्रियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। आरोपी नेताओं-लक्ष्मण सवाडी, सीसी पाटिल और कृष्णा पालेमर ने अपने प्रतिनिधियों के जरिए सील बंद लिफाफे में अपने-अपने जवाब भेजे। सावडी और पाटिल पर क्लिप देखने और पालेमर पर यह क्लिप सप्लाई करने का आरोप है। गौरतलब है कि मामले की शुरुआत से ही पालेमर यह कहते रहे हैं कि फोन उनका जरूर था लेकिन पोर्न कांड में उनकी कोई भूमिका नहीं है। पालेमर ने यह भी कहा है कि उन्होंने किसी भी विधायक को कोई पोर्न वीडियो नहीं भेजा है।
भाजपा लगाएगी नैतिक शिक्षा की क्लॉस
पॉर्न कांड से शर्मिंदा हुई भाजपा भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने के लिए अब नैतिक शिक्षा का सहारा लेगी। जिला स्तर पर भाजपा गोष्ठियां करके अपने नेताओं को नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाएगी। इसकी शुरुआत 24-25 फरवरी को बेंगलुरु से होगी जहां भाजपा विधायकों और सांसदों को नैतिकता से जुड़े मुद्दों पर शिक्षा दी जाएगी। गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा में सदन की कार्रवाई के दौरान राज्य के सहकारिता मंत्री लक्ष्मण सवाडी और महिला व बाल कल्याण मंत्री सीसी पाटिल सेक्स वीडियो देखते हुए पकड़े गए थे। इस पोर्न कांड के बाद इन दोनों मंत्रियों समेत एक तीसरे मंत्री कृष्णा पालेमर को भी इस्तीफा देना पड़ा था।

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