मासूम ऑटो में कर रहे जोखिम भरा सफर
बालोतरा
शहर में रोजाना विद्यार्थियों को जोखिम भरा सफर करना पड़ता है। यहां संचालित विभिन्न निजी विद्यालयों में लगे ऑटो रिक्शा में क्षमता से अधिक बच्चों को ठूंसा जा रहा है। ऐसे में हरदम दुर्घटना की आशंका रहती है।
परिवहन आयुक्त व शासन सचिव ने हाल ही में आदेश जारी कर क्षमता से अधिक बच्चों का परिवहन करने वाले रिक्शा चालकों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं। परिवहन विभाग की अनदेखी के चलते रिक्शा चालक इन आदेशों को धत्ता बता रहे हैं।
शहर के भीतरी व बाहरी इलाकों में स्थित निजी विद्यालयों तक बच्चों को लाने-ले जाने के लिए कई ऑटो रिक्शा लगे हुए है। ज्यादा कमाई के लालच में चालक इनमें क्षमता से कई गुना अधिक बच्चों को बिठा देते हैं।
5 के आदेश, भरते हैं 12 से 15
अधिकांश ऑटो रिक्शा का भुगतान बच्चों की संख्या पर होता है। ऐसे में चालक अधिक बच्चों को ठूंस लेते हैं। परिवहन विभाग के आदेशानुसार ऑटो रिक्शा में अधिकतम पांच बच्चों को ही बिठाया जा सकता है। जबकि रिक्शाचालक इनमें 12-15 बच्चे ठूंस लेते हैं।
आदेश की अवहेलना
परिवहन आयुक्त व शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने 3 अगस्त को आदेश जारी किया कि बच्चे चंचल एवं जिज्ञासु स्वभाव के होते हैं। ऐसे में इनका परिवहन ऑटो रिक्शा में सुरक्षित नहीं है। उन्होंने समस्त जिला परिवहन अधिकारियों को विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में लगे तिपहिया वाहनों की प्रभावी जांच तथा कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बावजूद अधिकारियों ने कार्रवाई के प्रति गंभीर नहीं बरती।
कार्रवाई के आदेश मिले हैं। सोमवार से कार्रवाई शुरू कर देंगे।
राकेश विजयवर्गीय, परिवहन निरीक्षक
हो चुकी है दुर्घटनाएं
केस 1 क्षेत्र के मलवा-खारापार के निकट 50 से अधिक स्कूली बच्चों से भरी एक कैंपर पलट गई। इसमें उसमें सवार 17 बच्चे घायल हो गए।
केस 2 करीब तीन वर्ष पूर्व सिणधरी क्षेत्र के निम्बलकोट में आडेल के एक निजी स्कूल के बच्चों को ले जा रहा ट्रोला पलटने से तीन बच्चों की मौत हो गई तथा करीब एक दर्जन घायल हो गए।
केस 3 करीब चार वर्ष पूर्व रामजी का गोल के पास स्कूली बच्चों से भरा ट्रोला पलटने से छह बच्चों की मौत हो गई और 15 घायल हुए।
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