बाड़मेर 60 वर्ष बाद राजस्व रेकर्ड में मिला भूमि का खातेदारी अधिकार
बाड़मेर। 
राज्य सरकार के निर्देशानुसार न्याय आपके द्वार के तहत राजस्व लोक अदालत शिविर का आयोजन पीठासीन अधिकारी एस.आर. मेहरा उपखण्ड अधिकारी बाड़मेर की अध्यक्षता में ग्राम पंचायत मुख्यालय मारुड़ी पर किया गया। 
उक्त राजस्व लोक अदालत शिविर में प्रार्थीनी फूली देवी पत्नी केसराराम एवं गंगादेवी पुत्री रामाराम तथा प्रार्थी मेघाराम, मांगाराम पुत्र केसराराम जाति भील द्वारा आवेदन पत्र पेश कर निवेदन किया गया कि उनके पति व पिता का नाम वक्त सेटलमेट सवत 2012 के दौरान राजस्व रेकर्ड में दर्ज होने से छुट गया है उनकी भूमि मात्र एक पुत्र पुनमाराम के दर्ज हो गई। वर्तमान में पुनमाराम व केसराराम दोनो का स्वर्गवास हो चुका है। परन्तु उनके वारिस पुत्री गंगा व केसराराम के पुत्र मेघाराम व मांगाराम तथा पत्नी फूली देवी का नाम राजस्व रेकर्ड में दर्ज नही हो चुका है। वर्तमान में उनके खातेदारी हक की भूमि में नाम दर्ज नहीं होने से उन्हें सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का कोई फायदा नहीं मिल पा रहा है। वे अनुसूचित जनजाति के गरीब कास्तकार है। उनके पास अपना हक प्राप्त करने हेतु वकील वगैरा नियुक्त कर कार्यवाही करने हेतु खर्चा वहन करने हेतु वे सक्षम नहीं है। अतः उनकी सुनवाई की जाकर उन्हें अपनी भूमि में वास्तविक खातेदारी हक दिलवाया जावें। 
अनुसूचित जनजाति के गरीब कास्तकारों की उक्त परिवेदना पर पीठासीन अधिकारी एस.आर मेहरा उपखण्ड अधिकारी बाड़मेर द्वारा मौके पर ही दोनों पक्षों की सुनवाई की जाकर दोनों पक्षों की सहमती से इन गरीब कास्तकारों के नाम राजस्व रेकर्ड में दर्ज कर खातेदारी अधिकार देने का आदेश प्रदान किया। तथा मौके पर ही उक्त भूमि की संयुक्त खातेदारी भूमि में इन अनुसूचित जाति जनजाति के गरीब कास्तकारों के नाम दर्ज कर मौके पर नामान्तकरण भी पारित किया गया। 60 वर्ष व्यतीत होने के प्रसात भूमि के वास्तविक अधिकार से इन गरीब लोगो ने संतोष प्रकट कर राहत महसूस की एवं पीठासीन अधिकारी का आभार प्रकट किया।

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