सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान को कठोरता से रोकें-जिला कलेक्टर
धौलपुर
सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य उत्पादन, आपूर्ति और वितरण का विनियमन अधिनियम(कोटपा) 2003 को अक्षरशः लागू करने के लिए मंगलवार को कलेक्टेªट में जिला कलेक्टर शुचि त्यागी की अध्यक्षता में अधिकारियों की आमुखीकरण कार्यशाल1 हुई।
जिला कलेक्टर ने बताया कि अधिनियम की पालना के साथ ही इसके प्रावधानों का बेहतर प्रचार-प्रसार भी आवश्यक है। तम्बाकू जानलेवा है। इसके सेवन से देश में प्रतिदिन 2740 और प्रतिवर्ष 10 लाख लोगों की मृत्यु होती है। छोटी उम्र के बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। प्रतिदिन 5500 बच्चे तम्बाकू निर्मित उत्पादों जैसे सिगरेट, बीडी, गुटखा, पान मसाला आदि की शुरूआत कर इसकी गिरफ्त में आ जाते हैं। राज्य के 32.3 प्रतिशत व्यस्क तम्बाकू सेवन के आदी हैं। 
जिला कलेक्टर ने बताया कि जो व्यक्ति इसका उपयोग कर रहे हैं या भविष्य में कर सकते हैं, उन्हें जागरूक करें । पेसिव स्मोकिंग में व्यक्ति स्वयं धूम्रपान नहीं करता लेकिन धूम्रपान कर रहे व्यक्ति के पास में उपस्थित रहने के कारण उसके स्वास्थ्य को गम्भीर नुकसान होता है। उन्होंने निर्देश दिऐ कि रोडवेज और निजी बसों, टैक्सियों, सरकारी एवं निजी कार्यालयों में किसी भी हालत में धूम्रपान न हो। 
अधिनियम की धारा 4 के मुताबिक सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान करना अपराध है। सार्वजनिक स्थानों के प्रभारी/मालिक प्रत्येक प्रवेश द्वार एवं मंजिल पर सुस्पष्ट स्थान पर 60 गुना 30 सेमी आकार का सफेद पृष्ठभूमि का बोर्ड लगाना सुनिश्चित करेंगे। इस बोर्ड में 15 सेमी व्यास की परिमिति होगी जिसकी चौडाई 3 सेमी से कम नहीं होगी। इतनी ही मोटाई के एक कटे घेरे के केन्द्र में काले धुंए के साथ सिगरेट या बीडी के चित्रा की कटती हुई प्रदर्शित होगी। बोर्ड के नीचे उस प्रभारी/मालिक का नाम और कॉन्टेक्ट नम्बर लिखा हो जिससे एक्ट के उल्लंघन की शिकायत की जा सके। यदि वह प्रभारी अधिनियम के उल्लंघन पर कार्रवाई नहीं करता है तो उस पर व्यक्तिगत अपराध करने के समान जुर्माना लगाया जायेगा। सार्वजनिक स्थानों पर सिगरेट लाइटर, माचिस, एश टे आदि उपलब्ध नहीं करवाये जायेंगे। 30 से ज्यादा कमरों वाले होटल, 30 से ज्यादा व्यक्तियों के बैठने की क्षमता के रेस्टोरेंट और एयरपोर्ट में पृथक स्मोकिंग जोन बनाया जा सकता है। इन नियमों के उल्लंघन पर 200 रूपये तक का जुर्माना किया जायेगा।
इस अधिनियम की धारा 5 के मुताबिक तम्बाकू पदार्थों के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष विज्ञापन पर पूर्ण प्रतिबन्ध है। इन उत्पादों की बिक्री वाली दुकान पर 60 गुना 40 सेमी आकार का सफेद पृष्ठभूमि वाला बोर्ड लगा होना चाहिये । इसके उपरी भाग में काले अक्षरों में 20 गुना 15 सेमी चौकोर भाग में तम्बाकू से कैन्सर होता है, लिखा होना चाहिऐ। उस बोर्ड पर तम्बाकू पदार्थों बीडी, सिगरेट, गुटखा आदि की सूची लगा सकते हैं। इस दुकान पर तम्बाकू उत्पाद के किसी ब्रांड का रंगीन फोटो नहीं होना चाहिऐ तथा कोई भी बोर्ड चमकदार/बिजलीयुक्त/ नियोन वाला नहीं होना चाहिऐ। इन नियमों के उल्लंघन पर 1 से 5 साल तक की कैद व 1000 से 5000 रूपये तक का जुर्माना किया जायेगा।
अधिनियम की धारा 6 (ए) के अनुसार 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को तम्बाकू बेचना अपराध है। 18 वर्ष से कम आयु का व्यक्ति इन उत्पादों को बेच भी नहीं सकता। बिक्री स्थान पर इस आशय का बोर्ड लगा हो कि 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को तम्बाकू बेचना अपराध है। इन नियमों के उल्लंघन पर 200 रूपये तक का जुर्माना किया जायेगा।
अधिनियम की धारा 6(बी) के अनुसार शिक्षण संस्थानों के 100 गज के दायरे में तम्बाकू पदार्थ बेचना अपराध है। शिक्षण संस्थानों के प्रभारी को प्रत्येक प्रवेश द्वार पर एक बोर्ड लगाना आवश्यक है, जिस पर लिखा हो कि ‘‘तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान, इस शिक्षण संस्थान के 100 गज के दायरे में तम्बाकू पदार्थ बेचतना अपराध है।’’ उक्त नियमों के उल्लंघन पर 200 रुपये तक का जुर्माना किया जा सकता है।
अधिनियम की धारा 7 के मुताबिक बिना चित्रित व वैधानिक चेतावनीके तम्बाकू पदार्थ के पैकेट बेचना अपराध है। यह चित्रित वैधानिक चेतावनी उपभोक्ताओं को बेचे जाने वाले प्रत्येक पैकेट के 85 प्रतिशत भाग पर स्पष्ट रूप से छपे होने आवश्यक है। चित्रित वैधानिक चेतावनी प्रतिवर्ष बदलनी आवश्यक है। यह चित्रित वैधानिक चेतावनी चलाने चलाने वाले और पीने वाले तम्बाकू के पैकेट पर छपी होनी चाहिये।
उक्त नियमों के उल्लंघन पर 2 से 5 साल की कैद व 10000 रुपये का जुर्माना किया जा सकता है। 
पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह ने बताया कि अधिनियम की पालना हर हालत में सुनिश्चित की जायेगी। कार्यशाला में जिला अस्पताल के प्रधान चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर जनार्दन सिंह परमार, जन स्वास्थ्य एवं अभियान्त्रिाकी विभाग के अधीक्षण अभियन्ता राजेन्द्र शर्मा, अधिशाषी अभियन्ता आर एस डागुर, जेवीवीएनएल के अधिशाषी अभियन्ता बी एस गुप्ता, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता के सहायक निदेशक मनोज कुमार , पीजी कॉलेज के प्राचार्य बाबूलाल शर्मा, कृषि वैज्ञानिक दांडी, धौलपुर सीडीपीओ गरिमा उपाध्याय,आबकारी निरीक्षक पुनीत शर्मा समेत बडी संख्या में अधिकारी, शिक्षित रोजगार केन्द्र प्रबन्धक समिति के पदाधिकारी मौजूद थे।

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