समलैंगिक सेक्स अनैतिक: गृह मंत्रालयनई दिल्ली।। केंद्र सरकार ने गे सेक्स को मान्यता देने का विरोध किया है। दो वयस्कों के बीच सहमति से समलैंगिक शारीरिक संबंधों को अपराध नहीं मानने के दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनावाई के दौरान गृह मंत्रालय ने कहा कि यह बहुत ही अनैतिक और हमारी सामाजिक व्यवस्था के खिलाफ है। मंत्रालय ने अपनी दलील में यह भी कहा कि हमारे नैतिक व सामाजिक मूल्य अन्य देशों से अलग हैं और हमें उनसे गाइडेड नहीं हो सकते हैं। जब कोर्ट ने पूछा कि यह कौन तय करता है कि क्या अनैतिक है, तो सरकार ने जवाब दिया कि यह समाज तय करता है और कानून समाज के विचारों को ही दर्शाता है। गौरतलब है कि ढाई साल पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने एक फैसले में गे सेक्स को अपराध नहीं मानने का फैसला सुनाया था। 2 जुलाई 2009 को हाई कोर्ट ने आईपीसी की धारा 377 को संविधान के अनुच्छेद 14, 21 और 15 का उल्लंघन करने वाला बताया था। यह धारा दो वयस्क समलैंगिकों के बीच आपसी रजामंदी से सेक्स संबंध बनाने को अपराध घोषित करती है।

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