तीसरे स्थान पर रही महात्मा गांधी नरेगा की झांकी
महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2014-15 के दौरान 100 दिवस का रोजगार प्राप्त करने वाले 38 हजार परिवारांे के सदस्यांे को स्थाई रोजगार के लिए प्रोजेक्ट लाइफ के जरिए करीब 19 विभिन्न ट्रेडांे यथा सिलाई, इलेक्ट्रीशियन, कंप्यूटर वगैरह का प्रशिक्षण देकर स्थाई रोजगार उपलब्ध कराने की पहल की जाएगी।
बाड़मेर।
महात्मा गांधी नरेगा योजना ने स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध करवाकर रोजगार के लिए होने वाले पलायन पर अंकुश लगाने मंे महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। अब महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत अगस्त माह से प्रारंभ होने वाला पायलट प्रोजेक्ट ग्रामीणांे को स्थानीय स्तर पर बेरोजगारी को दूर करने के लिए प्रशिक्षण के उपरांत स्थाई रोजगार उपलब्ध कराने मंे महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस प्रोजेक्ट को दर्शाने वाली झांकी जिला स्तरीय समारोह मंे तृतीय स्थान पर रही।
अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक सुरेष कुमार दाधीच ने बताया कि जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा के निर्देशन मंे तैयार की गई इस झांकी के जरिए दर्शाया गया कि महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2014-15 के दौरान 100 दिवस का रोजगार प्राप्त करने वाले 38 हजार परिवारांे के सदस्यांे को स्थाई रोजगार के लिए प्रोजेक्ट लाइफ के जरिए करीब 19 विभिन्न ट्रेडांे यथा सिलाई, इलेक्ट्रीशियन, कंप्यूटर वगैरह का प्रशिक्षण देकर स्थाई रोजगार उपलब्ध कराने की पहल की जाएगी। इसके लिए सर्वे का कार्य पूर्ण हो चुका है। जिला स्तरीय समारोह के दौरान झांकी प्रदर्शन के दौरान महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत हुए विकास कार्याें के बारे मंे भी विस्तार से बताया गया। स्थानीय रासीउमावि स्टेशन मंे सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान बेहतरीन झांकी प्रदर्शन के लिए जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोपालराम बिरड़ा को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। दाधीच ने बताया कि प्रोजेक्ट लाइफ को क्रियान्वित करने के लिए कार्य योजना को अमलीजामा पहनाया जा रहा है।

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