एक दीवाना था
पिछले कुछ अर्से से लगातार एक के बाद एक साउथ मेंबॉक्स ऑफिस पर सुपर हिट रही तमिल , तेलूगू फिल्मों को हिंदी में रीमेक करने का सिलसिला जारी है। ऐसे में साउथ केजानेमाने प्रड्यूसर गौतम मेनन ने अपनी सुपर हिट तमिल मूवी विन्नैथाई वरूवाया को हिंदी में बनाने का फैसला किया।गम और खुशियों से भरी दो जवां दिलों की यह प्रेम कहानी साउथ में इतनी हिट थी कि , उन्हें हिंदी रीमेक के लिएफाइनैंसर तलाशने में टाइम नहीं लगा। वहीं , जब फिल्म हिंदी में बन रही थी तो गौतम उन चालू मसालों को फिट करनाभूल गए जो बॉलिवुड में जरूरी माने जाते हैं। यही वजह है प्रतीक - एमी की यह लव स्टोरी स्टार्ट टू ऐंड सुस्त रफ्तार सेचलती है।
कहानी : इंजिनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद सचिन ( प्रतीक बब्बर ) का सपना ग्लैमर इंडस्ट्री में करिअर बनाना है।दरअसल , सचिन का एक खास दोस्त एक नामी डायरेक्टर का असिस्टेंट है। सचिन को जब भी टाइम मिलता , वह अपनीकिस्मत आजमाने डायरेक्टर्स के दफ्तरों के बाहर चक्कर लगाता। इसी बीच सचिन अपनी फैमिली के साथ जब जुहू में रहनेआता है तो पड़ोस में रहने वाली जेस्सी ( एमी जैक्सन ) को पहली नजर में दिल दे बैठता है। सचिन अब जेस्सी कोआकर्षित करने का हर बहाना तलाशने में लग जाता है। बेहद रूढि़वादी फैमिली की जेस्सी मलयाली क्रिस्चन है , जेस्सीउम्र में भी सचिन से बढ़ी है। लेकिन सचिन को इस की कोई परवाह नहीं।
आखिरकार , एक दिन हिम्मत करके वह जेस्सी से अपने प्यार का इजहार कर ही देता है। लेकिन , जेस्सी उसे बताती हैवह उसे बस अपना दोस्त समझती है।
ऐक्टिंग : सचिन और जेस्सी के रोल में प्रतीक और एमी जैक्सन बस ठीक-ठाक रहे। प्रतीक के लिए अपनी काबलियतदिखाने का अच्छा मौका था , लेकिन वह कुछ खास कर नहीं पाए। सचिन खेडेकर एक बार फिर हिंदी फिल्मों के टिपिकलपापा के रोल में नजर आए। मनु ऋषि को भले ही ज्यादा फुटेज नहीं मिली , लेकिन इसके बावजूद वह दर्शकों का ध्यानखींचने में कामयाब रहे।
डायरेक्शन : गौतम मेनन फिल्म की स्क्रिप्ट से कहीं नहीं भटके और एक ट्रैक पर फिल्म चलाने में कामयाब रहे। दूसरीऔर फिल्म की सुस्त गति बार - बार दर्शकों के सब्र का इम्तिहान लेती है। हां , मलयाली क्रिस्चन फैमिली और एमी केकिरदार को पॉवरफुल बनाने में गौतम ने अच्छी खासी मेहनत की है।
संगीत : इस फिल्म के म्यूजिक के साथ संगीत जगत की दो दिग्गज हस्तियों जावेद अख्तर और ए . आर . रहमान का नामजुड़ा है , लेकिन इसके बावजूद कोई गाना नहीं जो यंगस्टर्स की जुबां पर चढ़ा हो।
क्यों देखें : आम मसाला हिंदी फिल्मों में नजर आने वाली प्रेम कहानियों से अलग हटकर ऐसी लव स्टोरी जो हिंदीसिनेमा में कम ही दिखाई देती है। सिर्फ मसाला , ऐक्शन और कॉमेडी फिल्मों के शौकीनों के लिए इस फिल्म में कुछ नहींजो उनका पैसा वसूल करा पाए।
पिछले कुछ अर्से से लगातार एक के बाद एक साउथ मेंबॉक्स ऑफिस पर सुपर हिट रही तमिल , तेलूगू फिल्मों को हिंदी में रीमेक करने का सिलसिला जारी है। ऐसे में साउथ केजानेमाने प्रड्यूसर गौतम मेनन ने अपनी सुपर हिट तमिल मूवी विन्नैथाई वरूवाया को हिंदी में बनाने का फैसला किया।गम और खुशियों से भरी दो जवां दिलों की यह प्रेम कहानी साउथ में इतनी हिट थी कि , उन्हें हिंदी रीमेक के लिएफाइनैंसर तलाशने में टाइम नहीं लगा। वहीं , जब फिल्म हिंदी में बन रही थी तो गौतम उन चालू मसालों को फिट करनाभूल गए जो बॉलिवुड में जरूरी माने जाते हैं। यही वजह है प्रतीक - एमी की यह लव स्टोरी स्टार्ट टू ऐंड सुस्त रफ्तार सेचलती है।
कहानी : इंजिनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद सचिन ( प्रतीक बब्बर ) का सपना ग्लैमर इंडस्ट्री में करिअर बनाना है।दरअसल , सचिन का एक खास दोस्त एक नामी डायरेक्टर का असिस्टेंट है। सचिन को जब भी टाइम मिलता , वह अपनीकिस्मत आजमाने डायरेक्टर्स के दफ्तरों के बाहर चक्कर लगाता। इसी बीच सचिन अपनी फैमिली के साथ जब जुहू में रहनेआता है तो पड़ोस में रहने वाली जेस्सी ( एमी जैक्सन ) को पहली नजर में दिल दे बैठता है। सचिन अब जेस्सी कोआकर्षित करने का हर बहाना तलाशने में लग जाता है। बेहद रूढि़वादी फैमिली की जेस्सी मलयाली क्रिस्चन है , जेस्सीउम्र में भी सचिन से बढ़ी है। लेकिन सचिन को इस की कोई परवाह नहीं।
आखिरकार , एक दिन हिम्मत करके वह जेस्सी से अपने प्यार का इजहार कर ही देता है। लेकिन , जेस्सी उसे बताती हैवह उसे बस अपना दोस्त समझती है।
ऐक्टिंग : सचिन और जेस्सी के रोल में प्रतीक और एमी जैक्सन बस ठीक-ठाक रहे। प्रतीक के लिए अपनी काबलियतदिखाने का अच्छा मौका था , लेकिन वह कुछ खास कर नहीं पाए। सचिन खेडेकर एक बार फिर हिंदी फिल्मों के टिपिकलपापा के रोल में नजर आए। मनु ऋषि को भले ही ज्यादा फुटेज नहीं मिली , लेकिन इसके बावजूद वह दर्शकों का ध्यानखींचने में कामयाब रहे।
डायरेक्शन : गौतम मेनन फिल्म की स्क्रिप्ट से कहीं नहीं भटके और एक ट्रैक पर फिल्म चलाने में कामयाब रहे। दूसरीऔर फिल्म की सुस्त गति बार - बार दर्शकों के सब्र का इम्तिहान लेती है। हां , मलयाली क्रिस्चन फैमिली और एमी केकिरदार को पॉवरफुल बनाने में गौतम ने अच्छी खासी मेहनत की है।
संगीत : इस फिल्म के म्यूजिक के साथ संगीत जगत की दो दिग्गज हस्तियों जावेद अख्तर और ए . आर . रहमान का नामजुड़ा है , लेकिन इसके बावजूद कोई गाना नहीं जो यंगस्टर्स की जुबां पर चढ़ा हो।
क्यों देखें : आम मसाला हिंदी फिल्मों में नजर आने वाली प्रेम कहानियों से अलग हटकर ऐसी लव स्टोरी जो हिंदीसिनेमा में कम ही दिखाई देती है। सिर्फ मसाला , ऐक्शन और कॉमेडी फिल्मों के शौकीनों के लिए इस फिल्म में कुछ नहींजो उनका पैसा वसूल करा पाए।

0 comments:
एक टिप्पणी भेजें