महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं का उत्थान संभव
बाड़मेर 
ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी गरीबी अज्ञानता आर्थिक असमानता आदि सामाजिक एवं आर्थिक प्रगति में अवरोधक बने हुए है। इन संकेतकों में आशाजनक परिणाम प्राप्त करने हेतु यदि महिला को जागरुक किया जाए तो निःश्चय ही सन्तोषजनक परिणाम प्राप्त होगें। इस हेतु महिला स्वयं सहायता समूह भी एक महत्वपूर्ण कड़ी है।
इसी मुख्य धुरी को सशक्त करन हेतु केयर इण्डिया केयर्न इण्डिया लिमिटेड के सहयोग से रचना परियोजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य रही महिलाओं को महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से सशक्त करने लिये प्रयासरत है। इस कार्य में स्वास्थ्य विभाग एवं महिला बाल विकास विभाग का भी लगातार सहयोग रहता है।
वर्तमान समय में इन महिला स्वयं सहायता समूहों को मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य आधारित मुद्दों पर क्षमतावर्द्धन किया जा रहा है। इन मुद्दों को प्रभावी ढंग से समझाने के लिये रचना परियोजना द्वारा विकसित साप सीढी खेल द्वारा सामाजिक स्तर पर फैली भिन्न प्रकार की कुरितिया या ऐसे दुव्र्यव्यहार जिनसे मातृ मृत्यु या शिशु मृत्यु को बढावा मिलता है, उन विषयों पर महिला समूहों का क्षमतावर्द्धन किया जाता है। जिससे इन्ही महिलाओं द्वारा अपने समाज में प्रचार प्रसार कर मातृ मृत्यु या शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के प्रयास में अपना अमूल्य सहयोग प्रदान कर सकें।
इसी क्रम में चिपड़ी नाड़ी, हरुपानियों की ढाणी एवं कगाऊ में महिला स्वयं सहायता समूह हेतु उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में समूह की महिलाओं ने सक्रिय भागीदारी अदा की।
रचना परियोजना के परियोजना प्रबन्धक दिलीप सरवटे ने कहा की इस तरह के कार्यक्रम निरन्तर रुप से आयोजित कर मातृ मृत्यु एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने हेतु सार्थक प्रयास में निरन्तर सहयोग करेंगें।

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