भारत ने पाकिस्तान की तरफ बढ़ाया 'दोस्ती' का हाथ!
नई दिल्ली. मुंबई पर 26 नवंबर, 2008 को हुए आतंकवादी हमले के मुख्य आरोपी हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के मामले में पाकिस्तान के ढीले रवैये के बावजूद भारत 'दोस्ती' के लिए हाथ आगे बढ़ाया है।
सूत्रों के हवाले से मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक भारत ने उस संयुक्त ड्राफ्ट को मंजूरी दी है, जो दोनों देशों के नागरिकों को वीज़ा देने में ढील देने की वकालत करता है। इस फैसले के तहत भारत पाकिस्तान के कारोबारियों, सीनियर सिटिजन, बच्चों, छात्रों और समूह में पर्यटन के लिए आने वाले लोगों के साथ-साथ कई तरह के नागरिकों को वीज़ा देने में ज़्यादा सहूलियत देगा। हालांकि, अभी भारत सरकार की तरफ से आधिकारिक तौर पर इस बारे में कोई ऐलान नहीं किया गया है।
अब पाकिस्तान से भारत में आने वाले लोगों को 3 की जगह 5 शहरों में जाने के लिए वीजा दिया जाएगा। वहीं, सामाजिक उद्देश्यों के लिए वीज़ा लेकर आने वाले पाकिस्तानी नागरिकों को यह 3 हफ्तों की जगह 6 महीने तक रहने की इजाजत दी जाएगी।
भारत और पाकिस्तान के एक ज्वॉइंट वर्किंग ग्रुप ने पिछले साल अक्टूबर में नई दिल्ली में मुलाकात की थी। इस ग्रुप ने दोनों देशों के नागरिकों को वीज़ा देने में ढील दिए जाने और अक्सर शक की वजह से लंबी और दुरूह वीज़ा प्रक्रिया को आसान और तेज बनाने के लिए समझौते का एक ड्राफ्ट तैयार किया था। इस ग्रुप में गृह मंत्रालय के विदेशी विभाग के अधिकारी और पाकिस्तानी अफसर शामिल थे। गौरतलब है कि मुंबई हमले के बाद भारत ने वीज़ा देने में सख्ती के साथ ही पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े फैसले लिए थे
नई दिल्ली. मुंबई पर 26 नवंबर, 2008 को हुए आतंकवादी हमले के मुख्य आरोपी हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के मामले में पाकिस्तान के ढीले रवैये के बावजूद भारत 'दोस्ती' के लिए हाथ आगे बढ़ाया है।
सूत्रों के हवाले से मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक भारत ने उस संयुक्त ड्राफ्ट को मंजूरी दी है, जो दोनों देशों के नागरिकों को वीज़ा देने में ढील देने की वकालत करता है। इस फैसले के तहत भारत पाकिस्तान के कारोबारियों, सीनियर सिटिजन, बच्चों, छात्रों और समूह में पर्यटन के लिए आने वाले लोगों के साथ-साथ कई तरह के नागरिकों को वीज़ा देने में ज़्यादा सहूलियत देगा। हालांकि, अभी भारत सरकार की तरफ से आधिकारिक तौर पर इस बारे में कोई ऐलान नहीं किया गया है।
अब पाकिस्तान से भारत में आने वाले लोगों को 3 की जगह 5 शहरों में जाने के लिए वीजा दिया जाएगा। वहीं, सामाजिक उद्देश्यों के लिए वीज़ा लेकर आने वाले पाकिस्तानी नागरिकों को यह 3 हफ्तों की जगह 6 महीने तक रहने की इजाजत दी जाएगी।
भारत और पाकिस्तान के एक ज्वॉइंट वर्किंग ग्रुप ने पिछले साल अक्टूबर में नई दिल्ली में मुलाकात की थी। इस ग्रुप ने दोनों देशों के नागरिकों को वीज़ा देने में ढील दिए जाने और अक्सर शक की वजह से लंबी और दुरूह वीज़ा प्रक्रिया को आसान और तेज बनाने के लिए समझौते का एक ड्राफ्ट तैयार किया था। इस ग्रुप में गृह मंत्रालय के विदेशी विभाग के अधिकारी और पाकिस्तानी अफसर शामिल थे। गौरतलब है कि मुंबई हमले के बाद भारत ने वीज़ा देने में सख्ती के साथ ही पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े फैसले लिए थे

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