Hisar : Thousand leave Sant Rampal`s ashram, 6 killedरामपाल पर देशद्रोह का मामला दर्ज, भाई और प्रवक्ता गिरफ्तार, देर रात सरेंडर कर सकता है बाबा
हिसार। 
हरियाणा पुलिस ने हिसार जिले के बरवाला स्थित सतलोक आश्रम में मंगलवार को हुई पुलिस कार्रवाई के दौरान एक बच्चे सहित छह लोगों की मौत होने की पुष्टि की है, लेकिन उनकी मौत के कारणों का पता नहीं चल सका है। वहीं पुलिस ने रामपाल के भाई पुरूषोत्तम और आश्रम के प्रवक्ता को गिरफ्तार कर लिया। रामपाल का भाई अन्य श्रद्धालुओं के साथ छिपकर भाग रहा था। वहीं सूत्रों के अनुसार रामपाल देर रात तक सरेंडर कर सकते हैं।

राज्य के पुलिस महानिदेशक एस.एन. वशिष्ठ ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मृतकों में पांच महिलाएं भी शामिल हैं। मृतकों की पहचान मध्यप्रदेश निवासी धैर्य (डेढ़ साल), रजनी, सरिता, संतोष और मलकीयत तथा राजबाला केरूप में की गई है। उन्होंने इस बात से इनकार किया कि इन लोगाों की मौत पुलिस कार्रवाई में हुई। 

उन्होंने कहा कि पुलिस ने अपनी कार्रवाई के दौरान एक भी गोली नहीं चलाई। आश्रम संचालकाें ने चार महिलाओं के शव मंगलवार देर रात पुलिस को सौंपे। उनमें से किसी भी शव पर गोलियों के घाव नहीं पाए गए हैं। वशिष्ठ ने बताया कि सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल सकेगा। 

वशिष्ठ ने बताया कि पुलिस पर हमले के आरोप में लगभग 270 लोगों को हिरासत में लिया गया है जिनमें संत रामपाल के कमांडो भी शामिल हैं। इनके खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज किया गया है तथा इनसे बरवाला और हिसार थाने में पूछताछ की जा रही है। वशिष्ठ ने संत रामपाल से पुलिस के समक्ष आत्म समर्पण करने की भी अपील की। उन्होंने दावा किया कि संत रामपाल आश्रम के अंदर ही हैं तथा पुलिस आश्रम के बाहर घेरा डाले हुए हैं तथा संत को गिरफ्तार करके ही दम लेगी। उन्होंने बताया कि देर रात आश्रम से 2 हजार से ज्यादा लोगों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया इनमें अधिकतरमहिलाएं और बच्चे थे। इन सभी को बरवाला थाने ले जाया गया जहां से इन्हें रोडवेज की बसों से इनके गंतव्य स्थलों तक ले जाने की व्यवस्था की गई। 

इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर है कि पुलिस ने संत रामपाल के पुत्र को आश्रम के बाहर से गिरफ्तार कर लिया है। बताया जाता है कि रामपाल का पुत्र आश्रम से बाहर आ रहे लोगों के साथ कहीं निकलने की फिराक में था। इस दौरान वहां मुस्तैद पुलिस कर्मियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया है। सूत्रों के अनुसार, पुलिस के बढ़ते दबाव तथा देर शाम आश्रम पर फिर से सम्भावित कार्रवाई के मद्देनजर संत रामपाल बुधवार को शाम तक पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर सकते हैं। 

डीजीपी ने बताया कि पुलिस को अभी गोली चलाने के आदेश नहीं दिए गए हैं। पुलिस आश्रम में घुसने की कोशिश कर रही है। बाबा के समर्थक अंदर से पेट्रोल बम फेंक रहे हैं। डीजीपी ने बताया कि बाबा अभी आश्रम के अंदर ही है। जानकारी के मुताबिक संत रामपाल को गिरफ्तार करने के लिए आश्रम के चारों तरफ करीब 10 हजार पुलिस के जवान तैनात हैं। पुलिस ने समर्थकों को हटाने के लिए चेतावनी दी लेकिन बाद में लाठीचार्ज कर दिया। जिससे गुस्साएं समर्थकों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी फायरिंग की जिसमें कई लोग बुरी तरह घायल हो गए। मामले की कवरेज कर रहे मीडिया कर्मियों को भी लाठी चार्ज का शिकार होना पड़ा। पुलिस ने भीड़ को तीतर-बीतर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े। 

आश्रम के आसपास का क्षेत्र छावनी में तब्दील हो चुका है। जहां एक ओर पुलिस प्रशासन पूरी शक्ति के साथ आश्रम में घुसने का प्रयास कर रहा, वहीं दूसरी ओर समर्थक हिंसक प्रदर्शन पर उतारू हैं। समर्थकों ने पुलिस प्रशासन का चेतावनी देते हुए कहा है कि हम अपने जीते जी संत को गिरफ्तार नहीं होने देंगे, मर जाएंगे या मार देंगे। आश्रम रह-रह कर पुलिस और समर्थकों में गोली बारी जारी है। 

इससे पहले पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्देश पर संत रामपाल की गिरफ्तारी के लिए सोमवार शाम पुलिस के आश्रम की ओर आगे बढ़ने पर कुछ युवको ने आत्मदाह का प्रयास किया। आश्रम के चारों ओर घेरा डाले बैठी पुलिस के कुछ जवानो ने जैसे ही आश्रम के मुख्य द्वार की ओर बढ़ने का प्रयास तो वहां 24 से अधिक युवा अनुयायी अचानक आगे आए और उन्होने अपने ऊपर तेल छिड़क लिया। जैसे ही इन्होने खुद को आग लगाने की कोशिश की तो पुलिस ने बड़ी मुश्किल से इन्हें रोका और फिर पुलिस इन युवाओं को वहीं छोड़कर वापिस लौट गई।

सतलोक आश्रम के प्रमुख संत रामपाल की गिरफ्तारी के लिए पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने सोमवार को दूसरे गिरफ्तारी वारंट की पालना नहीं होने पर 21 नवम्बर तक पालना का समय देते हुए तीसरा गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने गिरफ्तारी में नाकाम रहने पर हरियाणा सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि क्या सरकार ने इतना पुलिस बल मीडिया को दिखाने के लिए तैनात किया था। यह सरकार एक बाबा को भी गिरफ्तार नहीं कर पा रही है।

दूसरे गिरफ्तारी वारंट की पालना नहीं होने पर सोमवार को सुनवाई के दौरान न्याय मित्र ने राय दी कि हरियाणा के गृहसचिव, पुलिस महानिदेशक व मुख्यमंत्री को भी न्यायालय की अवमानना के नोटिस जारी किए जाएं। खण्डपीठ ने तीसरे वारंट की पालना की तिथि 21 नवम्बर तय करते हुए सरकार को रामपाल की गिरफ्तारी के सिलसिले में पुलिस बन्दोबस्त पर हुए खर्च का ब्यौरा पेश करने का भी आदेश दिया, ताकि इसकी वसूली भी संत से की जा सके।

कौन हैं संत रामपाल
हरियाणा के सिंचाई विभाग के जूनियर इंजीनियर के पद से बर्खास्त किए गए रामपाल ने दान में मिली जमीन को लेकर रोहतक जिले के खरौटा में आश्रम की स्थापना की थी। वर्ष 2006 में इसी आश्रम के सिलसिले में आर्य समाजियों और रामपाल के अनुयायियों के बीच हुई फायरिंग में तीन लोग मारे गए थे। इस मामले में रामपाल को करीब 21 माह जेल में रहना पड़ा। इसके बाद वे जमानत पर रिहा किए गए। हाईकोर्ट में उनके खिलाफ अवमानना के मामले में सुनवाई चल रही है और इसी मामले में पेश होने के लिए जारी किए गए समन और गिरफ्तारी वारंट पर अमल नहीं हो रहा है। अवमानना के मामले रोहतक व हिसार की जिला अदालतों द्वारा भेजी गई शिकायतों पर शुरू किए गए हैं।

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