नृत्य नाटिका की ख़ास प्रस्तुति , सेकड़ो बच्चो ने लिया भाग 
बाड़मेर

अपने आस पास कुदरत के बदलते रंगो से मासूम कभी अनजान नही रहते लेकिन इनके नन्हे कदम बड़ा बदलाव तो नही ल सकते लेकिन उसका आगाज तो कर ही सकते है। इस बात को आधार बना कर बच्चो ने काव्य पंक्तियों के जरिये कुदरत के प्रति अपनी चिंता को सभी के सामने रखा। मौका था स्थानीय रामूबाई विधालय में जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग,मंथन आर्ट थयेटर और सीसीडीयू के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित विश्व पर्यावरण सप्ताह के छठे दिन आयोजित कविता लेखन प्रतियोगिता का। इस मोके पर 'सेव नेचर' नृत्य नाटिका का भी मंचन किया गया जिसे देख हर कोई मंत्र मुग्ध नजर आया। सेव नेचर नृत्य नाटिका में बच्चो ने एक पोधे के जीवन चक्र को दर्शाने के साथ साथ उस पोधे का कुदरत को बचाने और कुदरत का हमसफ़र कहे जाने वाले पंछियो की मदद को बखूबी उतरा गया। नाटिका में सवाद के साथ साथ वाद्य यंत्रो की शानदार जुगल बंदी ने बड़ी देर तक दर्शको को तालिया बजाने पर मजबूर कर दिया। सीसीडीयू के आईईसी कंसल्टेंट अशोक सिंह राजपुरोहित ऩे बताया कि रामबाई विधालय में जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग,मंथन आर्ट थयेटर और सीसीडीयू के संयुक्त तत्वाधान द्वारा आयोजित करवाई जा रही प्रतियोगिताओ के क्रम में बुधवार को कविता लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमे 77 प्रतिभागियों ने शिरकत की। बच्चो ने अपनी कविताओ के जरिये पेड़ लगाने , पेड़ो को न काटने ,पर्यावरण प्रदूषण रोकने ,जल अपव्यय रोकने ,प्लास्टिक का उपयोग न करने सहित पर्यावरण संरक्षण के कई बात को अपने विचारो के साथ कविता की शक्ल दी। राजपुरोहित ने बताया कि विधालय में जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग,मंथन आर्ट थयेटर और सीसीडीयू के संयुक्त तत्वाधान द्वारा आयोजित करवाई जा रही प्रतियोगिताओ का समापन समारोह 12 जून को दोपहर में आयोजित किया जायेगा जिसमे निबंध ,चित्रकला ,भाषण ,काव्य पाठ ,कविता लेखन और स्लोगन रायटिंग प्रतियोगिता में प्रथम ,दितीय और तीसरे स्थान पर रहने वाले प्रतियोगियों को पुरुस्कृत किया जाएगा।

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