पर्यटन के क्षेत्र में राजस्थान का गौरव बढ़ायेंगे - मुख्यमंत्री
जयपुर।
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि पर्यटन के विश्व मानचित्र पर राजस्थान का विशिष्ट स्थान है। पर्यटन के क्षेत्र में प्रदेश का गौरव बढ़ाने और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए और अधिक प्रयासों एवं कारगर कदम उठाने की जरूरत है।
श्रीमती राजे ने बुधवार को नई दिल्ली के जोधपुर हाउस में आयोजित एक अहम बैठक में राज्य की पर्यटन विकास से जुड़ी महत्वपूर्ण परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने आमेर विकास एवं प्रबंध प्राधिकरण, राज्य के पुरातत्व एवं संग्रहालय और पर्यटन विकास से जुड़ी योजनाओं एवं कार्यक्रमों की सिलसिलेवार जानकारी ली और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने जयपुर में आगामी नवम्बर में आयोजित होने वाले 'रिसर्जेंट-राजस्थानÓ की चर्चा करते हुए कहा कि राजस्थान में पर्यटन की विपुल संभावनाएं मौजूद हैं और प्रदेश के उन स्थानों को चिन्हित किया जाना चाहिए, जहां पर्यटन के नये सर्किट विकसित होने की संभावनाएं है। विशेषकर हेरिटेज संरक्षण, राज्य के समृद्घ इतिहास, अनूठी कला, संस्कृति और हस्तशिल्प कला के समृद्घ स्थानों पर और अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने भरतपुर, बीकानेर और अजमेर के म्यूजियमों के लिए कार्य योजना बनाने के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने नई दिल्ली स्थित बीकानेर हाउस के हैरिटेज संरक्षण एवं सौदंर्यकरण के कार्यो की भी समीक्षा की।
बैठक के दौरान नाहरगढ़ किले में वैक्स म्यूजियम स्थापित करने, एस.एम.एस. टाऊन हाल में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के इन्टरएक्टिव म्यूजियम बनाने, जलेब चौक पर ग्लोबल आर्ट स्क्वायर बनाने, आमेर महल में पर्यटकों के लिए सुविधाएं बढ़ाने और रामगढ़-शेखावाटी के संरचनात्मक विकास के प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा की गई। राजस्थान कल्चर फंड बनाने, हैरिटेज एक्ट की प्रगति, विभिन्न म्यूजियमों में प्रशिक्षित क्यूरेटर की व्यवस्था करने तथा क्यूरेटरों के प्रशिक्षण जैसे प्रस्तावों पर भी मुख्यमंत्री ने विस्तार से अधिकारियों के साथ चर्चा की।
बैठक में पर्यटन, कला एवं संस्कृति मंत्री श्रीमती कृष्णेन्द्र कौर 'दीपाÓ, मुख्यमंत्री सलाहकार परिषद की सदस्य श्रीमती मीरा महर्षि एवं श्रीमती माला सिंह, प्रमुख शासन सचिव पर्यटन शैलेन्द्र अग्रवाल, सार्वजनिक निर्माण विभाग के प्रमुख शासन सचिव डी.बी.गुप्ता, प्रमुख आवासीय आयुक्त डॉ. सविता आनंद, आमेर विकास एवं प्रबंध प्राधिकरण के निदेशक हृदयेश शर्मा, कार्यकारी निदेशक (प्रशासन) सुश्री अंजू राजपाल और एन.बी.सी.सी के अधिकारीगण भी मौजूद थे।

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