बाड़मेर रिफाइनरी पर मंगलवार को फैसला संभव, एचपीसीएल के साथ नए सिरे से हो सकता है करार
— सरकार की इक्विटी बढ़ाई जाएगी
— ब्याज मुक्त कर्ज की सीमा घटाकर आधी की जाएगी
— मंगलवार को एचपीसीएल अफसरों के साथ बैठक प्रस्तावित
— मंगलवार की बैठक में नए समझौते पर सहमति के आसार
— सरकार एचपीसीएल के साथ कर सकती है नया एमओयू 

जयपुर। बाड़मेर रिफाइनरी पर मंगलवार को फैसला होने की उम्मीद बनती दिख रही है। एचपीसीएल के अफसरों के साथ मंगलवार को निर्णायक बैठक प्रस्तावित है, इस बैठक में रिफाइनरी को लेकर राज्य सरकार और एचपीसीएल के बीच नए सिरे से करार पर सहमति बनने के आसार है। सूत्रों के हवाले से आ रही खबरों के मुताबिक एचपीसीएल कंपनी निगोशिएट करने को तैयार है।
राज्य सरकार ने नए सिरे से समझौते की तैयारी कर ली है। बताया जाता है कि एचपीसीएल सालाना ब्याज मुक्त कर्ज को आधा करने पर तैयार है, साथ ही सरकार की इक्विटी की सीमा बढ़ाने को भी तैयार है। अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो मंगलवार को नए करार पर सहमति बनने के पूरे आसार है। इसके बाद सरकार एचपीसीएल के साथ नया एमओयू करेगी, नए एमओयू के बाद रिफाइनरी का एक काम आगे बढ़ेगा। गहलोत सरकार के समय किए गए करार के मुताबिक एचपीसीएल को 15 साल तक सालाना 3736 करोड़ रुपए ब्याज मुक्त कर्ज देना था, इसमें सरकार की इक्विटी भी 26 फीसदी थी। मौजूदा सरकार को ये दोनों शर्त मंजूर नहीं है।

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