फरवरी के बाद 3 रुपए महंगा हो सकता है पेट्रोल
पेट्रोल बिक्री पर तेल कंपनियों के नुकसान के बावजूद भले ही अभी दाम नहीं बढ़ रहे हैं लेकिन विधानसभा चुनाव खत्म होने के साथ इसकी कीमत में अच्छी खासी बढ़ोत्तरी होगी। प्रमुख सार्वजनिक तेल कंपनी इंडियन ऑयल ने इसके संकेत दे दिए हैं। कंपनी को पहली जनवरी से ही पेट्रोल बेचने पर घाटा उठाना पड़ रहा है। लेकिन चुनाव की वजह से कंपनियों पर कीमत नहीं बढ़ाने का दबाव बना हुआ है।
तेल कंपनियों ने घाटे का दिया हवाला
कंपनी के चेयरमैन आरएस बुटोला ने यह साफ किया है कि कंपनी पेट्रोल बिक्री पर अंडर रिकवरी को ज्यादा दिन तक वहन नहीं कर सकती है। कच्चे तेल की कीमत अगर अपने उच्च स्तर पर बरकरार रहती है तो कंपनी के पास पेट्रोल के दाम बढ़ाने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह जाएगा। माना जा रहा है कि अगले माह के पहले पखवाड़े में नई कीमतों पर निर्णय लिया जा सकता है। बुटोला ने बताया कि मौजूदा समय में पेट्रोल बिक्री पर कंपनी को तीन रुपये प्रति लीटर से ज्यादा का नुकसान हो रहा है। कंपनियों की समस्याओं को पेट्रोलियम मंत्रालय के समक्ष रखा जा चुका है। मंत्रालय के संज्ञान में यह भी डाला जा चुका है कि कच्चे तेल की मौजूदा कीमत पर कंपनी के लिए पेट्रोल की कीमत बढ़ाना जरूरी है।
दिसंबर में महंगा हुआ था कच्चा तेल
हालांकि जब उनसे यह पूछा गया कि पिछले डेढ़ माह में घाटा झेलने के बावजूद कंपनी ने दाम क्यों नहीं बढ़ाया तो बुटोला ने अंतरराष्ट्रीय बाजार के उतार-चढ़ाव को देखते हुए इंतजार करने की नीति को अपनाने की दलील दी। कंपनी प्रमुख ने कहा कि तेल आयात में ईरान और ग्रीस की समस्या अभी तक बरकरार है। इसका असर भी खुदरा कीमतों पर पड़ रहा है। गौरतलब है कि पिछले 1 दिसंबर को जब पेट्रोल की कीमत 65.64 रुपये प्रति लीटर तय की गई थी तब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 109 डॉलर प्रति बैरल थी जो कि अब बढ़कर 128 डॉलर प्रति बैरल पर जा चुकी है।
पेट्रोल बिक्री पर तेल कंपनियों के नुकसान के बावजूद भले ही अभी दाम नहीं बढ़ रहे हैं लेकिन विधानसभा चुनाव खत्म होने के साथ इसकी कीमत में अच्छी खासी बढ़ोत्तरी होगी। प्रमुख सार्वजनिक तेल कंपनी इंडियन ऑयल ने इसके संकेत दे दिए हैं। कंपनी को पहली जनवरी से ही पेट्रोल बेचने पर घाटा उठाना पड़ रहा है। लेकिन चुनाव की वजह से कंपनियों पर कीमत नहीं बढ़ाने का दबाव बना हुआ है।
तेल कंपनियों ने घाटे का दिया हवाला
कंपनी के चेयरमैन आरएस बुटोला ने यह साफ किया है कि कंपनी पेट्रोल बिक्री पर अंडर रिकवरी को ज्यादा दिन तक वहन नहीं कर सकती है। कच्चे तेल की कीमत अगर अपने उच्च स्तर पर बरकरार रहती है तो कंपनी के पास पेट्रोल के दाम बढ़ाने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह जाएगा। माना जा रहा है कि अगले माह के पहले पखवाड़े में नई कीमतों पर निर्णय लिया जा सकता है। बुटोला ने बताया कि मौजूदा समय में पेट्रोल बिक्री पर कंपनी को तीन रुपये प्रति लीटर से ज्यादा का नुकसान हो रहा है। कंपनियों की समस्याओं को पेट्रोलियम मंत्रालय के समक्ष रखा जा चुका है। मंत्रालय के संज्ञान में यह भी डाला जा चुका है कि कच्चे तेल की मौजूदा कीमत पर कंपनी के लिए पेट्रोल की कीमत बढ़ाना जरूरी है।
दिसंबर में महंगा हुआ था कच्चा तेल
हालांकि जब उनसे यह पूछा गया कि पिछले डेढ़ माह में घाटा झेलने के बावजूद कंपनी ने दाम क्यों नहीं बढ़ाया तो बुटोला ने अंतरराष्ट्रीय बाजार के उतार-चढ़ाव को देखते हुए इंतजार करने की नीति को अपनाने की दलील दी। कंपनी प्रमुख ने कहा कि तेल आयात में ईरान और ग्रीस की समस्या अभी तक बरकरार है। इसका असर भी खुदरा कीमतों पर पड़ रहा है। गौरतलब है कि पिछले 1 दिसंबर को जब पेट्रोल की कीमत 65.64 रुपये प्रति लीटर तय की गई थी तब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 109 डॉलर प्रति बैरल थी जो कि अब बढ़कर 128 डॉलर प्रति बैरल पर जा चुकी है।

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