शहीद धर्माराम मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित
बाड़मेर
वीर सपूत शहीद धर्माराम जाट को अदम्य साहस व वीरता के लिए मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में शनिवार को आयोजित समारोह में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने शहीद की वीरांगना टीमू देवी व माता अमरू देवी को शौर्य चक्र प्रदान किया। समारेाह में उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, थल सेना अध्यक्ष जनरल दलबीरसिंह सुहाग सहित कई हस्तियां मौजूद रही। समारोह में शहीद के भाई गौरव सैनिक विजाराम व भाभी अनिता भी शरीक हुए।

आखिरी सांस तक लड़े, आतंकियों को ढेर किया
बाड़मेर जिले की ग्राम पंचायत तारातरा के विलासर गांव निवासी धर्माराम जाट सेना की 1 राष्ट्रीय राइफल्स में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में तैनात थे। सेना के गश्ती दल को 25 मई 2015 को संदेश मिला कि एक गांव में आतंकी घुस आए हैं। उनके एक मकान में छिपे हुए होने की सूचना थी। सेना के गश्ती दल ने उस मकान को घेर लिया, जिसमें आतंकी छिपे हुए थे। गश्ती दल के कमाण्डर की सुरक्षा में तैनात धर्माराम की चौकस निगाहों ने देखा कि एक आतंकी भागते हुए छत पर पहुंच गया है और वहां से दनादन गोलियां बरसा रहा है। कमाण्डर व साथियों की हिफाजत करते हुए जाट ने उस पर फायर खोल ढेर कर दिया। उस दौरान एक अन्य आतंकी ने गोलियां बरसाई। 
आमने-सामने के मुकाबले में जांबाज धर्माराम के पेट के निचले हिस्से में गोली लगी। फिर भी वह लड़ते रहे और आतंकी को मार गिराया। सेना के इस सफल ऑपरेशन में इस जाबांज ने आतंकियों को मार गिराने के साथ अपने कमाण्डर व साथियों का भी बचाव किया। घायल धर्माराम को सेना के हेलीकॉप्टर से सैन्य अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। वे देश के लिए शहीद हो गए। अदम्य साहस व वीरता के लिए उन्हें मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित करने की घोषणा इसी 26 जनवरी को की गई।
तारातरा में शहीद की प्रतिमा
जांबाज की याद में उनके गांव तारातरा में आदमकद प्रतिमा लगाई जा रही है, जिसका अनावरण शहादत की प्रथम वर्षगांठ पर 25 मई को होगा। गांव के एक विद्यालय का नाम भी शहीद धर्माराम के नाम पर रखा गया है। शहीद की वीरांगना टीमू देवी अपने मासूम पुत्र हरीश को सेना में भेजने का इरादा रखती है और उन्हें शहीद की वीरांगना कहलाने पर गर्व है।

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