कच्चे तेल की कीमत 12 साल बाद न्यूनतम स्तर पर, कम होंगे पैट्रोल-डीज़ल के दाम !
लंदन।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 12 साल बाद 33 डॉलर से नीचे उतरकर 32 डॉलर प्रति बैरल के करीब तक लुढ़क गया। इसकी बड़ी वजह अमेरिका में पेट्रोलियम भंडार के बढऩे को देखा जा रहा है। 
लंदन में कारोबार के दौरान ब्रेंट क्रूड पांच प्रतिशत टूटकर 32.16 डॉलर प्रति बैरल तक गिर गया। अप्रैल 2004 के बाद यह पहला मौका है जब ब्रेंट 33 डॉलर से नीचे उतरा है। 
हालांकि, बाद में इसमें थोड़ा सुधार देखा गया और यह बुधवार की तुलना में 3.4 प्रतिशत नीचे 33.07 डॉलर प्रति बैरल पर रहा। अमेरिकी क्रूड वायदा भी 32.10 डॉलर प्रति बैरल तक उतरने के बाद कुछ संभलकर 32.72 डॉलर प्रति बैरल पर रहा। कच्चा तेल की इस गिरावट से पिछले साल बाजार अध्ययन और सलाह कंपनी गोल्डमैन सैक्स द्वारा की गई उस भविष्यवाणी के सच होने की आशंका पैदा हो गई है जिसमें उसने कहा था कि 2016 में कच्चा तेल 20 डॉलर प्रति बैरल तक लुढ़क सकता है। 
अमेरिका में बुधवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले सप्ताह कच्चा तेल का भंडार एक करोड़ छह लाख बैरल बढ़ गया था। अमेरिका के पेट्रोलियम भंडार में इतनी बड़ी बढ़ोतरी 1993 के बाद से नहीं देखी गई थी। पहले से अति उत्पादन का दबाव झेल रहे कच्चा तेल में इससे और गिरावट आई है।
साथ ही दुनिया के प्रमुख तेल उपभोक्ता देशों में से एक चीन में जारी आर्थिक मंदी और उसके अपनी मुद्रा यूआन का पांच महीने में तीसरी बार अवमूल्यन करने से भी इस पर दबाव रहा। 
पश्चिम एशिया में सऊदी अरब और ईरान के बीच जारी तनाव से खाड़ी देशों के उत्पादन घटाने पर राजी होने की संभावना कम हुई है। इससे भी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसके दाम उतरे हैं।

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