सर्वश्रेष्ठ फिनिशर हैं धोनी
ब्रिसबेन। भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भले ही कप्तान के रूप में दबाव में हों, लेकिन बल्लेबाजी में निचले क्रम में उनकी मैच को अंजाम तक पहंुचाने की काबिलियत के कारण उनके विरोधी भी एकदिवसीय क्रिकेट में उनकी गणना सर्वश्रेष्ठ फिनिशर में कर रहे हैं। आंकड़ों और तुलनात्मक रूप से काफी तथ्य मौजूद हंै, जो धोनी को शानदार फिनिशर बनाते हैं। इसके अलावा उन्होंने 190 कैच, 63 स्टंपिंग और कई रन आउट भी किए हैं, जबकि कप्तानी की भूमिका भी निभाते हैं। श्रीलंका के कप्तान माहेला जयवर्घने मंगलवार रात उस समय विश्वास ही नहीं कर पाए जब धोनी ने मैच टाई करवा दिया। आंकड़े भी धोनी के समर्थन में हैं। भारत ने लक्ष्य का पीछा करते हुए धोनी की मौजूदगी में जो 49 मैच जीते हैं उसमें यह विकेटकीपर बल्लेबाज 30 बार नाबाद रहा और इस दौरान उन्होंने 104.89 की औसत से रन बनाए। धोनी के शीर्ष विरोधी माइकल बेवन, लांस क्लूसनर, अब्दुल रज्जाक और जोंटी रोड्स औसत के मुकाबले में उनके आसपास भी नहीं हैं। धोनी अपने कॅरिअर में 200 मैचों में 50 बार यानी प्रत्येक चौथे मैच में नाबाद रहे हैं। उन्होंने अब तक 44 अर्घशतक और सात शतक बनाए हैं, यानी प्रत्येक चौथी पारी में वे कम से कम अर्घशतक बनाते हैं। धोनी ने 51.41 की औसत से 6632 रन बनाए हैं, जबकि इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 88.32 का रहा है। बेवन का औसत 53.58 के साथ धोनी से बेहतर है, लेकिन वे 74.16 के स्ट्राइक रेट के साथ भारतीय कप्तान से काफी पीछे हैं। युवराज सिंह का स्ट्राइक रेट 87.60 का है, लेकिन फिर उनका 37.62 का औसत धोनी के आसपास भी नहीं है। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क को भी निराशा हाथ लगी जब धोनी ने अंतिम ओवर में जरूरी 13 रन जुटा लाए। धोनी हालांकि स्वयं युवराज सिंह की मैच को अंजाम तक पहुंचाने की क्षमता से प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि निचले क्रम में सिर्फ एक बल्लेबाज निरंतरता से रन बना पाया है और वह छठे नंबर पर युवराज सिंह हैं। यह बल्लेबाजी करने के लिए काफी मुश्किल क्रम है।
माही का जवाब नहीं
धोनी शानदार खिलाड़ी हैं। उसके आंकड़े यह दर्शाते हैं। उनका काफी अच्छ स्ट्राइक है और आपने अंतिम ओवर में क्लाइंट मैकाय पर लगाए छक्के के साथ यह देखा होगा। माइकल क्लार्क, ऑस्ट्रेलियाई कप्तान अगर आप गेंद को एक इंच इधर या उधर फेंकते हो तो धोनी जैसा खिलाड़ी आपकी परेशानी बढ़ा सकता है। वे शानदार फिनिशर हैं, वे धैर्य और संयम के साथ खेलते हैं।
महेला जयवर्घने, श्रीलंकाई कप्तान
ब्रिसबेन। भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भले ही कप्तान के रूप में दबाव में हों, लेकिन बल्लेबाजी में निचले क्रम में उनकी मैच को अंजाम तक पहंुचाने की काबिलियत के कारण उनके विरोधी भी एकदिवसीय क्रिकेट में उनकी गणना सर्वश्रेष्ठ फिनिशर में कर रहे हैं। आंकड़ों और तुलनात्मक रूप से काफी तथ्य मौजूद हंै, जो धोनी को शानदार फिनिशर बनाते हैं। इसके अलावा उन्होंने 190 कैच, 63 स्टंपिंग और कई रन आउट भी किए हैं, जबकि कप्तानी की भूमिका भी निभाते हैं। श्रीलंका के कप्तान माहेला जयवर्घने मंगलवार रात उस समय विश्वास ही नहीं कर पाए जब धोनी ने मैच टाई करवा दिया। आंकड़े भी धोनी के समर्थन में हैं। भारत ने लक्ष्य का पीछा करते हुए धोनी की मौजूदगी में जो 49 मैच जीते हैं उसमें यह विकेटकीपर बल्लेबाज 30 बार नाबाद रहा और इस दौरान उन्होंने 104.89 की औसत से रन बनाए। धोनी के शीर्ष विरोधी माइकल बेवन, लांस क्लूसनर, अब्दुल रज्जाक और जोंटी रोड्स औसत के मुकाबले में उनके आसपास भी नहीं हैं। धोनी अपने कॅरिअर में 200 मैचों में 50 बार यानी प्रत्येक चौथे मैच में नाबाद रहे हैं। उन्होंने अब तक 44 अर्घशतक और सात शतक बनाए हैं, यानी प्रत्येक चौथी पारी में वे कम से कम अर्घशतक बनाते हैं। धोनी ने 51.41 की औसत से 6632 रन बनाए हैं, जबकि इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 88.32 का रहा है। बेवन का औसत 53.58 के साथ धोनी से बेहतर है, लेकिन वे 74.16 के स्ट्राइक रेट के साथ भारतीय कप्तान से काफी पीछे हैं। युवराज सिंह का स्ट्राइक रेट 87.60 का है, लेकिन फिर उनका 37.62 का औसत धोनी के आसपास भी नहीं है। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क को भी निराशा हाथ लगी जब धोनी ने अंतिम ओवर में जरूरी 13 रन जुटा लाए। धोनी हालांकि स्वयं युवराज सिंह की मैच को अंजाम तक पहुंचाने की क्षमता से प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि निचले क्रम में सिर्फ एक बल्लेबाज निरंतरता से रन बना पाया है और वह छठे नंबर पर युवराज सिंह हैं। यह बल्लेबाजी करने के लिए काफी मुश्किल क्रम है।
माही का जवाब नहीं
धोनी शानदार खिलाड़ी हैं। उसके आंकड़े यह दर्शाते हैं। उनका काफी अच्छ स्ट्राइक है और आपने अंतिम ओवर में क्लाइंट मैकाय पर लगाए छक्के के साथ यह देखा होगा। माइकल क्लार्क, ऑस्ट्रेलियाई कप्तान अगर आप गेंद को एक इंच इधर या उधर फेंकते हो तो धोनी जैसा खिलाड़ी आपकी परेशानी बढ़ा सकता है। वे शानदार फिनिशर हैं, वे धैर्य और संयम के साथ खेलते हैं।
महेला जयवर्घने, श्रीलंकाई कप्तान

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