राजस्थान : बीपीएल महिलाओं को एएनसी के समय 3 तथा प्रसव के बाद 2 लीटर देशी घी
जयपुर 
राजस्थान मंत्रिमंडल की मंगलवार को बीपीएल महिलाओं को अब पहले प्रसव से पूर्व तीन किलो और प्रसव बाद दो किलो घी मिलेगा.
राजस्थान मंत्रिमंडल की मंगलवार को हुई बैठक में, बीपीएल महिलाओं को एएनसी के समय तीन तथा प्रसव के बाद दो लीटर देशी घी, बायोमास ऊर्जा नीति-2010 में संशोधन एवं एसटीएफ में कर्मियों को देय विशेष वेतन को दोगुना करने सहित कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए.
बैठक में लिये गये निर्णयों की जानकारी देते हुए संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने संवाददाताओं को बताया कि बीपीएल कार्डधारी परिवार की महिलाओं को प्रथम संस्थागत प्रसव के बाद दिया जाने वाला पांच लीटर देशी घी अब दो भागों में विभाजित करते हुए प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) के समय तीन लीटर और प्रसव के बाद दो लीटर दिया जाएगा. 
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की अध्यक्षता में मंत्रिमण्डल की हुयी बैठक में प्रसव पूर्व जांच को बढ़ावा देने तथा हाई रिस्क प्रेगनेन्सी वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान कर प्रसव पूर्व जटिलताओं का पता लगाने के मकसद से प्रसव के बाद मिलने वाले पांच लीटर देशी घी में से तीन लीटर प्रसव के चार से छह माह के बीच एएनसी के समय देने का निर्णय लिया गया है.
उन्होंने कहा कि प्रसव पूर्व जटिलताओं का पता लगने पर गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व टीके, आयरन की गोलियां तथा पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जा सकेगा. शुरूआत में यह योजना टोंक, धौलपूर, चूरू, जैसलमेर, झुंझुनूं, बारां एवं बांसवाड़ा में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चलाई जाएगी.
राठौड़ ने बताया कि वर्ष 2010 में प्रदेश में वैकल्पिक ऊर्जा को प्रोत्साहन देने के लिए बायोमास ऊर्जा नीति लागू की गई थी लेकिन इस योजना में गत चार वर्षो में मात्र एक प्लांट ही लग सका। इसे देखते हुए बायोमास ऊर्जा नीति-2010 में संशोधन का निर्णय लिया गया है. 
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि 36 माह के बाद भी प्लांट नहीं लगने पर निवेशक से ली जाने वाली पैनाल्टी अब तीन माह के लिए 25 हजार रुपये, 6 माह के लिए 50 हजार, 9 माह के लिए 75 हजार, 15 माह के लिए 1 लाख और 24 माह के लिए 1.25 लाख प्रति मेगावाट ली जाएगी.
उन्होंने बताया कि स्पेशल टास्क फोर्स के कर्मियों को देय विशेष वेतन को दोगुना करने का निर्णय लिया गया है. एसटीएफ के असिस्टेन्ट कमान्डेन्ट को अब 300 रुपये, कम्पनी कमान्डर को 200 रुपये, प्लाटून कमान्डर को 120 रुपये, हेड कांस्टेबल को 100 रुपये तथा कांस्टेबल को 80 रुपये प्रतिमाह विशेष वेतन देय होगा. 
उन्होंने बताया कि राजस्थान सिविल सेवा (चिकित्सा परिचर्या) नियम-2013 के नियम 16 के उप नियम (2) में संशोधन किया गया है. जिसके अनुसार इमरजेन्सी में तथा सरकारी दुकान पर दवा न मिलने या दुकान बंद होने पर अब कर्मचारी निजी दुकान से एक हजार रुपये तक की दवा खरीद सकेगा. पहले यह सीमा 500 रुपये थी। 
उन्होंने बताया कि मंत्रिमण्डल की बैठक में राजस्व, लोक अदालत-न्याय आपके द्वार अभियान की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया गया. उन्होंने बताया कि बैठक में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान की समीक्षा की गई तथा उम्मीद जताई गई कि अभियान के तहत 30 जून तक निर्धारित सभी कार्य समय पर पूरे कर लिए जाएंगे। 

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