होलाष्टक 1 मार्च से
इस बार होलाष्टक एक मार्च को लगेगा। इसके साथ ही कुछ दिनों तक शादी-ब्याह सहित अन्य मांगलिक कार्य नहीं हो सकेंगे। इस बार होली से पूर्व विवाह का अंतिम शुभ मुहूर्त 25 फरवरी को है। होलाष्टक से पहले यह अंतिम सावा आठ रेखा का है जो विवाह के लिए अत्यंत शुभ है। इसके पश्चात एक मार्च से होलाष्टक लग जाने से कोई भी शुभ कार्य और विवाह मुहूर्त नहीं हैं। शास्त्रों के अनुसार होलाष्टक में शुभ कार्यो को बल नहीं मिलता है अत: वे इस समय वर्जित माने जाते हैं। ज्योतिष अनुसंधान केंद्र के पं.राजेश दवे ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार होलिका बुराई की प्रतीक है, इसलिए होली से आठ दिन पहले कोई शुभ कार्य करना उचित नहीं माना जाता। पुराणों के अनुसार इस दिन होलिका ने भक्त प्रहलाद को जलाने की कोशिश की थी। इसलिए होलाष्टक में शुभ कार्य नहीं होते। अज्ञात दर्शन के पं.रमेश भोजराज द्विवेदी और पं.अखिलेश पांडे ने बताया कि होली के आठ दिन पहले होलाष्टक प्रारंभ हो जाता है। इसके बाद वापस विवाह और शुभ कार्यो के मुहूर्त 9 मार्च से प्रारंभ होंगे। 9 मार्च को पहला सावा छह रेखा का है। इसके बाद 10 और 11 मार्च को सात रेखा का सावा है। इसके बाद 15 मार्च से 13 अप्रैल तक सूर्य मीन राशि में आने के कारण मलमास शुरू हो जाएगा। इसमें विवाह का कोई मुहूर्त नहीं है। 13 अप्रैल को मलमास समाप्त होते ही शुभ कार्य प्रारंभ हो जाएंगे। कृष्ण ज्योतिष केंद्र पं. रतन शर्मा ने बताया कि 11 मार्च को गोधूलि वेला में सात रेखा और स्वाति नक्षत्र अर्ध रात्रि में आठ रेखा का शुभ मुहूर्त है। एक दिन में दो शुभ मुहूर्त का ऐसा संयोग दुर्लभ होता है।
इस बार होलाष्टक एक मार्च को लगेगा। इसके साथ ही कुछ दिनों तक शादी-ब्याह सहित अन्य मांगलिक कार्य नहीं हो सकेंगे। इस बार होली से पूर्व विवाह का अंतिम शुभ मुहूर्त 25 फरवरी को है। होलाष्टक से पहले यह अंतिम सावा आठ रेखा का है जो विवाह के लिए अत्यंत शुभ है। इसके पश्चात एक मार्च से होलाष्टक लग जाने से कोई भी शुभ कार्य और विवाह मुहूर्त नहीं हैं। शास्त्रों के अनुसार होलाष्टक में शुभ कार्यो को बल नहीं मिलता है अत: वे इस समय वर्जित माने जाते हैं। ज्योतिष अनुसंधान केंद्र के पं.राजेश दवे ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार होलिका बुराई की प्रतीक है, इसलिए होली से आठ दिन पहले कोई शुभ कार्य करना उचित नहीं माना जाता। पुराणों के अनुसार इस दिन होलिका ने भक्त प्रहलाद को जलाने की कोशिश की थी। इसलिए होलाष्टक में शुभ कार्य नहीं होते। अज्ञात दर्शन के पं.रमेश भोजराज द्विवेदी और पं.अखिलेश पांडे ने बताया कि होली के आठ दिन पहले होलाष्टक प्रारंभ हो जाता है। इसके बाद वापस विवाह और शुभ कार्यो के मुहूर्त 9 मार्च से प्रारंभ होंगे। 9 मार्च को पहला सावा छह रेखा का है। इसके बाद 10 और 11 मार्च को सात रेखा का सावा है। इसके बाद 15 मार्च से 13 अप्रैल तक सूर्य मीन राशि में आने के कारण मलमास शुरू हो जाएगा। इसमें विवाह का कोई मुहूर्त नहीं है। 13 अप्रैल को मलमास समाप्त होते ही शुभ कार्य प्रारंभ हो जाएंगे। कृष्ण ज्योतिष केंद्र पं. रतन शर्मा ने बताया कि 11 मार्च को गोधूलि वेला में सात रेखा और स्वाति नक्षत्र अर्ध रात्रि में आठ रेखा का शुभ मुहूर्त है। एक दिन में दो शुभ मुहूर्त का ऐसा संयोग दुर्लभ होता है।

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