अब चीन को टक्कर देगा भारत!
नई दिल्ली. संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत की विकास दर इस साल 7.7 प्रतिशत रहेगी जबकि अगले साल यह बढ़कर 7.9 प्रतिशत हो जाएगी। यूरोप और अमेरिका के आर्थिक संकट के कारण यह विकास दर रहेगी।संयुक्त राष्ट्र की वर्ल्ड इकोनॉमिक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास की दर इस साल और अगले साल भी 2011 की तरह रहेगी। यानी 2012 में 7.7 प्रतिशत और 2013 में 7.9 प्रतिशत। लेकिन उसने आगाह भी किया है कि हाल के महीनों में अर्थव्यवस्थाओं खासकर भारत के लुढ़कने का खतरा और भी बढ़ गया है। यूरोप और अमेरिका में महामंदी का दक्षिण एशिया पर जबर्दस्त असर पड़ सकता है। भारत सरकार ने हाल ही में अपनी जीडीपी के विकास दर के अनुमानों को 8.5 प्रतिशत से 7 प्रतिशत तक घटा दिया। लेकिन इस स्टडी में दक्षिण एशिया के आर्थिक विकास को सकारात्मक दृष्टि से देखा गया है। इसमें अनुमान लगाया गया है कि इस क्षेत्र में अर्थव्यवस्थाएं 2012 में 6.7 प्रतिशत और 2013 में 6.5 प्रतिशत तक बढ़ेंगी। इस क्षेत्र में भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, ईरान और नेपाल हैं।
रिपोर्ट में सरकारी घाटे की ओर भी ध्यान दिलाया गया है। इसमें कहा गया है कि भारत सरकार राजस्व घाटे के अपने 4.7 प्रतिशत टारगेट को नहीं पा सकेगी। इसकी वज़ह है कि विकास की दर घटने से उतने टैक्स की वसूली नहीं हो पाई है और सरकारी कंपनियों में विनिवेश को रोक लिया गया है।आर्थिक जानकार यह अनुमान लगा रहे हैं कि 2012 की पहली तिमाही में चीन की आर्थिक विकास की रफ्तार और धीमी हो सकती है और शायद यह 8 फीसदी से भी नीचे चली जाए।

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