अप्रेल में तय होगी रिफाइनरी की दिशा
जयपुर।
राज्य के 37 हजार करोड़ के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट "रिफाइनरी कम पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स" लगाने को लेकर अब अप्रेल में दिशा तय होगी। यह प्रोजेक्ट 22 सितंबर 2013 से ठण्डे बस्ते में है। पहले विधानसभा चुनाव आचार संहिता और बाद में नई सरकार ने प्रोजेक्ट में कई कमियां बताते हुए सलाहकार नियुक्ति को लेकर रोक लगा दी थी लेकिन अब राज्य सरकार ने सलाहकार नियुक्ति का काम पूरा कर लिया है। चयनित फर्म को सरकार कागजी कार्रवाई पूरी कर हफ्तेभर में काम शुरू करने के लिए कह सकती है।
बाड़मेर जिले के पचपदरा में लगने वाली रिफाइनरी को लेकर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राज्य बजट में 37 हजार करोड़ के इस प्रोजेक्ट के लिए हिस्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लि. (एचपीसीएल) को 56 हजार करोड़ रूपए ब्याज मुक्त ऋण देने को लेकर आपत्ति जताई थी। उन्होंने रिफाइनरी के लिए सलाहकार नियुक्त कर सलाह लेने के बाद रिफ ाइनरी प्रोजेक्ट लगाने का ऎलान किया था। मुख्यमंत्री ने कहा था कि लागत से अधिक ब्याज मुक्त ऋण के रूप में राशि देना न्याय संगत नहीं है। फिर एचपीसीएल हिस्सेदारी भी मात्र 26 फीसदी दे रही है।
सलाहकार नियुक्ति को लेकर पेट्रोलियम निदेशालय ने 3 नवंबर को सलाहकार नियुक्ति को लेकर फर्मो से आवेदन मांगे थे। इसमें चार फर्मो ने आवेदन कर दिए लेकिन फर्मो क ा पेट्रोलियम के क्षेत्र में अनुभव कम होने के कारण पुन: 29 दिसंबर को निविदा जारी कर आवेदन मांगे। इसके बाद आए आवेदनों में से एक फर्म का चयन किया गया। हाला ंकि अभी इस फर्म के साथ राज्य सरकार के अधिकारियों के समझौता पत्र पर हस्ताक्षर नहीं हुए हैं। यह मल्टीनेशनल कम्पनी मुम्बई की बताई जा रही है।
प्रोजेक्ट पर यहां उलझन
लागत 37000 करोड़, जबकि राज्य सरकार को देना था ब्याज मुक्त ऋण 56,000 करोड़। इसके अलावा 4000 करोड़ रिफाइनरी में 26 फीसदी हिस्सेदारी की एवज में। ऎसे में सरकारी खजाने से 60,000 करोेड़ निकलते।
फर्म से इस पर मांगी जाएगी सलाह
- प्रोजेक्ट की लागत कम तो ब्याज मुक्त ऋण भी कम दिया जाए
- प्रोजेक्ट में राज्य सरकार की हिस्सेदारी 26 फीसदी से बढ़े
- 9 मिलियन मीट्रिक टन वार्षिक क्षमता की रिफाइनरी के लिए प्रदेश के अलावा बाहर से और कितने क्रूड ऑयल की होगी जरूरत
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